अश्‍वगंधा क्या है?

आयुर्वेदिक औषधियों में अश्‍वगंधा का नाम बहुत लोकप्रिय है। सदियों से कई रोगों के इलाज में अश्‍वगंधा का इस्‍तेमाल किया जाता रहा है। महत्‍वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में अश्‍वगंधा का नाम लिया जाता है।

अथर्ववेद में भी अश्‍वगंधा के उपयोग एवं उपस्थिति के बारे में बताया गया है। भारतीय पारंपरिक औषधि प्रणाली में अश्‍वगंधा को चमत्‍कारिक एवं तनाव-रोधी जड़ी बूटी के रूप में जाना जाता है। इस वजह से तनाव से संबंधित लक्षणों और चिंता विकारों के इलाज में इस्‍तेमाल होने वाली जड़ी बूटियों में अश्‍वगंधा का नाम भी शामिल है।

असगंध का नाम अश्‍व और गंध से लिया गया है। अश्‍वगंधा की जड़ और पत्तों से घोड़े के मूत्र एवं पसीने जैसी दुर्गंध आने के कारण ही इसका नाम अश्‍वगंधा रखा गया है। आयुर्वेदिक शोधकर्ताओं का भी मानना है कि अश्‍वगंधा के सेवन से अश्‍व (घोड़े) जैसी ताकत और यौन शक्‍ति मिलती है।

अश्‍वगंधा से जुड़े कुछ तथ्‍य

  • वानस्पतिक नाम: विथानिया सोमनिफेरा
  • वंश: सोलेनेसी
  • संस्‍कृत नाम: अश्‍वगंधा, वराहकर्णी और कमरूपिणी
  • सामान्‍य नाम: विंटर चेरी, भारतीय जिनसेंग, असगंध
  • उपयोगी भाग: अधिकतर अश्‍वगंधा की जड़ और पत्तियों का इस्‍तेमाल किया जाता है लेकिन इसके फूल और बीज भी उपयोगी हैं।
  • भौगोलिक विवरण: अश्‍वगंधा अधिकतर भारत के शुष्‍क प्रदेशों (प्रमुख तौर पर मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान) के अलावा नेपाल, अफ्रीका और मध्य पूर्व में पाई जाती है लेकिन संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका में भी इसका वर्णन किया गया है।
  1. अश्वगंधा के फायदे - Ashwagandha benefits in hindi
  2. अश्वगंधा की तासीर - Ashwagandha ki taseer in Hindi
  3. अश्वगंधा का उपयोग या इस्तेमाल कैसे करें - How to use ashwagandha in Hindi
  4. अश्वगंधा का सेवन कैसे करें? - How to take ashwagandha in Hindi
  5. अश्वगंधा के नुकसान - Ashwagandha side effects in Hindi
अश्वगंधा खाने का तरीका, फायदे, नुकसान के डॉक्टर

अश्वगंधा एक प्राचीन औषधीय जड़ी बूटी है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह चिंता और तनाव को कम कर सकता है, अवसाद से लड़ने में मदद करता है, पुरुषों में प्रजनन क्षमता और टेस्टोस्टेरोन को बढ़ा सकता है और यहां तक कि मस्तिष्क की कार्यक्षमता को भी बढ़ा सकता है। अश्वगंधा का सेवन आपके स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का एक आसान और प्रभावी तरीका है।

बैक्टीरियल संक्रमण में लाभ - Ashwagandha benefits for bacterial infection relief in Hindi

आयुर्वेदिक चिकित्सा ग्रंथों के अनुसार, अश्वगंधा मानव में बैक्टीरिया के संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रभावी है। भारत में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी के केंद्र में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि अश्वगंधा में जीवाणुरोधी गुण हैं और मौखिक रूप से इसके सेवन किए जाने पर यह मूत्रजनन, जठरांत्र और श्वसन तंत्र के संक्रमण में बहुत प्रभावी है।

(और पढ़ें - ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण)

