इंजेक्शन लगाने का अर्थ होता है व्यक्ति के शरीर में एक सुई के माध्यम से दवा डालना। इंजेक्शन लगाने को आम भाषा में टीका लगाना भी कहा जाता है। ये एक ऐसा तरीका होता है, जिसमें पाचन तंत्र से दवा देने की बजाय त्वचा में सुई डालकर व्यक्ति को दवा दी जाती है। जन्म के समय हर बच्चे को अलग-अलग प्रकार के इंजेक्शन लगते हैं और बड़े लोगों को भी उनके पूरे जीवनकाल में कई तरह के टीकों की आवश्यकता होती है, जैसे टिटनस, इन्सुलिन अदि।

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इंजेक्शन लगाना स्वास्थ्य सम्बंधित प्रक्रियाओं में बहुत ही आम है और इसके कई प्रकार भी होते हैं। यहाँ इंजेक्शन लगाने का तरीका बताया गया है ताकि आपको कोई ढोंगी डॉक्टर गलत तरह से टीका न लगा दे। 

अपने आप टीका लगाना बेहद खतरनाक और जोखिम भरा होता है, इसीलिए इंजेक्शन लगवाने के लिए किसी डॉक्टर, नर्स या प्रशिक्षित व्यक्ति के पास ही जाएं। ये लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है।

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इस लेख में इंजेक्शन के कितने प्रकार होते हैं, इंजेक्शन लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, टीका कहां लगाना चाहिए और इंजेक्शन लगाने के सही तरीके के बारे में बताया गया है।

  1. इंजेक्शन कितने प्रकार के होते है - Injection ke prakar
  2. इंजेक्शन लगाने से पहले क्या सावधानियां बरतें - Injection dene se pehle in bato ka rakhe dhyan
  3. इंजेक्शन कहा लगाए जाते हैं - Injection kaha lagate hai, lagaya jata hai
  4. इंजेक्शन कैसे लगाते हैं, लगाना चाहिए - Injection kaise lagaye, lagana chahiye

इंजेक्शन के निम्नलिखित प्रकार होते हैं -

  • सबक्यूटेनियस इंजेक्शन (Subcutaneous injection)
    इस इंजेक्शन से दवा को त्वचा और मांसपेशी के बीच के ऊतकों में दिया जाता है। इसके लिए एक चोट सी सुई का उपयोग किया जाता है और इससे दी जाने वाली दवा शरीर में धीरे-धीरे अवशोषित होती है। इन्सुलिन का टीका भी इसी तरीके से दिया जाता है।
     
  • इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन (Intramuscular injection)
     इस इंजेक्शन से दवा को शरीर के अंदर गहराई में मौजूद मांसपेशियों में पहुंचाया जाता है। इसके लिए एक बड़ी सुई का उपयोग किया जाता है, जो त्वचा के अंदर गहराई तक जा सके। इस टीके का उद्देश्य होता है कि दवा को ऐसी मांसपेशी में दिया जाए, जिसमें बहुत सारी रक्त वाहिकाएं हों, ताकि दवा जल्द-से-जल्द रक्त प्रवाह में संचारित हो सके। (और पढ़ें - मांसपेशियों की कमजोरी के लक्षण)
     
  • इंट्राडर्मल इंजेक्शन (Intradermal injection)
    इस इंजेक्शन से दवा को त्वचा की दूसरी परत में दिया जाता है। इस परत को “डर्मिस” (Dermis) कहते हैं। इसके माध्यम से कई बिमारियों के टीके दिए जाते हैं और एलर्जी का पता भी लगाया जाता है। (और पढ़ें - एलर्जी होने पर क्या करें)
     
  • इंट्रावीनस या एंडोवीनस इंजेक्शन (Intravenous or Endovenous injection)
    इस टीके को सीधे नस में लगाया जाता है ताकि दवा फौरन रक्त प्रवाह में संचारित हो सके और इसका असर जल्द हो। (और पढ़ें - नस चढ़ने के कारण)
     
  • डिपॉट इंजेक्शन (Depot injection)
    सुई लगाने के इस तरीके में त्वचा की परत, ऊतक या मांसपेशी में इस प्रकार से इंजेक्शन लगाया जाता है कि इंजेक्शन की जगह पर एक गांठ बन जाती है और उसमें दवा डाल दी जाती है। ये दवा धीरे-धीरे आस-पास मौजूद ऊतकों में अवशोषित होती है।

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इंजेक्शन को सही तरीके से लगाना बहुत आवश्यक होता है, नहीं तो इससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। किसी को टीका लगाने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें -

