बालतोड़ एक प्रकार का त्वचा संक्रमण है जो बालों के रोमों (Hair follicle) या तेल ग्रंथि में होता है। इस संक्रमण में सबसे पहले संक्रमित त्वचा लाल हो जाती है और एक दर्दनाक गांठ विकसित हो जाती है। चार से सात दिनों के बाद गांठ सफेद होने लगती है क्योंकि इसमें मवाद (Pus) इकट्ठा होने लगता है।

  1. चेहरे, गर्दन, बगल (Armpits), कंधे और कूल्हे बालतोड़ होने की आम जगहें हैं। जब यह पलकों पर होता है तब इसे आंख की बिलनी (Sty) कहा जाता है।
  2. यदि कई फोड़े एक समूह में होते हैं तो यह गंभीर प्रकार का संक्रमण होता है जिसे नासूर (Carbuncle) कहा जाता है।

(और पढ़ें - चर्म रोग का कारण)

  1. बालतोड़ के लक्षण - Boils symptoms in Hindi
  2. बालतोड़ के कारण - Boils causes in Hindi
  3. बालतोड़ से बचने के उपाय - Boils prevention in Hindi
  4. बालतोड़ का इलाज - Boils treatment in Hindi
  5. बालतोड़ के घरेलू उपाय - Home remedies for boils in Hindi

फोड़ा एक सख़्त, लाल और दर्दनाक गांठ के रूप में शुरू होता है जो आकार में आधे इंच का होता है। कुछ दिनों में यह गांठ नरम, बड़ी और अधिक दर्दनाक हो जाती है और इसमें मवाद बनने लगता है।

  1. फोड़े के चारों ओर की त्वचा लाल, दर्दनाक, गर्म और सूजी हुई प्रतीत होती है।
  2. मुख्य फोड़े के आसपास और फोड़े दिखाई दे सकते हैं।
  3. आपको बुखार आ सकता है। (और पढ़ें - बुखार कम करने के घरेलू उपाय)
  4. लिम्फ नोड्स में सूजन आ सकती है।

अधिकांश बालतोड़, स्टैफाइलोकोकस बैक्टीरिया (Staphylococcus bacteria) के कारण होते हैं। यह रोगाणु शरीर में छोटी सी खरोंच या घाव के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और बालों की सहायता से रोमों तक पहुंच जाता है।

निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएं लोगों में त्वचा संक्रमण होने का कारण बनती हैं:

  1. शुगर (डायबिटीज) (और पढ़ें - शुगर कम करने के उपाय)
  2. प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याएं (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ और घरेलू उपाय)
  3. खराब पोषण
  4. सफाई में कमी
  5. त्वचा को हानि पहुंचाने वाले रसायन
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Sugar Tablet
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

निम्न दिशानिर्देशों का पालन करके बालतोड़ को रोकने में मदद मिलती है:

  1. संक्रमित पारिवारिक सदस्य के कपड़ों, बिस्तर और तौलिए को अच्छे से धोयें।
  2. छोटे और मामूली त्वचा के घावों को नज़रअंदाज़ न करें उनका उपचार करें।
  3. स्वच्छता का ध्यान रखें।
  4. जितना हो सके स्वस्थ रहने की कोशिश करें।

यदि संक्रमण गंभीर होता है तो डॉक्टर आपको रक्त परीक्षण की सलाह देंगे और एंटीबायोटिक दवाओं से आपका इलाज करेंगे। जब फोड़ा सही हो जायेगा तब यह जानने के लिए कि यह किस बैक्टीरिया के कारण हुआ था, उसमें जीवाणुओं की वृद्धि का परीक्षण (Culture Test) किया जाता है। जब फोड़े से मवाद निकल जाये उसके बाद जब तक घाव ठीक न हो, दिन में 2-3 बार संक्रमित क्षेत्र की अच्छे से सफाई करें। धोने के बाद उस पर एंटीबायोटिक मरहम लगाकर पट्टी से बाँध दें। यदि वह क्षेत्र लाल हो जाता है या फिर से संक्रमण होने लगे तो डॉक्टर से संपर्क करें।(और पढ़ें - एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान)

फोड़े होने पर सबसे पहले आप घरेलू उपचार करना शुरू करते हैं। आपके घर में ही ऐसी सामग्रियां मौजूद होती हैं जो दर्द और परेशानी से राहत प्रदान कर सकती हैं और तीव्रता से उपचार कर सकती हैं। फोड़ों का उपचार करने का एकमात्र तरीका है कि उन्हें नरम करके उनमें उपस्थित बैक्टीरिया और संक्रमण को बाहर निकाल दें। फोड़े और फुंसियों के लिए 10 घरेलू उपचार इस प्रकार हैं :

