मांसपेशियों की कमजोरी - Muscle Weakness in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

July 30, 2018

September 10, 2021

मांसपेशियों की कमजोरी
मांसपेशियों की कमजोरी

मास्पेशियों की कमजोरी क्या होती है?

मांसपेशियों की कमजोरी एक ऐसी समस्या है जिसमें आपका शरीर कमजोर महसूस करता है और वह मांसपेशियों की गतिविधियां ठीक से नहीं कर पाता।

मांसपेशियों की कमजोरी एक आम समस्या है जो ज़्यादातर अधिक व्यायाम करने के कारण या शरीर के पास कोई कार्य करने के लिए ताकत न रहने के कारण होती है। मासपेशियों की कमजोरी कई समस्याओं के कारण हो सकती है जैसे मेटाबॉलिक बीमारियों (Meatbolic Diseases), तंत्रिकाओं से सम्बंधित बीमारियों (Neurologic Diseases) और मांसपेशियों से सम्बंधित बीमारियों (Muscle Diseases) के कारण। उम्र के कारण भी मांसपेशियों में कमजोरी आती है और उनमें ताकत नहीं रहती। कारण के आधार पर, कमजोरी एक मासपेशी में या सब मांसपेशियों में भी हो सकती है।

(और पढ़ें - कमजोरी के लक्षण)

मांसपेशियों में कमजोरी महसूस करने के अलावा आप कुछ अन्य लक्षण भी अनुभव कर सकते हैं, जैसे शरीर के कुछ हिस्सों में जलन, अधिक गिरना, मांसपेशियों का तालमेल रखने में दिक्कत, मांसपेशियों में मरोड़ और चुभन व झटके महसूस होना।

मांसपेशियों के परीक्षण के लिए ब्लड टेस्ट और एमआरआई स्कैन जैसे इमेजिंग टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है। मांसपेशियों की ताकत देखने के लिए आपका इलेक्ट्रोमायोग्राफी (Electromyography) टेस्ट भी किया जा सकता है।

कारण के आधार पर, आपका थेरेपी या दवाओं से इलाज किया जा सकता है। अगर आप समय पर मांसपेशियों में कमजोरी का इलाज नहीं लेते हैं, तो इससे मांसपेशियों की आकृति बिगड़ सकती है और उन्हें अधिक नुक्सान भी हो सकता है।

(और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के घरेलू उपाय)

मांसपेशियों की कमजोरी के लक्षण - Muscle Weakness Symptoms in Hindi

मांसपेशियों की कमजोरी के लक्षण क्या होते हैं?

मांसपेशियों की कमजोरी के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं -

ज़्यादातर मामलों में, मांसपेशियों की कमजोरी होना एक ऐसी समस्या का लक्षण होता है जिसे तुरंत चिकित्स्कीय आवश्यकता होती है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

कमजोरी की समस्या में निम्नलिखित लक्षण अनुभव करने पर तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं -

  • बेहोश होना
  • अचानक मांसपेशियों की कमजोरी होना।
  • कुछ दिनों में कमजोरी और गंभीर होना।
  • अचानक से कुछ महसूस न कर पाना।
  • अचानक उलझन होना, बोल न पाना और चीज़ें न समझ पाना।
  • छाती की मांसपेशियों में कमजोरी आना, जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होना। (और पढ़ें - छाती में दर्द का इलाज)
  • अंगों को हिलाने और चलने, खड़े होने व बैठने में दिक्कत होना।

मांसपेशियों की कमजोरी के कारण और जोखिम कारक - Muscle Weakness Causes & Risk Factors in Hindi

मास्पेशियों की कमजोरी के कारण क्या होते हैं?

कई समस्याओं के कारण मासपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जैसे -

  • "पॉलीमायोसिटिस" (Polymyositis: मांसपेशियों की दीर्घकालिक सूजन)
  • स्ट्रोक
  • पोलियो
  • खून की कमी
  • रूमेटिक बुखार (Rheumatic fever: स्ट्रेप थ्रोट की एक जटिलता)
  • "बोटुलिज़्म" (Botulism: बोटुलिनम बैक्टीरिया के कारण होने वाली एक जानलेवा बीमारी)
  • थायराइड बढ़ना
  • "हायपरकैल्सीमिया" (Hypercalcemia: शरीर में कैल्शियम का स्तर अधिक होना)
  • "ग्रेव्स रोग" (Graves disease: थायराइड को प्रभावित करने वाला एक रोग)
  • "गिल्लन-बर्रे सिंड्रोम" (Guillain-Barre syndrome: प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा नसों को नुकसान पहुंचने वाला एक रोग)
  • "मायस्थीनिया ग्रेविस" (Myasthenia gravis: गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मांसपेशियों की कमजोरी)
  • "पेरिफेरल न्यूरोपैथी" (Peripheral neuropathy: एक प्रकार का नसों का नुक्सान)
  • "न्यूरेल्जिया" (Neuralgia: एक प्रकार का नसों का दर्द)
  • बहुत लम्बे समय तक कोई गतिविधि न करना
  • "क्रोनिक फैटीग सिंड्रोम​" (chronic fatigue syndrome: हर समय थकान रहना)
  • "मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी" (Muscular dystrophy: मांसपेशियों का एक अनुवांशिक विकार)
  • "हायपोटोनिया" (Hypotonia: मांसपेशियों के खिंचाव में कमी)