  1. अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धो लें।
  2. सही इंजेक्शन का चयन करें:
    • हो सके तो "डिस्पोजेबल" इंजेक्शन का उपयोग करें। 
    • अगर डिस्पोजेबल इंजेक्शन उपलब्ध न हो, तो इंजेक्शन लगाने से पहले देख लें कि इंजेक्शन पहले इस्तेमाल तो नहीं किया गया है।
    • अगर आपको टीका सुरक्षित न होने की ज़रा सी भी आशंका हो तो उसे इस्तेमाल न करें। अगर इंजेक्शन की सुई संक्रमित हो, तो उससे आपको इन्फेक्शन हो सकता है। 
  3. इंजेक्शन को गंदे हाथों से न छुएं।
  4. केवल उस दवा का ही प्रयोग करें जो डॉक्टर ने बताई है या जो दवा उचित है।
  5. इंजेक्शन में दवा भरने से पहले देख लें कि दवा एक्सपायर या खराब तो नहीं हुई है या दवा की बोतल में गंदगी तो नहीं है।
  6. इंजेक्शन को सही जगह पर लगाएं। इंजेक्शन लगाने की सही जगह जानने के लिए नीचे वाला भाग देखें।

(और पढ़ें - टिटनेस इंजेक्शन क्यों लगाया जाता है)

वैसे तो इंजेक्शन के कई प्रकार होते हैं, जिनके बारे में हमने आपको ‘इंजेक्शन के प्रकार’ वाले भाग में बताया था, लेकिन डॉक्टर की अनुपस्थिति में केवल सबक्यूटेनिअस और इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन ही अपने आप दिए जा सकते हैं।

टीका लगाने की जगह दवा के प्रकार, व्यक्ति के स्वास्थ्य और उम्र पर निर्भर करती है।

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सबक्यूटेनियस इंजेक्शन कहां लगाते हैं - Subcutaneous injection kahan lagate hain

सबक्यूटेनियस इंजेक्शन लगाने के लिए सही जगह चुनना महत्वपूर्ण होता है, ताकि सुई किसी मांसपेशी, रक्त वाहिका या हड्डी को न छुए। ये टीका त्वचा के नीचे और मांसपेशियों के ऊपर मौजूद मोटे ऊतक में दिया जाता है। ये टीका लगाने की कुछ सामान्य जगहें निम्नलिखित हैं -

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इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन कहां लगाते हैं - Intramusculr injection kahan lagaya jata hai

इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन लगाने के लिए शरीर के चार हिस्से सबसे सही माने जाते हैं। इनके बारे में नीचे दिया गया है -

  1. बाजू का ऊपरी भाग - बाजू की ऊपरी तरफ हाथ लगाकर देखें, आपको एक छोटी हड्डी महसूस होगी, जो कंधे की हड्डी के नीचे मौजूद होती है। इस हड्डी के लगभग 1.5 से 2 इंच नीचे सिधाई में इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन लगाया जाता है। अगर व्यक्ति बहुत अधिक पतला है, तो उसे इस जगह टीका न लगाएं। (और पढ़ें - मोटा होने के लिए क्या खाना चाहिए)
  2. जांघ - अपनी जांघ को तीन बराबर हिस्सों में बांट लें। अब इंजेक्शन को बीच वाले हिस्से के भी बीच में लगाएं। छोटे बच्चों को टीका लगाने के लिए भी ये सही जगह होती है और ये इंजेक्शन आप अपने आप को भी लगा सकते हैं। (और पढ़ें - जांघ में दर्द का इलाज)
  3. कूल्हे - एक तरफ के कूल्हे के ऊपर से कपडे हटाएं। अब आपके दोनों कूल्हों को विभाजित करने वाली लाइन के ऊपरी छोर से बाहर की तरफ एक रेखा खीच लें। अब इस रेखा के बीच के भाग से करीब 3 इंच ऊपर जाएं और नीचे की तरफ एक रेखा खीचें जो आपके कूल्हे के बीच के भाग पर खत्म हो। अब आपको एक क्रॉस का निशान मिलेगा। इस क्रॉस के निशान के ऊपरी-बाहरी वाले हिस्से में ये इंजेक्शन लगाया जाता है। छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं को इस जगह पर इंजेक्शन नहीं लगाना चाहिए।

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सबक्यूटेनियस इंजेक्शन कैसे लगाते हैं - Subcutaneous injection kaise lagate hain