बालों के लिए - Ashwagandha benefits for hair in Hindi

अश्वगंधा शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करके बालों के गिरने को नियंत्रित करता है। अश्वगंधा बालों में मेलेनिन की हानि को रोक कर समय से पहले बालों के ग्रे होने को रोकता है। अश्वगंधा में टाइयरोसीन है जो एक एमिनो एसिड है और शरीर में मेलेनिन के उत्पादन को उत्तेजित करता है।

अश्वगंधा से बालों की जड़ें मज़बूत होती हैं। अश्वगंधा और नारियल तेल से बनाया गया टॉनिक रोज़ बालों पर लगाने से बाल नहीं झड़ते। 

अश्वगंधा को गिलोय में मिलाकर लगाने से हड्डियों को सहारा मिलता है और खोपड़ी बालों को संभालने के लिए मज़बूत होती है।

सामान्य से कम नींद मिलने पर तनाव होता है। कम सोने से तनाव और चिंता बढ़ती है जिससे ज़्यादा बाल झड़ते हैं। अश्वगंधा से अच्छी नींद आती है और वो चिंता को कम करता है जो बाल झड़ने का मुख्य कारण है। लम्बे समय से चले आ रहे तनाव से ग्रस्त वयस्कों का अध्ययन करने पर पता चला कि अश्वगंधा लेने से अनिद्रा और चिंता 69.7% कम होती है। 

(और पढ़ें - अच्छी नींद आने के उपाय)

व्यस्क पुरुषों में अध्ययन करने से पता चला कि अश्वगंधा लेने से बालों में मेलानिन की मात्रा बढ़ी है।

(और पढ़ें - बाल काले करने के उपाय)

त्वचा की समस्या के लिए - Ashwagandha benefits for skin in Hindi

श्रृंगीयता (keratosis) के कारण त्वचा सख्त और रूखी हो जाती है। अश्वगंधा का उपयोग श्रृंगीयता (keratosis) के इलाज में किया जाता है। श्रृंगीयता की समस्या से छुटकारा पाने के लिए दिन में दो बार पानी के साथ तीन ग्राम अश्वगंधा लें। त्वचा को युवा रखने के लिए यह कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देता है और प्राकृतिक त्वचा तेलों की वृद्धि में मदद करता है। अश्वगंधा में उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो झुर्रियों, काले धब्बे जैसे उम्र बढ़ने के संकेतों से लड़ने में सहायक हैं। अश्वगंधा त्वचा कैंसर से भी बचाता है।

(और पढ़ें - लिवर कैंसर का इलाज)

मोतियाबिंद से लड़ने में - Ashwagandha for cataract in Hindi

त्यागराजन एट अल द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि अश्वगंधा के एंटीऑक्सीडेंट और साइटोप्रोटेक्टिव गुण मोतियाबिंद रोग से लड़ने में अच्छे हैं।

(और पढ़ें - मोतियाबिंद से बचने के उपाय)

 

मांसपेशियों की शक्ति में सुधार लाने के लिए - Ashwagandha benefits for weight gain and bodybuilding in Hindi

अश्वगंधा निचले अंगों की मांसपेशियों की शक्ति में सुधार लाने और कमज़ोरी दूर करने में उपयोगी पाया गया है। यह मस्तिष्क और मासपेशियों के बीच समन्वय पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

अध्ययन से पता चला है कि अश्वगंधा से शरीर की संरचना और ताकत बढ़ती है। 

पुरुषों में अश्वगंधा खाने से मांसपेशियां तंदरुस्त होती हैं, शरीर के चर्बी घटती है और ज़ोर बढ़ता है। 

(और पढ़ें - चर्बी कम करने के उपाय)

चयापचय में लाभ - Ashwagandha benefits for metabolism in Hindi

अश्वगंधा एंटीऑक्सीडेंट का एक बहुत अच्छा स्रोत है। ये एंटीऑक्सीडेंट चयापचय (metabolism) की प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न मुक्त कण को साफ और निष्क्रिय करने में बहुत प्रभावी रहे हैं।

(और पढ़ें - मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के उपाय)

थायराइड के लिए - Ashwagandha benefits for thyroid in Hindi

हाइपोथायरायडिज्म के मामलों में, अश्वगंधा का इस्तेमाल थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करने के लिए किया जा सकता है। थायरॉयड ग्रंथि पर अश्वगंधा के प्रभाव पर एक अध्ययन से पता चला है कि इसकी जड़ों का एक्सट्रैक्ट अगर प्रतिदिन लिया जाए तो थायराइड हार्मोन के स्राव में वृद्धि होगी।