मांसपेशियों की कमजोरी के जोखिम कारक क्या होते हैं?

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मांसपेशियों की कमजोरी से बचाव - Prevention of Muscle Weakness in Hindi

मांसपेशियों की कमजोरी से कैसे बचा जा सकता है?

मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें -

  • अधिक गतिविधि करने के बाद मांसपेशियों को आराम देना ज़रूरी होता है। अगर आपने हाथों से सम्बंधित कोई एक्सरसाइज की है, तो उसके बाद अपने हाथों को अच्छे से स्ट्रेच करें और जब तक उनमें कमजोरी महसूस हो रही है तब तक कोई काम न करें। (और पढ़ें - स्ट्रेच मार्क्स हटाने के घरेलू उपाय)
  • कभी-कभी मांसपेशियों को गलत तरह से उपयोग करने से उन्हें नुकसान पहुंचता है, जिससे उनमें कमजोरी आ जाती है, जैसे भारी सामान उठाते समय सही तरीके से उठाना महत्वपूर्ण है ताकि आपकी मांसपेशियों में मोच न आए (खासकर कंधे की मांसपेशियों में)।
  • हाथों की ताकत बनाए रखने के लिए अपने रोज़मर्रा के व्यायाम के नियम में हलके वज़न उठाने वाली एक्सरसाइज करें और वजन को धीरे-धीरे बढ़ाएं, जिससे आपकी हाथों की ताकत बढ़ेगी और आपको मोच नहीं आएगी।
  • मांसपेशियों को स्ट्रेच करने से उनमें खून का प्रवाह सही होता है जो मांसपेशियों की मरम्मत और कार्य करने की क्षमता के लिए अच्छा होता है।
  • अगर आपको हमेशा ही मांसपेशियों की कमजोरी रहती है, तो आपको फिजियोथेरपी से आराम मिल सकता है। आपके थेरेपिस्ट आपके मांसपेशियों के नुक्सान के लिए एक्सरसाइज बताएंगे।

बताए गए उपायों का नियमित उपयोग करने से मांसपेशियों  होने का जोखिम कम हो जाता है।

मांसपेशियों की कमजोरी का परीक्षण - Diagnosis of Muscle Weakness in Hindi

मांसपेशियों की कमजोरी का पता कैसे लगाया जाता है?

अगर आपको बिना किसी वजह मांसपेशियों की कमजोरी हो रही है, तो अपने डॉक्टर के पास जाएं। आपके डॉक्टर आपसे लक्षणों और प्रभावित मांसपेशियों के बारे में पूछेंगे। वह आपके व आपके परिवार की चिकित्सा समस्याओं के बारे में भी पूछेंगे।

  • प्रभावित मांसपेशियों का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपका शारीरिक परीक्षण करेंगे। वह सूजन की जाँच करने के लिए आपकी मांसपेशियों को दबा कर यह देखेंगे कि आपको दर्द हो रहा है या नहीं। वह आपको चल कर दिखाने के लिए भी कह सकते हैं। (और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)
  • आपके डॉक्टर मांसपेशियों को मिलने वाले संकेतों को देखने के लिए आपकी तंत्रिकाओं की जाँच करेंगे। वह आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system) की जाँच करके आपके संतुलन और ताल-मेल बैठाने की क्षमता की जाँच करेंगे।
  • कमजोरी की गंभीरता, लक्षण, दवाओं के प्रयोग और पारिवारिक चिकित्सा समस्याओं के बारे में जानने से डॉक्टर को कमजोरी की वजह का पता लगाने में मदद मिलेगी।
  • डॉक्टर आपकी अनैच्छिक गतिविधि करने की क्षमता (Reflexes), महसूस करने की क्षमता और मांसपेशियों के खिंचाव की जाँच करेंगे।

आपके निम्नलिखित परीक्षण भी किए जा सकते हैं -

  • संक्रमण और अन्य समस्याओं की जाँच करने के लिए ब्लड टेस्ट। (और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण)
  • मांसपेशियों में तंत्रिकाओं के कार्य को देखने के लिए "इलेक्ट्रोमायोग्राफी" (Electromyography)।
  • हॉर्मोन, साल्ट और रक्त कोशिकाओं की जाँच करने के लिए ब्लड टेस्ट
  • शरीर के अंदर के भागों की जाँच करने के लिए एमआरआई और सीटी स्कैन
  • तंत्रिकाओं के कार्यों को देखने के लिए उनका परीक्षण।

मांसपेशियों की कमजोरी का इलाज - Muscle Weakness Treatment in Hindi

मांसपेशियों की कमजोरी का उपचार कैसे होता है?

