हाथ सुन्न होना - Hand Numbness in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

May 27, 2021

December 20, 2023

हाथ सुन्न होना
हाथ सुन्न होना

हाथ सुन्न होने का मतलब हाथ में झनझनाहट महसूस होना है, इसे पेरेस्टेसिया भी कहा जाता है। ऐसा अक्सर नसों में दिक्कत होने की वजह से होता है, जिसमें खून का संचरण ठी​क से नहीं हो पाता है। हाथ सुन्न होने की समस्या हल्की व अस्थाई हो सकती है। यह एक हाथ में भी हो सकता है और दोनों हाथों में भी। कई बार यह किसी गंभीर चिकित्सा स्थिति का लक्षण भी हो सकता है।

हाथ सुन्न होने के लक्षण - Hand numbness symptoms in Hindi

हाथ सुन्न होने पर डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

हाथ सुन्न होने की समस्या यदि देर तक बनी हुई है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत है, क्योंकि यह किसी गंभीर चिकित्सा स्थिति का संकेत हो सकता है।

यदि निम्नलिखित लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें या उचत कदम उठाएं :

(और पढ़ें -  चक्कर आने पर क्या करें)

हाथ सुन्न होने के कारण - Hand numbness causes in Hindi

हाथ सुन्न होना आमतौर पर बांह व कलाई की नसों में से किसी एक को नुकसान पहुंचने, जलन या दबाव के कारण होता है। कुछ ऐसे रोग (जैसे डायबिटीज) जो परिधीय नसों को प्रभावित करते हैं, वे भी सुन्नता का कारण हो सकते हैं। हालांकि, डायबिटीज वाले लोग आमतौर पर पहले पैर में लक्षण महसूस करते हैं।

कुछ मामलों में सुन्न होने की समस्या आपके मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी किसी गड़बड़ी की वजह से भी हो सकती है। हालांकि, ऐसे मामलों में हाथ में कमजोरी या कार्यक्षमता में कमी भी आ सकती है। यदि केवल सुन्न होने की समस्या है तो यह आमतौर पर जानलेवा विकारों (स्ट्रोक या ट्यूमर) से ज़ुड़ा नहीं होता है।

इस स्थिति का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले लक्षणों के बारे में सवाल जवाब कर सकते हैं और इलाज शुरू करने से पहले कारण की पुष्टि करना आवश्यकता है, ऐसे में विभिन्न प्रकार के टेस्ट करने की जरूरत हो सकती है।

हाथ सुन्न क्यों होता है?

हार्ट अटैक
यदि किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ रहा है, तो ऐसे में उसे या उसके आस-पास के लोगों को तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। बता दें, हृदय तक खून की आपूर्ति नहीं हो पाती है तो ऐसे में सीने में दर्द साथ-साथ एक या दोनों हाथ में झुनझुनी हो सकती है।

लक्षण

इलाज
उपचार के तौर पर तुरंत अस्पताल में कार्डियक कैथीटेराइजेशन प्रयोगशाला जाना चाहिए, जहां विशेषज्ञ निदान करने के बाद ब्लॉकेज को ठीक कर सकते हैं।

स्ट्रोक
मस्तिष्क में खून का प्रवाह सही से न होने पर स्ट्रोक हो सकता है। ऐसा ज्यादातर तब होता है जब खून के थक्के बन जाते हैं या मस्तिष्क की धमनी फट जाती है, जिसकी वजह से खून बहने लगता है और यह स्थिति स्ट्रोक का कारण बन सकती है।

लक्षण

  • शरीर के एक तरफ अचानक कमजोरी या सुन्न हो जाना
  • उलझन
  • चेहरे के एक तरफ का हिस्सा लटकना
  • संतुलन बनाए रखने में कठिनाई
  • देखने से संबंधित समस्याएं
  • बोलने में कठिनाई

इलाज
आपातकालीन चिकित्सा सहायता लें, जिसमें क्लॉट-बस्टर (clot buster) दवाएं शामिल हों।

वैस्कुलाइटिस
वैस्कुलाइटिस तब हो सकता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली खुद को नुकसान पहुंचाती है और रक्त वाहिकाओं की सूजन का कारण बनती है।

लक्षण

  • वैस्कुलाइटिस के लक्षण शरीर के प्रभावित हिस्से के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। इसके कुछ लक्षणों में शामिल हो सकते हैं :
  • थकान
  • बुखार
  • वजन कम होना
  • रात को पसीना आना
  • चकत्ते
  • नसों से संबंधित दिक्कत जैसे सुन्न हो जाना या कमजोरी

इलाज
वैस्कुलाइटिस का इलाज इसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है और इसमें स्टेरॉयड या अन्य इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाएं शामिल हो सकती हैं।

रेनॉड की बीमारी
रेनॉड एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के कुछ हिस्से (खासकर हाथ और पैर की उंगलियां) कुछ खास परिस्थितियों में सुन्न और ठंडे महसूस करते हैं।