(और पढ़ें - थाइरोइड का घरेलू उपाय)

कामोद्दीपक गुण - Ashwagandha as Aphrodisiac in Hindi

शताब्दियों से माना गया है कि अश्वगंधा में कामोद्दीपक गुण है और लोगों ने इसे एक दवा के रूप में इस्तेमाल किया ताकि उनकी जीवन शक्ति और प्रजनन क्षमता में सुधार हो। हाल ही के एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह दर्शाया गया कि अश्वगंधा कामोद्दीपक दवा के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अच्छी तरह से वीर्य की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह पूरे शरीर में तनाव भी कम कर देता है।

(और पढ़ें - प्रजनन क्षमता बढ़ाने के उपाय)

मधुमेह के लिए - Ashwagandha for diabetes in Hindi

अश्वगंधा लंबे समय से आयुर्वेदिक चिकित्सा में सुगर के उपचार के लिए इस्तेमाल किया गया है। डायबिटीज के उपचार में अश्वगंधा के उपयोग पर अनुसंधान ने सकारात्मक परिणाम का संकेत दिया है। प्रयोगों ने दर्शाया कि जब अश्वगंधा का सेवन चार सप्ताह की अवधि के लिए किया गया, तब उपवास और दोपहर के खाने के बाद रक्त शर्करा के स्तर में काफी कमी आई।

बहुत सारे मामलों में देखा गया है कि अश्वगंधा खाने से ब्लड शुगर स्तर कम होता है।

एक टेस्ट ट्यूब स्टडी में देखा गया था की अश्वगंधा खाने से इन्सुलिन की मात्रा शरीर में बढ़ती है और मांसपेशियों में इन्सुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है।

(और पढ़ें - इन्सुलिन क्या होता है)

मनुष्यों पर अध्ययन करने से पता चला है कि अश्वगंधा खाने से स्वस्थ और डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर स्तर कम हो जाता है।

(और पढ़ें - डायबिटीज में क्या खाना चाहिए)

प्रतिरक्षा प्रणाली में - Ashwagandha benefits for immunity in Hindi

शोध अध्ययनों से पता चला है कि अश्वगंधा का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाता है। चूहों के ऊपर किए गए प्रयोग में पाया गया कि अश्वगंधा के सेवन से चूहों में लाल रक्त कोशिका और सफेद रक्त कोशिकाओं में भी वृद्धि हुई। इससे यह माना जा सकता है कि आदमी की लाल रक्त कोशिकाओं पर अश्वगंधा के सेवन से सकारात्मक प्रभाव हो सकता है, जिससे एनीमिया जैसी स्थितियों को रोकने में मदद मिल सकती है। 

(और पढ़ें - एनीमिया के लक्षण)

घाव भरने में उपयोगी - Ashwagandha use for healing wounds in Hindi

यह घाव भरने और उसके इलाज के लिए बहुत उपयोगी है। अश्वगंधा की जड़ों को पीस कर पानी के साथ एक चिकना पेस्ट बना लें। राहत के लिए घावों पर इस पेस्ट को लगाएं।

(और पढ़ें - घाव भरने के घरेलू उपाय)

 

संधिवात के लिए - Ashwgandha benefits for rheumatic problems in Hindi

अश्वगंधा संधिवात (rheumatic problems) की समस्याओं के लिए प्रभावी पाया गया है। यह जड़ी बूटी सूजन और दर्द को कम करने के लिए जानी जाती है। काइरोप्रेक्टर्स के लॉस एंजिल्स कॉलेज द्वारा किए गए शोध से पता चलता है कि अश्वगंधा में सूजन कम करने के गुण हैं जो इसमें मौजूद अल्कलाइड्स, सपोनिंस और स्टेरॉइडल लैक्टोन्स से आते हैं।

(और पढ़ें - सूजन कम करने का तरीका)

