बार के ऊपर सिर्फ बांहों के सहारे अपने पूरे शरीर को खींचना मुश्किल होता है। ज्‍यादातर लोग पहली बार में लेट पुलडाउन एक्‍सरसाइज नहीं कर पाते हैं। लेट पुलडाउन एक ऐसी एक्‍सरसाइज है जो बांहों और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत कर उन्‍हें पुल-अप्‍स करने में मदद करती है। ये पुल-अप्‍स को आसान बनाने वाली सभी मांसपेशियों को ट्रेन कर सकती है।

लेटिसिमस डोरसी मसल्‍स को लेट्स के नाम से जाना जाता है जो पीठ के ऊपरी हिस्‍से की V शेप वाली बड़ी मांसपेशियां होती हैं। ये बांहों को रीढ़ की हड्डी से जोड़ती हैं इसलिए इसे लेट पुलडाउन कहते हैं।

किसी अन्‍य एक्‍सरसाइज की तरह लेट पुलडाउन सही तरीके और पोस्‍चर के साथ करना चाहिए वरना चोट लग सकती है।

  1. लेट पुलडाउन एक्‍सरसाइज के फायदे - Benefits of the lat pulldown exercise in hindi
  2. लेट पुलडाउन करने का तरीका - How to perform lat pulldown correctly in hindi
  3. लेट पुलडाउन के तरीके - Types of lat pulldown in hindi
  4. लेट पुलडाउन करते समय बरतें ये सावधानियां - Common errors while performing the lat pulldown in hindi
  5. सारांश - Takeaway

लेट पुलडाउन एक्‍सरसाइज शरीर के ऊपरी हिस्‍से की मांसपेशियों के प्रमुख ग्रुपों को टारगेट करती है।

  • लेटिसिमस डोर्सी (रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ पीठ के ऊपर की मांसपेशियां जो बांहों को जोड़ती हैं)
  • टेपजिअस मांसपेशियां (गर्दन के साथ-साथ कंधों की मूवमेंट को कंट्रोल करने वाली गर्दन के पीछे की मांसपेशियां)
  • कोहनी से नीचे का हिस्‍सा
  • बांह के ऊपरी हिस्‍से की मांसपेशियां
  • कंधों के रोटेटर कफ में मांसपेशियां

केबल ऑपरेटिड मशीन से शरीर के बाकी हिस्‍सों पर प्रेशर कम पड़ता है जो कि अक्‍सर पुल-अप्‍स में होता है। मशीन से इस एक्‍सरसाइज को करना आसान होता है और आपको जल्‍दी रिजल्‍ट मिल सकता है।

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लेट पुलडाउन मशीन से करने वाली एक्‍सरसाइज है जो पोस्‍चर पर ध्‍यान देती है और शरीर के ऊपरी हिस्‍से की मांसपेशियों की रेंज को विकसित करती है। आप इस तरीके से लेट पुलडाउन कर सकते हैं :

किन मांसपेशियों पर काम करती है

प्रमुख

  • लेट्स (लेटिसिमस डोर्सी मसल्‍स)
  • बाइसेप्‍स

अन्‍य

  • ट्राइसेप्‍स
  • फोरआर्म (कोहनी का निचला हिस्‍सा)
  • ट्रैप्‍स
  • छाती का ऊपरी हिस्‍सा

कितनी गंभीर है

  • लो (शुरुआती)

सेट और रेप्‍स

  • हर 15 रेप्‍स के 3 सेट

तकनीक

  • अपनी ताकत के हिसाब से वेट सेट करें और जितनी ऊंचाई पर आप जा सकते हैं, सीट को उस हिसाब से सेट करें।
  • कंधों की चौड़ाई से बार के साथ हल्‍की चौड़ी ग्रिप रखें। हथेलियां आपसे दूर होनी चाहिए।
  • शरीर को पीछे ले जाए बिना पीठ को सीधा रखें, बार को अपनी ओर खींचें। बार को अपनी ठोड़ी से नीचे ले जाने की कोशिश करें।
  • अपनी कोहनी की मदद से, पीठ की मांसपेशियों को तनाव महसूस करने के लिए नीचे की ओर दबाएं।
  • अब धीरे-से बार को ऊपर उठाकर ले जाएं। ये एक रेप हुआ।

टिप : वेट को नीचे खींचते समय सांस छोड़ें और शुरुआती पोजीशन में आने पर सांस अंदर खींचें।