मांसपेशियों की कमजोरी का पता लगाने के बाद आपके डॉक्टर आपके लिए सही उपचार बताएंगे। इसका इलाज कमजोरी की वजह और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है।

फिजिकल थेरेपी (Physical therapy) और ऑक्यूपेशनल थेरेपी (Occupational therapy) से लोगों को आराम मिल सकता है। फिजियोथेरपी से मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने और खोई हुई ताकत वापिस लाने में मदद मिलती है।

मांसपेशियों की कमजोरी के कुछ घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं -

  • तेल की मालिश - रोज़ाना तेल की मालिश करना मांसपेशियों की कमजोरी के लिए सबसे अच्छा इलाज है। इससे आपकी मासपेशियां मजबूत होती हैं। नारियल तेल और सरसों के तेल को गर्म करके मिला लें और उससे 20 मिनट के लिए मालिश करें। यह प्रक्रिया को दिन में कुछ बार दोहराएं।
  • व्यायाम - पैदल चलना मांसपेशियों की कमजोरी को ठीक करने का सबसे अच्छा उपाय है। रोजाना आधे से एक घंटे के लिए पैदल चलने, तैरने, जॉगिंग करने, दौड़ने और साइकिल चलाने से आपकी कमजोर मासपेशियां मजबूत होती हैं। (और पढ़ें - फिटनेस)
  • अंडे - अण्डों से मांसपेशियों की कमजोरी और थकान सही होती है। अण्डों में प्रोटीन होता है, जिससे मासपेशियां मजबूत होती हैं और उनका नुक्सान ठीक होता है। रोजाना नाश्ते में कम से कम दो अंडे खाएं।
  • पानी पिएं - मांसपेशियों की कमजोरी की मुख्य वजह होती है शरीर में पानी की कमी। पानी पीने से मासपेशियां मजबूत होती है और उनमें मौजूद कजोरी भी ठीक होती है। रोजाना दस गिलास पानी पिएँ और पानी वाले फल खाएं, जैसे तरबूज, खीरा और नारियल। (और पढ़ें - नारियल के दूध के फायदे)
  • केले - केले में पोटेशियम के साथ-साथ ऐसे मिनरल होते हैं जो मांसपेशियों की कमजोरी को ठीक कर सकते हैं। अगर आप रोज़ाना दो केले खाते हैं, तो पोटैशियम से आपकी मासपेशियां मजबूत रहेंगी। आप केले का मिल्कशेक भी पी सकते हैं।
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मांसपेशियों की कमजोरी की जटिलताएं - Muscle Weakness Complications in Hindi

मांसपेशियों की कमजोरी की जटिलताएं क्या होती हैं?

मांसपेशियों की कमजोरी से निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं -

  • सांस लेने की समस्याएं
  • निगलने में दिक्कत
  • चलने में दिक्कत
  • मांसपेशियों में ऊर्जा न रहना
  • जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों या टेंडन का संकुचित होना


संदर्भ

  1. Jinsook Roh et al. The Effects of Selective Muscle Weakness on Muscle Coordination in the Human Arm. Applied Bionics and Biomechanics, Volume 2018, Article ID 5637568, 16 pages.
  2. Karatzaferi C, Chase PB. Muscle fatigue and muscle weakness: what we know and what we wish we did. Front Physiol. 2013 May 30;4:125. PMID: 23755020
  3. Holbrook JH. Weakness and Fatigue. In: Walker HK, Hall WD, Hurst JW, editors. Clinical Methods: The History, Physical, and Laboratory Examinations. 3rd edition. Boston: Butterworths; 1990. Chapter 213.
  4. Jan L. DE Bleecker. How to approach the patient with muscular symptoms in the general neurological practice? Acta neurol. belg., 2005, 105, 18-22. PMID: 15861991
  5. Corinne GC Horlings et al. A weak balance: the contribution of muscle weakness to postural instability and falls. Nature Clinical Practice Neurology,4; 2008: 504-515. PMID: 18711425

मांसपेशियों की कमजोरी के डॉक्टर

Dr. G Sowrabh Kulkarni Dr. G Sowrabh Kulkarni ओर्थोपेडिक्स
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मांसपेशियों की कमजोरी की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Muscle Weakness in Hindi

मांसपेशियों की कमजोरी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।