तनाव विरोधी गुण - Ashwagandha to relieve stress in Hindi

अश्वगंधा में तनाव को कम करने वाले गुण भी पाएं जाते हैं। परंपरागत रूप से, इसका उपयोग व्यक्ति पर सुखद और शांत प्रभाव देने के लिए किया जाता था। वह सक्रिय संघटक जो इस गतिविधि के लिए ज़िम्मेदार है वह अभी भी अज्ञात है, लेकिन विभिन्न अनुसंधान प्रयोगों में अश्वगंधा में तनाव विरोधी गुण देखे गए हैं। अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि अश्वगंधा के प्रयोग से चरम तापमान बदलाव में रखे पशुओं के तनाव के स्तर में भी उल्लेखनीय कमी आई।

(और पढ़ें - तनाव के घरेलू उपाय)

अध्ययन से पता चला है कि अश्वगंधा लेने से चूहों के दिमाग में केमिकल सिगनल पहुँचने से तनाव नहीं रहता। 

कुछ मनुष्यों पर जांच करने से पता चला है कि अश्वगंधा लेने से तनाव और चिंता की समस्या बहुत कम हो जाती है।

(और पढ़ें - तनाव के लिए योग)

अश्वगंधा कैप्सूल के लाभ अवसाद में असर - Ashwagandha for depression in Hindi

भारत में अश्वगंधा पारंपरिक रूप से आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक दोनों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। भारत में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान संस्थान में, मानसिक स्वास्थ्य पर अश्वगंधा के प्रभाव को, विशेष रूप से अवसाद (depression) में, अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन ने चिंता और अवसाद के संबंध में अश्वगंधा के लाभों का वर्णन किया है।

(और पढ़ें - चिंता दूर करने के घरेलू उपाय)

60 दिन तक 64 चिंता से ग्रस्त वयस्कों पर अध्ययन करने पर पता चला कि जो लोग एक दिन में 600 मिलीग्राम अश्वगंधा खाते थे उनमें डिप्रेश 79% कम हुआ और जो लोग इसका सेवन नहीं करते थे उनमें 10% समस्या और बढ़ गई थी।

(और पढ़ें - चिंता खत्म करने के लिए योगासन)

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कैंसर के लिए - Ashwagandha for cancer in Hindi

एक अध्ययन में कैंसर को खत्म करने के लिए ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में, विकिरण चिकित्सा और रसायन चिकित्सा के साथ अश्वगंधा को एक उभरता हुआ सहयोगी विकल्प है। यह ट्यूमर सेल को खत्म करने की गतिविधि के साथ बिना हस्तक्षेप किए कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए जाना जाता है।

(और पढ़ें – कैंसर के लक्षण)

जानवरों और टेस्ट-ट्यूब में की जाने वाली जांच से पता चला है कि अश्वगंधा खाने से एपोप्टोसिस बढ़ता है जो कैंसर कोशिकाओं को मारने की एक विधि है। ये कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने में भी रोक सकती है।

(और पढ़ें - ब्लड कैंसर के लक्षण)

अश्वगंधा "रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज़" (reactive oxygen species) बनता है जिससे कैंसर सेल ख़तम होते हैं। इससे कैंसर सेल एपोप्टोसिस का सामना नहीं कर पाते और ख़तम हो जाते हैं।

(और पढ़ें - कैंसर में क्या खाना चाहिए)

हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदे - Ashwgandha benefits for heart health in Hindi

अश्वगंधा, अपने सूजन कम करने के गुण, एंटीऑक्सीडेंट और तनाव कम करने के गुणों के साथ, हृदय स्वास्थ्य की समस्याओं के लिए अच्छा है। यह हृदय की मांसपेशियों को मज़बूत बनता है।

अश्वगंधा खाने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड की मात्रा कम हो जाती है जिससे हृदय की बीमारी होने की सम्भावना कम हो जाती है।

(और पढ़ें - हृदय रोग का इलाज

अश्वगंधा की तासीर कैसी होती है?