आप कई तरीकों से लेट पुलडाउन कर सकते हैं :

  • क्‍लोज-ग्रिप लेट पुलडाउन : इस तरीके में रिवर्स या अंडरहैंड ग्रिप के साथ बार को पकड़ना होता है। बाकी की मूवमेंट एक जैसी रहती है।
  • वाइड-ग्रिप लेट पुलडाउन : इसमें स्‍टैंडर्ड लेट पुलडाउन से ज्‍यादा हाथ चौड़े करने होते हैं।
  • वन-आर्म लेट पुलडाउन : इस वेरिएशन में स्टिरप या चौड़ी बार पर एक हाथ से ग्रिप बनानी होती है जो लेट मांसपेशियों की एक साइड को टारगेट करती है। एक हाथ से स्टिरप को पकड़ें और दूसरी साइड पर जाने से पहले इसे पूरा दोहराएं।
  • बिहाइंड द नेक लेट पुलडाउन : मशीन से चेहरा दूर रखें, बार को पकड़ें और ट्रैप्‍स यानि गर्दन के पीछे वाले हिस्‍से के छूने तक इसे खींचें।
  • V-ग्रिप लेट पुलडाउन : इसमें V बार का इस्‍तेमाल होता है और उसे छाती के सामने नीचे लाना होता है।
  • रोप लेट पुलडाउन : इसमें दोनों हाथों से रोप को पकड़ना होता है और उसे बाहर की ओर रोप के अंत तक ठोड़ी के लेवल तक स्‍ट्रेच करना होता है।
  • D-ग्रिप लेट पुलडाउन : इसमें D-ग्रिप बार का इस्‍तेमाल किया जाता है। उसके हैंडलों को पकड़कर पुलडाउन मूवमेंट की जाती है।

सारी वेरिएशन पढ़ने में एक-जैसी लगती होंगी, लेकिन हर वेरिएशन में पुलिंग मूवमेंट अलग है और अलग तरह से मांसपेशियों को टारगेट करती हैं।

जिम में लेट पुलडाउन एक्‍सरसाइज बहुत की जाती है लेकिन इसे अक्‍सर लोग गलत तरीके से करते हैं। इसमें लोग ज्‍यादा पेट या अपनी बाॅडी को बार-बार मोड़ने या झुकाने की गलती करते हैं जिससे हर्निएटिड डिस्‍क, कमर दर्द, कंधे के खिसकने और मांसपेशी पर निम्‍न तरह से प्रेशर पड़ने की वजह से चोट लग सकती है :

  • पीठ को झुकाना : गलत तरीके से पीठ को झुकाने से पोस्‍चर खराब होता है जिससे लिफ्टिंग मूवमेंट बिगड़ जाती है। अपनी पीठ को सीधा और छाती को हल्‍का-सा बाहर रखें।
  • आधे रेप्‍स : शुरुआत में लोग बार-बार इस गलती को करते हैं। वो मासंपेशियों पर ज्‍यादा दबाव बनाए बिना ही एक रेप पूरा कर लेते हैं जबकि इसमें सभी मांसपेशियों का शामिल होना जरूरी होता है।
  • ताकत से ज्‍यादा लिफ्टिंग करना : जब आप अपनी ताकत से ज्‍यादा लिफ्ट करते हैं तो गलत तकनीक का जोखिम बढ़ जाता है और आपको चोट भी लग सकती है। हल्के वजन के साथ मूवमेंट को सही रखने से आप अपनी तकनीक को परफेक्‍ट कर सकते हैं और धीरे-धीरे ताकत पा सकते हैं।
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मल्‍टीपल मसल ग्रुपों के साथ पीठ की ऊपरी मांसपेशियों को उत्तेजित करने के लिए यह बेहतरीन एक्‍सरसाइज है। यह पुल-अप्‍स की जगह भी की जा सकती है।

इसके लिए आपके पास जिम या फिटनेस सेंटर होना चाहिए क्‍योंकि वहीं पर इसकी मशीन होती है। मूवमेंट में हल्‍के बदलावों के साथ यह एक्‍सरसाइज अलग-अलग मसल ग्रुपों को टारगेट करती है।

हालांकि, किसी अन्‍य एक्‍सरसाइज की तरह आपको वर्कआउट करने से पहले वार्म-अप कर लेना चाहिए। फिट और हेल्‍दी बॉडी पाने के लिए संतुलित आहार लें और पर्याप्‍त आराम करें।

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