भेंगापन - Cross-Eyes in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

March 06, 2020

भेंगापन
भेंगापन

भेंगापन क्या होता है ?

भेंगापन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपकी आंखें एक वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने के लिए साथ काम नहीं कर पाती हैं। यदि आपको यह समस्या है, तो आपकी आंखें अलग-अलग दिशाओं में देखती हैं और प्रत्येक आँख अलग-अलग वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

आम तौर पर, प्रत्येक आँख से जुडी मासपेशियां एक ही दिशा में दोनों आँखों को एक साथ ले जाने के लिए मिलकर काम करती हैं। भेंगापन तब होता है जब आँखों की मासपेशियां आँखों की गतिविधयों को नियंत्रित करने के लिए ठीक से काम नहीं कर पाती हैं। जब यह मासपेशियां ठीक से काम नहीं कर पाती हैं, तो आँखें साथ काम नहीं कर पाती हैं और मस्तिष्क दोनों आँखों से देखी जा रही अलग-अलग वस्तुओं को समझ नहीं पाता है।

यह समस्या बच्चों में अधिक आम है, लेकिन यह बाद में भी हो सकता है। बड़े बच्चों और वयस्कों में, भेंगापन विभिन्न प्रकार की चिकित्सा स्थितियों से भी हो सकता है, जैसे कि मस्तिष्क पक्षाघात या स्ट्रोक

भेंगापन आमतौर पर लेंस, सर्जरी या दोनों के संयोजन से ठीक किया जा सकता है।

भेंगापन के प्रकार - Types of Cross-Eyes (Strabismus) in Hindi

भेंगेपन के कितने प्रकार होते हैं ?

भेंगेपन के निम्नलिखित तीन प्रकार होते हैं -

एसोट्रोपिया (Esotropia) -
बचपन के भेंगेपन का सबसे आम रूप एसोट्रोपिया है, जिसमें एक आँख सीधे आगे देखने की बजाए नाक की तरफ आ जाती है। एसोट्रोपिया अक्सर शिशुओं या बहुत छोटे बच्चों में होता है।

एक्सोट्रोपिया (Exotropia) -
एक्सोट्रोपिया में एक आँख सीधा देखने की बजाए बाहर की तरफ जाती है। एक्सोट्रोपिया के लक्षण आमतौर पर 1 से 6 वर्ष की आयु के बीच शुरू होते हैं।

हाइपरट्रोपिया (Hypertropia) -
हाइपरट्रोपिया में एक आँख सीधा देखने की बजाए भौंह की तरफ जाती है। यह भेंगेपन का एक दुर्लभ प्रकार है।

(और पढ़ें - आँखों के फड़कने का कारण)

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भेंगापन के लक्षण - Cross-Eyes (Strabismus) Symptoms in Hindi

भेंगापन​ के क्या लक्षण होते हैं ?

भेंगेपन के सबसे आम लक्षण निम्नलिखित हैं -

  • आँखों का एक समय में एक दिशा में न देख पाना (यदि आपके बच्चे की आंखें केवल थोड़ी तिरछी हैं, तो हो सकता है आप इसपर ध्यान न दे पाएं)।
  • दोनों आँखों का साथ न चलना।
  • उज्ज्वल सूरज की रोशनी में एक आँख बंद करना या टेढ़ी करना।
  • एक वस्तु को देखने के लिए सिर को झुकाना या मोड़ना।
  • बार-बार टकराने की समस्या।

(और पढ़ें - गुहेरी का इलाज)

भेंगापन के कारण - Cross-Eyes (Strabismus) Causes in Hindi

भेंगेपन के क्या कारण होते हैं?

  • बचपन में हुए भेंगेपन का अक्सर कोई ज्ञात कारण नहीं होता है, हालांकि यह अनुवांशिक हो सकता है।
  • कभी-कभी भेंगापन तब विकसित होता है, जब आँखें अन्य दृष्टि की समस्याओं (जैसे दूर देखने में समस्या या मोतियाबिंद) की क्षतिपूर्ति करती हैं। (और पढ़ें - मोतियाबिंद के घरेलू उपाय)
  • बड़े लोगों में भेंगापन आँख या रक्त वाहिका के नुकसान से हो सकता है। 
  • दृष्टि खोना, आँख का ट्यूमर या ब्रेन ट्यूमर, ग्रेव्स बीमारी (Graves' disease), स्ट्रोक और विभिन्न मांसपेशियों व तंत्रिका संबंधी विकार भी वयस्कों में भेंगापन पैदा कर सकते हैं।

भेंगेपन के जोखिम कारक क्या होते हैं?

आपको भेंगापन होने की अधिक संभावना है, यदि -

  • आपके परिवार के सदस्यों को भेंगापन है।
  • आपको मस्तिष्क विकार या ब्रेन ट्यूमर है।
  • आपको स्ट्रोक या मस्तिष्क की चोट का अनुभव हुआ है।
  • आपकी दूर की नज़र कमज़ोर है या दृष्टि की हानि है। (और पढ़ें - आँखों की रौशनी बढ़ाने के उपाय)
  • आपका रेटिना क्षतिग्रस्त है।
  • आपको शुगर की बीमारी है।

(और पढ़ें - शुगर के घरेलू उपाय)

भेंगापन से बचाव के उपाय - Prevention of Cross-Eyes (Strabismus) in Hindi

भेंगेपन से बचाव कैसे होता है ?