अश्वगंधा शरीर में गर्मी उत्पन्न करता है। इसे अन्य जड़ी बूटियों के साथ मिलाकर लेना चाहिए जिससे शरीर में ज़्यादा गर्मी उत्पन्न ना हो। 

अश्वगंधा से पित्त बढ़ता है :

आयुर्वेदा के अनुसार, अश्वगंधा से पित्त (शरीर में बदलाव लाने वाला दोष) बढ़ता है और कफ दोष (शरीर में संचयन करने वाला दोष) और वात दोष (शरीर में बहाव लाने वाला दोष)  को कम कर देता है। शरीर में कोई विकार आने के कारण इन तीनो मुख्य दोषों में बदलाव आ सकता है। जैसे, कम पित्त होने के कारण चयापचय कमज़ोर हो जाता है, अपच, शरीर में दूषित पदार्थों का इकठ्ठा होना और यादाश्त खोना। 

(और पढ़ें - आयुर्वेद के तीन दोष)

पित्त की कमी को ठीक करने के लिए अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए। परन्तु, जिनके शरीर में पहले से ही पित्त की मात्रा ज़्यादा है उन्हें अश्वगंधा लेते समय सावधान रहना चाहिए क्युकी शरीर में पित्त ज़्यादा होने से एसिडिटी, पेट में छाले, त्वचा पर चकत्ते और चिंता हो सकती है। 

अश्वगंधा से चाय बनाने का तरीका -

  • अश्वगंधा की सूखी हुई जड़ के पाउडर के 2 चम्मच लें। 
  • इसे 3.5 कप उबलते हुए पानी में डालें। 
  • इसे 15 मिनट तक उबलने दें। 
  • इसे अच्छे से छान लें ताकि कोई कण पानी में ना रहे। 
  • रोज़ 1/4 कप पिएं।  

 अश्वगंधा और घी का मिश्रण -

  • 2 चम्मच अश्वगंधा को 1/2 कप घी में भून लें। 
  • 1 चम्मच खजूर से बनी चीनी उसमें मिलाएं। 
  • इस मिश्रण को फ्रिज में रखदें। 
  • इस मिश्रण का 1 चम्मच दूध या पानी के साथ लें। 

अश्वगंधा को किसी अन्य पदार्थ के साथ मिलाकर लेना -

  • 1/2 कप सूखी, कटी हुई अश्वगंधा की जड़ को एक डिब्बे में रखें। 
  • उसके ऊपर 80 से 100 एमएल वोडका या रम के दो कप उसके ऊपर डालें। 
  • उस डिब्बे को धक् कर रख दें और एक अँधेरी जगह पर 2 हफ्ते से 4 महीने तक रख दें - बीच-बीच में मिश्रण को हिला लिया करें। 
  • जब आपका मिश्रण बन शुका होगा, उससे ध्यान से एक शीशे या कोबाल्ट के गिलास में दाल कर रखलें। उसमें एक ड्रॉपर भी दाल लें जिससे उस मिश्रण को निकालने में आसानी हो। 
  • अश्वगंधा मिश्रण कीे 40-50 बूँदें 120 एमएल पानी में मिलाकर पिएं। इसका  दिन में 3 बार सेवन करें या अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

आज कल के समय में, लोग अश्वगंधा के कैप्सूल लेना ज़्यादा पसंद करते हैं क्यूंकि इनका सेवन करना आसान होता है। इनकी क़्वालिटी भी अच्छी होती है और ये ज़्यादा मात्रा में मिल जाते हैं। 

अश्वगंधा के रोज़ 1-2 कैप्सूल, 2 बार लेने चाहिए। 

अश्वगंधा जड़ बाजार में या तो पाउडर के रूप में, सूखे रूप में, या ताज़ा जड़ के रूप में उपलब्ध होती है।

आप 10 मिनट के लिए पानी में अश्वगंधा पाउडर को उबालकर अश्वगंधा की एक चाय बना सकते हैं। पानी के एक कप में पाउडर के एक चम्मच से अधिक प्रयोग न करें।

आप सोने से पहले अश्वगंधा जड़ पाउडर गर्म दूध के एक गिलास के साथ भी ले सकते हैं।

(और पढ़ें - दूध पीने के फायदे)

