अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा डेंटिस्ट से मिलने के लिए बहुत छोटा है, तो आप गलत हैं। अक्‍सर माता-पिता को ऐसा लगता है, कि बच्चों के दांतो में कीड़े ब्रश न करने या दांत साफ न रखने की वजह से लगते हैं। बता दें कि काफी हद तक ये बात ठीक भी है और अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो आपके बच्‍चे को दांतों से जुड़ी कोई बड़ी बीमारी या समस्‍याएं हो सकती हैं।

दांतो में सड़न कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया के कारण होती है और यह अनुवांशिक भी हो सकती है। अगर आपके परिवार में यह बीमारी पहले से चली आ रही है, तो आपके बच्‍चे को यह समस्या होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। बच्चों में अन्य बीमारियों के मुकाबले दांतो में सड़न सबसे अधिक होती है। यहां तक कि 2 से 11 साल की उम्र तक 42% बच्चे इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। यह आंकड़े नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड क्रैनियोफेशियल रिसर्च द्वारा बताए गए हैं। आज हम आपको इस लेख के जरिए बताने जा रहे हैं कि कैसे आप अपने बच्चे को इस गंभीर बीमारी से बचा सकते हैं।

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दूध के दांतों में कैविटी होने के कारण

दांतो में सड़न से निपटने के लिए सबसे पहले इसके कारण का पता लगाना जरूरी है। इसकी शुरुआत एक प्रकार के ग्रुप जर्म्स से होती है जिसे म्युटन स्ट्रेप्टोकॉकस कहा जाता है। मुंह में मौजूद बैक्टीरिया शुगर को खाते हैं और विशेष प्रकार का एसिड बनाते हैं। यह एसिड कैल्शियम को कम करके दांतों की संरचनाओं को क्षति पहुचाने लग जाते हैं। बच्चों में यह बीमारी जन्म से नहीं होती बल्कि 2 वर्ष की उम्र तक आते-आते उन्‍हें मां की लार बच्चे के मुह में चले जाने के कारण विकसित होती है, उदारहण के लिए मा की झूठी चम्मच से बच्चे को खिलाना या मां के टूथब्रश से ब्रश करना।

दूध के दांतों में कीड़ा लगने पर क्या करना चाहिए?

तो आइए अब जान लेते हैं, कि बच्चो को इस बीमारी से कैसे बचाया जा सकता है:

  • सबसे पहले तो आपको अपने दांतों का ध्यान रखना होगा। जब आपके दांत साफ और मजबूत होंगें तभी आप अपने बच्चे के दांतों की सुरक्षा कर पाएंगें।
     
  • आप चाहे अपने बच्चे को स्तनपान कराएं या फिर बोतल से दूध पिलाएं दोनों ही स्थितियों में आपको एक बात का खासतौर से ध्यान रखना है कि जन्म से लेकर 12 महीने तक खाना खिलाने के बाद उसके मुंह को किसी कपड़े से जरूर साफ रखें।
     
  • 12 से 36 महीने तक अपने शिशु को रोज़ाना दिन में दो बार लगातार 2 मिनट के लिए ब्रश जरूर करवाएं। ब्रश करवाने का सबसे सही समय सुबह नाश्ते के बाद और रात को सोने से पहले होता है।
     
  • अपने बच्चे को बिस्तर पर कुछ भी खाने या पीने को ना दें। ये ना केवल उसके दांतों में कीड़े लगने का खतरा बढ़ाएगा बल्कि इससे कान में इंफेक्शन या दम घुटने जैसी स्थितियां भी विकसित कर सकता है।
     
  • अपने बच्चे को पैसिफायर के रूप में कोई भी कप या बोतल न दें। खाने के बीच में बच्‍चा अगर बोतल या सिपर मांगता है तो उसे उसमें सिर्फ पानी भरकर दें।

अगर इन सब उपायों के बाद भी आपके बच्चे के दूध के दांत की सड़न ठीक नहीं हो रही हो तो जल्द ही उसे किसी डॉक्टर या दंत चिकित्सक के पास लेकर जाएं। सही देखभाल से आपके बच्चे के दांत उम्र भर स्वस्थ और मजबूत रह सकते हैं।

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