लक्षण
लक्षणों में उंगलियों का सुन्न होना या जलन महसूस होना, साथ ही हाथ व पैर की उंगलियों का नीला या पीला सफेद होना शामिल हो सकता है।

इलाज
इसके उपचार में उन परिस्थितियों से बचना शामिल है, जिसमें रेनॉड के लक्षण ट्रिगर हो सकते हैं। इन परिस्थितियों में ठंडा तापमान, तनाव और कुछ दवाओं का सेवन शामिल हैं।

फाइब्रोमायल्जिया 
यह स्थिति तंत्रिका कार्य को प्रभावित करती है और क्रोनिक पेन (लंबे समय से बना दर्द) का कारण बनती है, जिसकी वजह से झुनझुनी और सुन्न होने की समस्या हो सकती है।

लक्षण

इलाज
फाइब्रोमायल्जिया के उपचार विकल्पों में व्यायाम शामिल है, क्योंकि यह दर्द को कम करने और नींद में सुधार करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा डॉक्टर एंटीडिप्रेसेंट या एंटीकॉन्वेलसेंट थेरेपी भी लिख सकते हैं।

रीढ़ की हड्डी में चोट
रीढ़ की हड्डी की चोट के कारण हाथों और पैरों में झुनझुनाहट व सुन्न होने की समस्या हो सकती है। रीढ़ की हड्डी में चोट अक्सर गिरना, मोटर वाहन दुर्घटनाएं, सिर पर चोट और कई अन्य वजहों से हो सकती है।

लक्षण
चोट से कौन सा अंग प्रभावित हुआ है, इस पर लक्षण निर्भर करते हैं :

  • महसूस करने की क्षमता की कमी
  • बड़ी आंत और मूत्राशय पर नियंत्रण की कमी
  • दर्द

इलाज
उपचार में सहायक चिकित्सा (सपोर्टिव थेरेपी) और जरूरत पड़ने पर सर्जरी की मदद ली जाती है। हालांकि, रीढ़ की हड्डी में चोट लगने पर कुछ प्रायोगिक उपचार भी असरदार साबित हो सकते हैं।

क्यूबिटल टनल सिंड्रोम
यह स्थिति 'अल्नर नस' पर अत्यधिक खिंचाव या दबाव की वजह से होती है।

लक्षण
विशेष रूप से रिंग (जिसमें अंगूठी पहनाई जाती है) व पिंकी (सबसे छोटी) उंगलियों में लक्षण दिखाई देते हैं :

  • सुन्न होना
  • कमजोरी
  • झुनझुनी

इलाज
कोहनी को न मोड़ें या ऐसी कोई गतिविधि न करें, जिससे लक्षण बढ़ जाएं। कोहनी पर से अत्यधिक दबाव को हटाने या मरम्मत करने के लिए फिजिकल थेरेपी, एनएसएआईडी दवाइयां और सर्जरी की भी मदद ली सकती है।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस को गर्दन का ऑस्टियोआर्थराइटिस के रूप में भी जाना जाता है। यह स्थिति तब होती है जब गर्दन का जोड़ या डिस्क प्रभावित होती है।

लक्षण

इलाज
डॉक्टर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs), मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाइयां, एंटीडिप्रेसेंट या कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स लिख सकते हैं। गंभीर मामलों में सर्जरी की जाती है।

विटामिन या खनिज की कमी
नसों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन बी-12 की आवश्यकता होती है। इसकी कमी से दोनों हाथ व पैर सुन्न हो सकते हैं। इसके अलावा पोटेशियम और मैग्नीशियम की कमी से भी सुन्नता हो सकती है।

विटामिन बी-12 की कमी के लक्षणों में शामिल हैं :

  • कमजोरी
  • थकान
  • त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)
  • चलने और संतुलन बनाने में परेशानी
  • सोचने में कठिनाई
  • मतिभ्रम

इलाज
डॉक्टर विटामिन बी-12 के साथ या तो गोली के रूप में या शॉट के रूप में सप्लीमेंट लिख सकते हैं। (और पढ़ें - विटामिन बी12 टेस्ट क्या है)

कुछ दवाएं
कई बार यह समस्या न्यूरोपैथिक दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में हो सकती है, जो कैंसर से लेकर दौरे तक का इलाज करती है। यह आपके हाथ और पैर दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। इन दवाओं में शामिल हैं :

दवा की वजह से नसों को पहुंचे नुकसान के अन्य लक्षणों में शामिल हैं :

  • झुनझुनी
  • हाथों में असामान्य अनुभव होना
  • कमजोरी

डायबिटीज
डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ब्लड शुगर का स्तर असामान्य हो जाता है। इसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या इसका सही ढंग से इस्तेमाल नहीं करता है।

डायबिटीज के प्रकार

  • टाइप 1: इस प्रकार का डायबिटीज तब विकसित होता है जब शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है।
  • टाइप 2: इस प्रकार का डायबिटीज तब होता है जब शरीर इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करता है और अंततः इसका पर्याप्त उत्पादन नहीं करता है।
  • गर्भावस्था में डायबिटीज : गर्भावस्था के दौरान होने वाले डायबिटीज को जेस्टेशनल डायबिटीज कहते हैं। यह आमतौर पर प्रसव के बाद दूर हो जाता है।