कलौंजी का तेल दे बालतोड़ में राहत - Kalonji oil for boils in Hindi

कलौंजी बालतोड़ के साथ साथ विभिन्न प्रकार के त्वचा संक्रमणों के लिए सबसे लोकप्रिय प्राकृतिक उपचारों में से एक है। कलौंजी के औषधीय गुण फोड़ों में होने वाले दर्द में राहत पहुंचाते हैं।

  1. कलौंजी के कुछ बीज लें। उन्हें पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगायें।
  2. आप फोड़ों पर कलौंजी का तेल भी लगा सकते हैं।
  3. एक कप गर्म या ठंडे पेय में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलायें। इस मिश्रण को कुछ दिनों के लिए दिन में दो बार ज़रूर पियें।

 (और पढ़ें - कलौंजी के फायदे और नुकसान)

पुल्टिस है बालतोड़ का अचूक इलाज - Poultice for boils in Hindi

आटे या रोटी की पुल्टिस फोड़ों के लिए काफी फायदेमंद घरेलू उपचार है। रोटी का एक टुकड़ा गर्म दूध या गर्म पानी में भिगो लें। अब इस टुकड़े को कुछ मिनट के लिए फोड़े पर लगायें। यह फोड़े का मवाद निकालने और सूजन को कम करने में मदद करता है। इससे संक्रमण की जगह पर श्वेत रक्त कणिकाओं को पहुंचने में मदद मिलती है जो संक्रमण कम करने में असरदार हैं। जब तक फोड़ा ठीक नहीं हो जाता इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहरायें। (और पढ़ें - दूध के फायदे और नुकसान)

टी ट्री ऑयल दिलाए बालतोड़ से आराम - Tea tree oil treat boils in Hindi

टी ट्री ऑयल में जीवाणुरोधी, एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। टी ट्री ऑयल के नियमित उपयोग से फोड़े जल्दी ठीक होंगे साथ ही उनके कारण हो रहे दर्द में भी राहत पहुचायेंगे। 

  1. इस तेल में एक साफ रुई का टुकड़ा डुबोयें और फिर इसे फोड़े पर लगायें।
  2. जब तक फोड़ा सही न हो जाये इस प्रक्रिया को दिन में कई बार दोहरायें।

नोट: टी ट्री ऑयल को त्वचा के किसी और हिस्से में लगा कर सुनिश्चित कर लें कि कहीं आपकी त्वचा इसके प्रति संवेदनशील तो नहीं है। ध्यान रखें कि टी ट्री ऑयल किसी भी प्रकार से त्वचा के अंदर न जा पाये।

(और पढ़ें - टी ट्री ऑयल के फायदे और नुकसान)

हल्दी का पेस्ट है बालतोड़ में फायदेमंद - Turmeric paste for boils in Hindi

हल्दी एक प्राकृतिक रक्त शोधक (Blood purifier) है और इसमें अनुत्तेजक गुण होते हैं जो फोड़े के उपचार में बहुत सहायक होते हैं। 

  1. एक गिलास दूध या पानी में एक चम्मच हल्दी पाउडर डालकर उबाल लें। इसे चार से पांच दिनों तक दिन में तीन बार पियें।
  2. इसके अलावा आप ताज़ी अदरक और हल्दी की बराबर मात्रा लेकर इसका पेस्ट बना लें और इसे फोड़े या फुंसियों पर लगाकर एक साफ कपड़े से ढक लें।

(और पढ़ें - हल्दी के फायदे और नुकसान)

गर्म कपड़े से सिकाई करे बालतोड़ को ठीक - Warm compress for boils in Hindi

एक गर्म कपड़े से सिकाई करना फोड़े के दर्द को कम करने और फोड़े में रक्त परिसंचरण बढ़ाने के लिए सबसे आसान तरीका है।

  1. गर्म पानी में एक साफ कपड़े को भिगोयें और इसे 10 मिनट के लिए फोड़े पर रखें। आप गर्म पानी में नमक का उपयोग भी कर सकते हैं। यह ध्यान रखें कि कपड़ा गर्म और गीला हो। (और पढ़ें - नमक के फायदे और नुकसान)
  2. इस प्रक्रिया को दिन में तीन या चार बार दोहरायें।

