तुलसी की चाय तुलसी की पत्तों से तैयार की जाती है। तुलसी का स्वाद मीठा नहीं होता है लेकिन तब भी कई लोग खाना पकाने के लिए इसका उपयोग करते हैं। अन्य चाय की तुलना में तुलसी की चाय बहुत ही लोकप्रिय होती है। तुलसी में यूजीनॉल (eugenol) नामक सक्रिय तत्व होता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसलिए इस चाय को स्वास्थ्य के लिए बेहद स्वस्थ माना जाता है और यह हजारों सालों से आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है।

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तुलसी की चाय में सूजन को कम करने वाले, एंटीऑक्सीडेंट, पाचन को स्वस्थ रखने वाले और तनाव से मुक्ति वाले गुण होते हैं। जो लोग "नेचुरल हीलिंग" पर भरोसा करते हैं यह उनके लिए बहुत ही लाभकारी पेय होता है।

तो आगे पढ़िए तुलसी की चाय पीने के लाभ और नुकसान।

  1. तुलसी की चाय के फायदे - Tulsi ki chai ke fayde
  2. तुलसी की चाय बनाने की विधि - Tulsi ki chai banane ki vidhi
  3. तुलसी की चाय के नुकसान - Tulsi ki Chai ke nuksan

तुलसी चाय स्वास्थ्य लाभों से भरपूर होती है। तुलसी चाय के सेवन से तनाव से छुटकारा पाने, नींद में सुधार, रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह श्वसन स्वास्थ्य की रक्षा, सूजन को ठीक करने, पाचन को नियंत्रित करने और परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करती है।

तुलसी चाय के फायदे बनाएं पाचन को बेहतर - Tulsi chai ke fayde banayen pachan ko behtar

यह आयुर्वेदिक चाय पाचन तंत्र के लिए बहुत ही लाभकारी होती है। तुलसी चाय कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और लिपिड के उचित पाचन और अवशोषण को सुनिश्चित करने में मदद करती है। अगर आप नियमित रूप से तुलसी की चाय का सेवन करते हैं तो भोजन को पचाना आसान हो जाता है। तुलसी की चाय में ऐंठन को कम करने वाले गुण होते हैं, जो कब्ज से पीड़ित लोगों की कब्ज दूर करने में मदद करते हैं। यह लिवर और मूत्राशय को डिटॉक्सीफाई करने और सूजन को कम करने में मदद करता है।

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तुलसी चाय के लाभ श्वसन समस्याओं के लिए - Tulsi Chai ke Labh swsan samasayon ke liye

तुलसी की चाय ठंड, खांसी या अन्य श्वसन समस्या से निपटने का सबसे अच्छा घरेलू इलाज है। इस चाय में यूजीनॉल, कैंपेन और सिनेओल जैसे कई शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कफ को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इन एंटीऑक्सीडेंट में मजबूत सूजन को कम करने वाले, एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो आपकी श्वसन समस्याओं के लक्षणों को न केवल दूर करने में मदद करते हैं बल्कि इनके कारणों का भी इलाज करते हैं।

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तुलसी टी फॉर डायबिटीज - Tulsi Tea for Diabetes in hindi

तुलसी की चाय में मौजूद सक्रिय तत्व अग्न्याशय को उत्तेजित करने और इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) को कम करने में मदद करते हैं। जबकि यह शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को भी कम करती है। जिन लोगों को डायबिटीज होने की सम्भावना अधिक होती है, यह उनके लिए भी बहुत ही उपयोगी होती है। इसलिए तुलसी की चाय का नियमित सेवन डायबिटीज के खतरे को कम कर सकता है। इसलिए आज से ही तुलसी चाय का सेवन शुरू कर दें।

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तुलसी की चाय का उपयोग करें बालों और त्वचा के लिए - Tulsi ki chai ka upyog karen balo aur skin ke liye

तुलसी की चाय में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा के स्वास्थ्य और सुंदरता को बनाए रखने के लिए एक टॉनिक के रूप में कार्य करते हैं। इसमें पॉलीफेनॉल भी होते हैं जो उम्र बढ़ने के लक्षणों जैसे झुर्रियां और काले धब्बे से लड़ने में मदद करते हैं। तुलसी में कई ऐसे गुण भी पाए जाते हैं जो खोपड़ी की खुजली को कम कर सकते हैं इसलिए यह बालों को टूटने से भी बचाती है

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तुलसी की चाय के फायदे दें गठिया में लाभ - Tulsi ki chai ke fayde de gathiya me labh

तुलसी की चाय में सूजन को कम करने वाले और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण यह गठिया जैसी जोड़ों की समस्या के लक्षणों का इलाज करने के लिए लाभकारी साबित हुई है। ऐसी समस्या में तुलसी की चाय का सेवन, जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।