लक्षण

  • हाथों और पैरों में झुनझुनी और सुन्न होना
  • तापमान बदलने या छूने के प्रति संवेदनशीलता
  • हाथों और पैरों में जलन या धमक जैसा दर्द

इलाज
जीवनशैली में कुछ बदलाव करना जैसे स्वस्थ आहारपौष्टिक आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम करने से ब्लड ग्लुकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों को खुद को इंसुलिन का इंजेक्शन लगाना पड़ सकता है। टाइप 2 डायबिटीज और जेस्टेशनल डायबिटीज में आहार के माध्यम से या गैर-इंसुलिन दवा चिकित्सा की मदद लेनी पड़ सकती है।

डायबिटीज का इलाज:निरंतर जाँच करे,myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट का उपयोग करे,स्वस्थ आहार ले, नियमित व्यायाम करे और  स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और सही दिशा में बढ़ें।

 

ऐमीलोयडोसिस
ऐमीलोयडोसिस में स्वस्थ ऊतकों में असामान्य प्रोटीन बनने लगता है, जो प्रभावित हिस्से के कार्य को बाधित कर सकता है। यह किसी व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र, किडनी, लिवर, हृदय और पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है।

लक्षण

  • थकान और कमजोरी
  • टखने और पैर की सूजन
  • सांस लेने में कठिनाई
  • दस्त
  • बिना कारण वजन कम होना
  • हाथ और पैरों में झुनझुनी और दर्द

इलाज
वर्तमान में ऐमीलोयडोसिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए कुछ उपचार किया जा सकता है। हालांकि, यह इलाज ऐमीलोयडोसिस के प्रकार पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, डॉक्टर कीमोथेरेपी दवाओं, इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाओं या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट का सुझाव दे सकते हैं।

लाइम रोग
यह एक कीट के काटने से होने वाला रोग है। यह कीट काटने के दौरान बोरेलिया बर्गडोरफेरी नामक जीवाणु को मानव शरीर में पहुंचा देता है। यह एक संक्रामक स्थिति है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है।

लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को उपचार नहीं मिलता है, तो निम्नलिखित लक्षण महसूस कर सकते हैं :

इलाज
उपचार लाइम रोग के चरण पर निर्भर है। डॉक्टर शुरुआती चरण के लाइम रोग का इलाज एंटीबायोटिक से कर सकते हैं। बाद के चरण में एंटीबायोटिक और सहायक उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

गैंग्लियन सिस्ट
गैंग्लियन सिस्ट को नाड़ीग्रन्थि पुटी कहते हैं। यह द्रव से भरे उभार हैं जो कि कलाई या हाथों के जोड़ों या टेंडन पर बनते हैं। यह एक इंच या उससे अधिक तक बढ़ सकते हैं। अगर ये सिस्ट पास की नस पर दबाव डालते हैं, तो ऐसे में हाथ सुन्न होना, दर्द या कमजोरी हो सकती है।

थाइराइड विकार
गर्दन में थायरॉयड ग्रंथि ऐसे हार्मोन का उत्पादन करती है जो शरीर के चयापचय को नियंत्रित करने में मदद करती है। एक अंडरएक्टिव थायराइड या हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब आपका थायराइड इस हार्मोन का उत्पादन बहुत कम करता है।

यदि इसका इलाज नहीं किया गया तो उन नसों को नुकसान पहुंच सकता है, जिनके वजह से हाथ पैर में महसूस करने की क्षमता बनी रहती है। इसे परिधीय न्यूरोपैथी कहा जाता है। ऐसी स्थिति में हाथों और पैरों में सुन्नता, कमजोरी और झुनझुनी हो सकती है।

शराब से संबंधित न्यूरोपैथी
अल्कोहल कम मात्रा में पीना आमतौर पर हानिकारक नहीं होता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा शरीर के आसपास के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिसमें तंत्रिकाएं भी शामिल हैं। जो लोग शराब का दुरुपयोग करते हैं, उनके हाथों और पैरों में कभी-कभी सुन्नता और झुनझुनी होती है।

लक्षण

(और पढ़ें - नपुंसकता का घरेलू इलाज)

हाथ सुन्न होने का निदान - Hand numbness diagnosis in Hindi

हाथ सुन्न होने व अन्य लक्षणों के कारण का पता करने के लिए डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री से शुरुआत कर सकते हैं। इसके बाद वे कई टेस्ट भी कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं :

ट्यूमर और स्ट्रोक जैसे गंभीर कारणों का पता लगाने के लिए कई अन्य टेस्ट किए जा सकते हैं जैसे :

एक बार जब डॉक्टर हाथ सुन्न होने का कारण निर्धारित कर लेते हैं, तो उन्हें बेहतर उपचार योजना तैयार करने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें - कोरोनरी एंजियोग्राफी क्या है)



हाथ सुन्न होना की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Hand Numbness in Hindi

हाथ सुन्न होना के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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