सबक्यूटेनियस इंजेक्शन निम्नलिखित तरीके से लगाएं -

  • सबसे पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरीके से धो लें।
  • इंजेक्शन का सारा सामान इकठ्ठा कर लें। आपको अल्कोहल पैड, पट्टी, सुई, इंजेक्शन या इंजेक्शन वाले पेन की आवश्यकता होगी।
  • अब इंजेक्शन लगाने वाली जगह को चुन लें। ध्यान रहे कि इस जगह पर सूजन, नील, कठोरता और कोई अन्य समस्या न हो। (और पढ़ें - नील क्यों पड़ते हैं)
  • अब आपने जो जगह चुनी है, उसे अल्कोहल पैड से साफ कर लें।
  • इंजेक्शन की सुई निकालने से पहले दवा की जांच कर लें। इस बात का ध्यान रखें कि दवा उचित हो और खराब या एक्सपायर न हुई हो।
  • अब सुई को निकाल लें। सुई के ढक्कन को आराम से निकालें ताकि सुई टूटे नहीं।
  • अब सुई को दवा की बोतल में डालकर दोनों को उल्टा कर लें ताकि सुई का मुंह ऊपर की तरफ हो।
  • इसके बाद इंजेक्शन के पीछे वाले हिस्से को बाहर खीचें और इंजेक्शन में जरूरत के अनुसार दवा भर लें।
  • अब इंजेक्शन को दवा की बोतल से बाहर निकाल लें।
  • इसके बाद इंजेक्शन पर अपनी ऊँगली की मदद से हल्का से मारें ताकि अगर उसमें हवा मौजूद हो तो हवा के बुलबुले इंजेक्शन की ऊपरी तरफ आ जाएं।
  • अब इंजेक्शन के पीछे के हिस्से को हल्का सा दबाएं, ताकि इंजेक्शन की हवा बाहर निकल जाए।
  • इसके बाद जिस जगह पर आप इंजेक्शन लगाना चाहते हैं, उसके आस-पास की जगह को अपनी ऊँगली और अंगूठे की मदद से पकड़कर ऊपर उठा लें।
  • अब सुई को त्वचा में घुसाएं और इंजेक्शन को सीधा करके उसके पीछे वाले हिस्से को दबा दें ताकि दवा इंजेक्शन से निकलकर त्वचा में चली जाए। आप जितना जल्दी इंजेक्शन लगाएंगे, दर्द उतना ही कम होगा।
  • अगर व्यक्ति बहुत पतला है, तो आपको इंजेक्शन 45 डिग्री के कोण पर रखकर लगाना पड़ेगा। (और पढ़ें - मोटा होने के उपाय)
  • इसके बाद जल्दी से सुई को त्वचा से बाहर निकाल लें और पकड़ी हुई त्वचा को छोड़ दें।
  • अब इंजेक्शन वाली जगह पर पट्टी या रुई की मदद से दबाव बनाएं।
  • इंजेक्शन लगाने के बाद थोड़ा सा खून निकल सकता है और नील भी पड़ सकता है। ऐसा होना सामान्य है।

(और पढ़ें - ब्लीडिंग कैसे रोकें)

इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन लगाने का तरीका - Intramuscular injection lagane ka tarika

इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन लगाने का तरीका निम्नलिखित है -

  1. सबसे पहले अपने हाथों को अच्छी तरीके से साबुन से धो लें।
  2. अब इंजेक्शन लगाने के लिए आवश्यक सारा सामान इकठ्ठा कर लें, जैसे अल्कोहल पैड, सुई व पट्टी अदि।
  3. अगर आपके पास मौजूद हों, तो दस्ताने पहन लें।
  4. जिस जगह पर आप इंजेक्शन लगाना चाहते हैं, उस जगह को अल्कोहल पैड से साफ कर लें। त्वचा को सूखने दें और इंजेक्शन लगाने से पहले इस क्षेत्र को हाथ न लगाएं।
  5. अब सुई को उसके कवर से सावधानी से बाहर निकालें ताकि सुई टूटे नहीं।
  6. अब इंजेक्शन लगाने वाली जगह के आस-पास की त्वचा को अपनी उंगली और अंगूठे की मदद से पकड़कर थोड़ा ऊपर उठा दें।
  7. इसके बाद सुई को जल्दी से त्वचा के अंदर क घुसा दें। आप जितनी जल्दी सुई घुसाएंगे, दर्द उतना ही कम होगा।
  8. ध्यान रहे सुई शरीर में सीधी ही जाए।
  9. अब इंजेक्शन के पीछे के हिस्से को थोड़ा बाहर खीचें। अगर इंजेक्शन में खून आने लगता है, तो वहीं रुक जाएं और इंजेक्शन को त्वचा से बाहर निकाल लें।
  10. अब सुई को साफ की गई किसी और जगह पर घुसाएं। वहां भी पहले की तरह देख लें कि इंजेक्शन में खून तो नहीं आ रहा है।
  11. अगर इंजेक्शन में खून नहीं आ रहा है, तो उसी जगह पर इंजेक्शन लगा दें।
  12. इंजेक्शन लगाने के लिए बहुत अधिक जोर न लगाएं। कुछ दवाएं इंजेक्शन से त्वचा में जाने पर दर्द करती हैं, ऐसी दवाओं का इंजेक्शन आराम से लगाएं।
  13. अब सुई को बाहर खीच लें और इंजेक्शन वाली जगह को साफ करके पट्टी से हल्का दबाव बनाएं।

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नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।

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