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तुलसी की चाय पीने से आती है बेहतर नींद - Tulsi ki chai peene se aati hai behtar neend

तुलसी की चाय में कुछ शामक (जल्दी से नींद लाने वाले गुण) गुण होते हैं, जो उन लोगों के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं जो नियमित रूप से सो नहीं पाते, या जिन्हें नींद आने में समस्या होती है। ऐसा अक्सर तब होता है जब किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं। यह चाय आपके पाचन तंत्र में तनाव को खत्म करने में मदद करती है जिससे आप आराम से, अच्छी नींद ले सकते हैं।

नींद की कमी से अल्जाइमर रोग होने की अधिक संभावना होती है। आप नियमित रूप से तुलसी की चाय का सेवन करके, शांति से सो सकते हैं और इस भयानक बीमारी से पीड़ित होने का जोखिम कम कर सकते हैं।

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तुलसी की चाय के गुण बचाएं कैंसर से - Tulsi ki chai ke gun bachaye cancer se

तुलसी की चाय में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके ये गुण मुक्त कणों को बेअसर करने और उत्परिवर्तन (mutation) को रोकने में मदद करते हैं, जो अक्सर कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसमें मौजूद यूजीनॉल (eugenol) और अन्य सक्रिय तत्वों के कैंसर को रोकने वाले और एंटीऑक्सीडेंट गुण कई प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करने में मददगार होते हैं।

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तुलसी की चाय से करें सिरदर्द को दूर - Tulsi ki chai se kare sirdard ko dur

आजकल सिरदर्द की समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे अधिकतर लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर हो रहा है। सिरदर्द का मुख्य कारण अत्यधिक व्यस्त रहना, काम करने का कोई उपयुक्त समय नहीं होना, नींद में कमी और अस्वस्थ खाने की आदत होता है। लेकिन तुलसी की चाय का सेवन थकान और तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। तुलसी की चाय की सुगंध माइग्रेन को ठीक करने और अन्य तनाव संबंधी समस्यायों को दूर करने कारगर साबित हुई है

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तुलसी की चाय के फायदे वजन कम करने में लाभकारी - Tulsi ki chai ke fayde wajan kam karne mein labhkari

तुलसी की चाय हर किसी व्यक्ति की चयापचय दर पर कार्य करती है। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद मिलती है। यह वजन कम करने के सबसे प्राकृतिक और प्रभावी तरीकों में से एक है। इस प्रकार यह वजन कम करने का सबसे आसान तरीका है।

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सामग्री

  1. आधा कप पानी
  2. एक चौथाई छोटा चम्मच सौंफ़
  3. एक चौथाई छोटा चम्मच जीरा
  4. 1-2 लौंग
  5. 2-3 हरी इलायची पिसी हुई
  6. 1-2 चम्मच चाय पत्ती
  7. स्वाद के अनुसार दूध और चीनी

बनाने की विधि :

  1. एक सॉस पैन में पानी उबालें। खुश्बू आने तक मसालों को सूखा ही भूनें।
  2. अब मसालों को चाय की पत्ती के साथ पानी में डालें। आप वैकल्पिक रूप से मसालों के पाउडर का भी उपयोग कर सकते हैं।
  3. लगभग 6-10 तुलसी पत्तियों को पैन में डालें।
  4. स्वाद के अनुसार दूध और चीनी मिक्स करें।
  5. अब चाय को छान कर कप में डालें और गर्मागर्म चाय का आंनद लें।
  1. तुलसी की चाय का सेवन पुरुषों में प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। कुछ लैब टेस्ट के अनुसार इसका नियमित इस्तेमाल शुक्राणुओं के स्तर को कम कर सकता है। इसलिए जो पुरुष प्रजनन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए।
  2. यूजनोल तुलसी में पाए जाने वाला सक्रिय तत्व होता है जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, लेकिन बहुत अधिक मात्रा में यूजनोल का सेवन भी खतरनाक हो सकता है।  जिसके कारण आपको सांस लेने में तकलीफ, रक्त में मूत्र आना, मतली, चक्कर आना और खांसी हो सकती है। 
  3. यदि आपकी किसी भी प्रकार की सर्जरी होने वाली है, तो आपको किसी भी प्रकार की संभावित जटिलताओं से बचने के लिए 1-2 सप्ताह पहले ही इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। क्योंकि यह एक प्राकृतिक रक्त को पतला करने वाली दवा के रूप में कार्य करती है। तुलसी की चाय का सेवन रक्त पतला करने वाली दवाई के साथ नहीं करना चाहिए।

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