ज़्यादा मात्रा में अश्वगंधा लेने से कुछ नुक्सान हो सकते हैं। ज़्यादा अश्वगंधा खाने से उलटी आना, पेट ख़राब होना या डायरीआ जैसी समस्या हो सकती है। कुछ लोगों को अश्वगंधा से एलर्जी भी हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसमें गर्भ गिराने वाले गुण हैं। बड़ी मात्रा में अश्वगंधा की खपत से बचें क्योंकि ऐसा करने पर दस्त, पेट की ख़राबी और मतली जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

अश्वगंधा का उपयोग करते समय डॉक्टर सावधानी रखने की सलाह देते हैं क्योंकि अश्वगंधा सामान्य रूप से ली जा रही दवाइयों के साथ हस्तक्षेप कर सकता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो मधुमेह, हाई बीपी, चिंता, अवसाद और अनिद्रा जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं। अश्वगंधा कुछ दवाइयों के असर बढ़ा या फिर घटा सकता है -

  • नींद की दवा -
    अश्वगंधा शरीर में नींद लाने और ऊर्जा बढ़ाने का कार्य करता है। वो इन दवाइयों का असर बढ़ा भी सकता है और कम भी कर सकता है। मुख्य रूप से बेंज़ोडियाज़पीन लेते समय ध्यान रखें। याद रखें कि अश्वगंधा कोई नींद लाने की दवा नहीं है। (और पढ़ें - अनिद्रा के आयुर्वेदिक उपचार)
     
  • रोग निरोधक शक्ति घटाना -
    हमारे शरीर की बाहरी तत्वों की तरफ क्या प्रतिक्रिया है, अश्वगंधा इसको संतुलित करता है। इससे ये उन दवाइयों का असर कम कर देता है जो हमारे शरीर की रोग निरोधक शक्ति बढाती है। जिन लोगों को ऑटोइम्म्यून की समस्या है उन्हें अश्वगंधा नहीं लेना चाहिए। 
    (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के उपाय)
     
  • डायबिटीज संतुलित करने वाली दवाइयां -
    अश्वगंधा से डायबिटीज कम होती है। ये आपका ब्लड शुगर स्तर 12% कम कर देता है। अगर आप पहले से ही डायबिटीज की दवाइयां ले रहे हैं तो उसके साथ अश्वगंधा ना लें क्यूंकि इससे आपका ब्लड शुगर स्तर सामान्य से भी नीचे गिर जायेगा। 
    (और पढ़ें - डायबिटीज में परहेज)

    डायबिटीज का इलाज:निरंतर जाँच करे,myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट का उपयोग करे,स्वस्थ आहार ले, नियमित व्यायाम करे और  स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और सही दिशा में बढ़ें।
     
  • बीपी कम करने वाली दवाइयां -
    अगर आप हाई बीपी कम करने के लिए दवाइयां ले रहे हैं तो ध्यान रखें कि उनके साथ आप अश्वगंधा ना लें। ऐसा ना करने से आपका बीपी बहुत कम हो सकता है।
    (और पढ़ें - bp kam karne ka tarika)
     
  • थाइरोइड के लिए दवाइयां -
    अश्वगंधा को सही मात्रा में लेने से आपका थाइरोइड संतुलित हो जाता है और आपका चयापचय भी सही हो जाता है। परन्तु अगर आप पहले से थाइरोइड की दवाइयां ले रहे हैं तो अश्वगंधा ना लें चाहे वो हाइपरथाइरोइडिज़्म के लिए हो या हाइपोथयरॉइडिज़्म के लिए। 

(और पढ़ें - थाइरोइड में क्या क्या खाना चाहिए)

Dr Bhawna

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें अश्वगंधा है

संदर्भ

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  2. Jessica M. Gannon, Paige E. Forrest, K. N. Roy Chengappa. Subtle changes in thyroid indices during a placebo-controlled study of an extract of Withania somnifera in persons with bipolar disorder. J Ayurveda Integr Med. 2014 Oct-Dec; 5(4): 241–245. PMID: 25624699
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  6. Chandrasekhar K1, Kapoor J, Anishetty S. A prospective, randomized double-blind, placebo-controlled study of safety and efficacy of a high-concentration full-spectrum extract of ashwagandha root in reducing stress and anxiety in adults.. Indian J Psychol Med. 2012 Jul;34(3):255-62. PMID: 23439798
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