प्याज दिलाये बालतोड़ से निजात - Onions heal boils in Hindi

प्याज में एंटीसेप्टिक रसायन होते हैं जो बालतोड़ के उपचार में इस्तेमाल होने पर एक प्रभावी रोगाणुरोधक के रूप में कार्य करते हैं।

  1. प्याज की एक मोटी स्लाइस लें और इसे फोड़े पर रखें।
  2. इसे कपड़े से लपेट दें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। प्याज की गर्मी से फोड़ा पकने लगेगा और मवाद निकलने में आसानी होगी।
  3. जब तक फोड़े से सारा मवाद न निकल जाये इस प्रक्रिया को दिन में तीन से चार बार दोहरायें।

(और पढ़ें - प्याज के फायदे)

लहसुन भरे बालतोड़ के घाव - Garlic heals boils in Hindi

लहसुन के एंटीबायोटिक, एंटीमाइक्रोबियल और अनुत्तेजक गुणों के कारण इसको कई तरह से फोड़े और फुंसियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 

  1. ताज़े लहसुन की दो से तीन फांकों का पेस्ट तैयार करें और इसे फोड़े पर लगायें।
  2. एक लहसुन की फांक को गरम करें और इसे 10-10 मिनट के लिए दिन में कई बार फोड़े पर रखें।
  3. रोज़ाना दो से तीन फांकें कच्चे लहसुन की खाने से भी परिणाम अच्छे हो सकते हैं।

(और पढ़ें - लहसुन के फायदे और नुकसान)

मिल्क क्रीम दिलाये बालतोड़ से छुटकारा - Milk cream for boils in Hindi

काफी समय से फोड़ों के इलाज के लिए मिल्क क्रीम को इस्तेमाल किया जाता है। यह उपचार की प्रक्रिया में तेजी लाने और दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है ।

  1. एक कप दूध गर्म करें और इसमें तीन चम्मच नमक डालें। इसे अच्छी तरह मिलायें। इस मिश्रण में कुछ आटा या रोटी के टुकड़ों को मसलकर डालें। इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगायें। इस प्रक्रिया को दिन में कई बार दोहरायें।
  2. मिल्क क्रीम फोड़े के इलाज के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है। एक चम्मच मिल्क क्रीम को सिरके और हल्दी पाउडर के साथ मिलायें और सीधा फोड़े पर लगायें।

मकई का आटा करे बालतोड़ को दूर - Cornmeal for boils in Hindi

मकई का आटा फोड़ों के इलाज का बहुत अच्छा प्राकृतिक उपचार है। 

  1. आधे कप पानी को उबाल लें, फिर इसमें मकई का आटा मिलकर पेस्ट बना लें।
  2. इस पेस्ट को फोड़े पर लगायें और एक कपड़े से ढक लें।
  3. इस प्रक्रिया को दिन में कई बार दोहरायें जब तक कि फोड़ा नरम होकर मवाद बाहर न निकल जाये।

(और पढ़ें - मकई के फायदे और नुकसान)

इन सब उपायों के साथ आपको संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए स्वच्छता बनाए रखने की आवश्यकता है। अगर आपको एक हफ्ते में कोई राहत न मिले, बुखार आने लगे या सूजन अधिक हो जाये तो डॉक्टर से संपर्क करें।

संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Boils
  2. healthdirect Australia. Boils. Australian government: Department of Health
  3. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Boils
  4. InformedHealth.org [Internet]. Cologne, Germany: Institute for Quality and Efficiency in Health Care (IQWiG); 2006-. Boils and carbuncles: How are boils treated? 2018 Jun 14.
  5. InformedHealth.org [Internet]. Cologne, Germany: Institute for Quality and Efficiency in Health Care (IQWiG); 2006-. Boils and carbuncles: Overview. 2018 Jun 14.
  6. Soham P. Chaudhari, DO, Alison Y. Tam, DO, Jason A. Barr. Curcumin. J Clin Aesthet Dermatol. 2015 Nov; 8(11): 43–48. PMID: 26705440
  7. Nahida Tabassum, Mariya Hamdani. Plants used to treat skin diseases. Pharmacogn Rev. 2014 Jan-Jun; 8(15): 52–60. PMID: 24600196
  8. Anjali Singh et al. Effect of Neem oil and Haridra on non-healing wounds. Ayu. 2014 Oct-Dec; 35(4): 398–403. PMID: 26195902
  9. Edwards-Jones V et al. The effect of essential oils on methicillin-resistant Staphylococcus aureus using a dressing model. Burns. 2004 Dec;30(8):772-7. PMID: 15555788
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