भेंगेपन से बचाव मुश्किल है, लेकिन इसके निदान में देरी और उससे होने वाली दृष्टि की हानि को रोका जा सकता है।
सभी बच्चों की आँखों की जाँच नियमित अंतराल पर अच्छी तरह से होनी चाहिए। (और पढ़ें - आंखों की देखभाल कैसे करे)
समयपूर्व हुए बच्चों का विशेष रूप से नेत्र परीक्षण होना चाहिए, खासकर जिन्हें रेटिना से सम्बंधित कोई समस्या है।

(और पढ़ें - ड्राई आई सिंड्रोम का इलाज)

भेंगापन का परीक्षण - Diagnosis of Cross-Eyes (Strabismus) in Hindi

भेंगेपन का परीक्षण/ निदान कैसे होता है ?

आँखों की रौशनी को खोने से बचाने के लिए भेंगेपन का शीघ्र निदान और उपचार महत्वपूर्ण है। यदि आपमें भेंगेपन के लक्षण विकसित हो रहे हैं, तो इसे तुरंत आँखों के चिकित्सक को दिखाएँ। वे आपकी आँखों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए परीक्षण करेंगे।

(और पढ़ें - आँखों की रौशनी कैसे बढ़ाये)

इसमें निम्नलिखित परीक्षण शामिल हो सकता है -

  • भेंगेपन की जांच करने के लिए कॉर्नियल लाइट रिफ्लेक्स टेस्ट (Corneal light reflex)।
  • दूरी से पढ़ने की क्षमता की जाँच करने के लिए विज़ुअल एक्युइटी टेस्ट (Visual acuity test)।
  • आँखों की गतिविधिओं और विचलन को मापने के लिए कवर/अनकवर टेस्ट (Cover/uncover test)।
  • आंखों के पीछे के हिस्से की जांच करने के लिए रेटिना टेस्ट (Retina test)।

(और पढ़ें - निकट दृष्टि दोष का इलाज)

अगर आपको आँखों की समस्या के साथ अन्य शारीरिक लक्षण भी हैं, तो आपके चिकित्सक अन्य स्थितियों के लिए आपके मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र की जांच कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, वे मस्तिष्क पक्षाघात या गुइलैन-बैर सिंड्रोम की जांच के लिए आपके परीक्षण कर सकते हैं।

नवजात शिशुओं में भेंगापन सामान्य है। यदि आपके बच्चे का भेंगापन 3 महीने से अधिक रहता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

छोटे बच्चों का 3 साल से पहले आँख का परीक्षण होना चाहिए।

(और पढ़ें - दूर दृष्टि दोष का इलाज)

भेंगापन का उपचार - Cross-Eyes (Strabismus) Treatment in Hindi

भेंगेपन का इलाज कैसे होता है ?

भेंगेपन का इलाज आमतौर पर उसके कारण के आधार पर चश्मे, थेरेपी और सर्जरी के संयोजन से किया जाता है।

चश्मा -
एसोट्रोपिया (Esotropia) के मामलों में, आँखें दूर की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास में अंदर की तरफ मुड़ जाती है और इसका उपचार आमतौर पर चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के माध्यम से किया जाता है। इन मामलों में सर्जरी केवल तभी की जाती है जब लेंस या चश्मे से आँख का मुड़ना ठीक नहीं होता है।

(और पढ़ें - चश्मा छुड़ाने के उपाय)

सर्जरी -
भेंगेपन की सर्जरी में आँखों की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों को लम्बा, छोटा या उनकी जगह बदल कर आँखों को संरेखित करने की कोशिश की जाती है। यह प्रक्रिया आमतौर पर लगभग एक घंटे में की जाती है और इसे ठीक होने में लगभग छह से आठ सप्ताह की आवश्यकता होती है। सर्जरी के बाद, विशेष रूप से तत्काल बाद, कभी-कभी डबल दृष्टि की समस्या हो सकती है। भेंगेपन की सर्जरी से बच्चों की चश्मे पहनने की ज़रूरत दूर नहीं होती है।

(और पढ़ें - सर्जरी से पहले की तैयारी)

दवाएं -
कुछ परिस्थितियों में भेंगेपन के उपचार के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर, वयस्कों में बोटुलिनम टॉक्सिन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक का उपयोग बच्चों के इलाज के लिए भी किया जाता है, विशेष रूप से जिन बच्चों को जन्म से एसोट्रोपिया है।
इस प्रक्रिया में, विषाक्त पदार्थ को एक मजबूत मासपेशी में इंजेक्ट किया जाता है, जिसके कारण अस्थायी और आंशिक पक्षाघात होता है। पक्षाघात ठीक होने के बाद, उपचार को तीन से चार महीने बाद दोहराया जा सकता है।
इसके आम दुष्प्रभाव हैं डबल दृष्टि, पलकों का झुकना, अतिसंवेदनशीलता और कोई प्रभाव न होना। यह दुष्प्रभाव आमतौर पर तीन से चार महीनों के भीतर ठीक हो जाते हैं।

(और पढ़ें - दवाइयों की जानकारी)

भेंगापन के जोखिम और जटिलताएं - Cross-Eyes (Strabismus) Risks & Complications in Hindi

भेंगेपन की क्या जटिलताएं होती हैं ?

भेंगेपन में आँखें दो अलग-अलग क्षेत्रों में केंद्रित रहती हैं, जिससे मस्तिष्क को दो अलग-अलग छवियां प्राप्त होती हैं।
ऐसी स्थिति में, मस्तिष्क भेंगी आंख से प्राप्त हुई छवि को अनदेखा कर देती है और केवल सही आंख की छवि को ही दिखाता है। इससे आपके बच्चे की गहराई को मापने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इससे एम्बीलोपिया (amblyopia) या मंददृष्टिता भी हो सकती है। यह तब होता है जब भेंगी आँख अच्छी दृष्टि विकसित नहीं कर पाती है या जब वह दृष्टि खो देती है।
भेंगेपन से ग्रस्त एक तिहाई बच्चों को एम्बीलोपिया हो जाता है।

(और पढ़ें - आंखों की बीमारी का इलाज)