कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट क्या है?

कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो एक प्रकार का यूरिन टेस्ट है, जिसका उपयोग पेशाब में मौजूद अतिरिक्त कैल्शियम का पता लगाने के लिए किया जाता है।

यह किडनी के द्वारा मूत्र में स्रावित किए गए क्रिएटिनिन के विरुद्ध कैल्शियम की मात्रा के रेश्यो का परीक्षण करके बताया जाता है। यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जो कि ऐसे विकारों की पहचान करता है जिनके कारण पेशाब में अत्यधिक कैल्शियम निकलने लगता है। इस टेस्ट को स्पॉट यूरिनरी कैल्शियम/ क्रिएटिनिन रेश्यो कहा जाता है। 

यूरिन में कैल्शियम के स्तर असामान्य रूप से अधिक कुछ कारणों से होते हैं जिनमें आंतों द्वारा कैल्शियम का अधिक अवशोषण करना, किडनी द्वारा कैल्शियम और फास्फोरस का लीक होना और पैराथायराइड हार्मोन के कारण हड्डियों से कैल्शियम का पुनः शोषण होना शामिल हैं।

कुछ स्वास्थ्य संबंधी स्थितियां हैं जिनके कारण कैल्शियम अत्यधिक मात्रा में उत्सर्जित होने लग जाता है, इनमें मुख्य रूप से पैराथायरायडिज्म (पैराथायराइड ग्रंथि संबंधी रोग), किडनी में पथरी, मल्टीपल मायलोमा और पेजेट रोग जैसे रोग शामिल हैं। कुछ विशेष दवाओं के कारण भी यूरिन या मूत्र में कैल्शियम का उत्सर्जन अत्यधिक होने लगता है। इन दवाओं में एंटासिड शामिल है, जिसमें कैल्शियम होता है, डाइयुरेटिक्स, स्टेरॉयड, हार्मोनल ट्रीटमेंट (एण्ड्रोजन, ग्रोथ हार्मोन) और अधिक मात्रा में विटामिन डी की खुराक शामिल है।

किडनी से अत्यधिक कैल्शियम निकलने से हेमाट्यूरिया नामक स्थिति हो जाती है जिसमें यूरिन में खून आने लग जाता है। कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो से पथरी और अन्य बीमारियां जिनमें पेशाब में खून आता है उन की पहचान करने में मदद मिलती है। 

इसके अलावा यह रेश्यो एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार फैमिलियल हाइपोकैल्सियूरिक हाइपरकैल्सीमिया के परीक्षण के लिए भी प्रयोग किया जाता है। हाइपरकैल्सीमिया होने पर रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है और यूरिन में कैल्शियम का स्तर कम हो जाता है। ऐसे मामलों में कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो सामान्य से कम आता है।

  1. कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट क्यों किया जाता है - Calcium/Creatinine Ratio Kyu Kiya Jata Hai
  2. कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट से पहले - Calcium/Creatinine Ratio Se Pahle
  3. कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट के दौरान - Calcium/Creatinine Ratio Ke Dauran
  4. कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Calcium/Creatinine Ratio Result and Normal Range

कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट किसलिए किया जाता है?

निम्न स्थितियों में डॉक्टर कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो करवाने के लिए कहते हैं:

  • हड्डियों के रोग जैसे मल्टीपल मायलोमा, पेजेट रोग आदि के कारण आसानी से फ्रैक्चर होना 
  • किडनी में पथरी होना
  • जठरांत्र संबंधी रोगों जैसे पेप्टिक अल्सर और अग्नाशयशोथ के कारण पेट में गंभीर दर्द होना
  • तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारियों में चिंताचिड़चिड़ापन और उलझन महसूस होना
  • मायोकार्डियल कैल्सिफिकेशन और लेफ्ट वेंट्रिकुलर हाइपरट्रॉफी जैसी हृदय संबंधी समस्याओं में हृदय की रक्त वाहिकाओं में कैल्शियम जमना 
  • फैमिलियल हाइपोकैल्सियूरिक हाइपरकैल्सीमिया
  • कमजोरी और मानसिक डिप्रेशन जो कि ज्यादातर यूरिन में अधिक कैल्शियम होने के कारण होता है 

विटामिन डी के सप्लीमेंट लेने के बाद यूरिन में कैल्शियम की मात्रा पर नजर रखने के लिए भी यह टेस्ट किया जाता है।

कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो करवाने की सलाह बच्चों को निम्न लक्षण दिखने पर दी जाती है:

कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो और कैल्शियम के स्तर की जांच दिन में किसी भी समय के यूरिन सैंपल लेकर की जा सकती है। इस टेस्ट के लिए आपको किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं है। कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो के लिए आपको भूखे रहने की जरूरत नहीं है। हालांकि, कुछ मामलों में कभी-कभी अनियमित समय के यूरिन सैंपल लेने से परिणाम सही नहीं आते और सैंपल में कैल्शियम का स्तर अधिक नहीं दिखता। इसीलिए डॉक्टर हाइपरकैल्सियूरिया या यूरिन में कैल्शियम के उच्च स्तर की जांच के लिए आपसे चौबीस घंटे के यूरिन सैंपल (24 घंटे में आप जितनी भी बार पेशाब जाएंगे)  इकट्ठा करने के लिए कहेंगे। यदि आप कोई दवा ले रहे हैं तो टेस्ट से पहले डॉक्टर को इनके बारे में बता दें।

कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट कैसे किया जाता है?

यूरिन सैंपल में कैल्शियम और क्रिएटिनिन के स्तर की पहचान कर के कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो की गणना की जाती है। यूरिन को एक यूरिन ट्रांसपोर्ट ट्यूब में डाला जाता है जिसमें यूरिन की एसिडिटी बनाए रखने के लिए पीएच स्टैबिलाइज़र होता है। यूरिन का सैंपल लेने के बाद से परीक्षण करने व नतीजे आने में एक दिन का समय लगता है।

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कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

सामान्य परिणाम :

  • वयस्कों में, <0.14 को सामान्य और <0.18 श्रेष्ठ स्तर माना जाता है।
  • कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट की सामान्य वैल्यू (नॉर्मल रेंज) बच्चों में उम्र के अनुसार अलग होती है:
    • 0 से 6 महीने ≤0.80
    • 7 से 11 महीने ≤0.60
    • ≥एक साल की उम्र  ≤0.20[10]

सामान्य परिणामों का मतलब है कि यूरिन में कैल्शियम और क्रिएटिनिन का स्तर सामान्य है और किडनी द्वारा अतिरिक्त कैल्शियम उत्सर्जित नहीं हो रही है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि हर लैब के अनुसार परिणाम अलग-अलग आ सकते हैं।

असामान्य परिणाम :

वयस्कों में, क्रिएटिनिन कैल्शियम की >0.20 रेश्यो को असामान्य माना जाता है, जिसका मतलब है कि रक्त में यूरिन की मात्रा अत्यधिक है। 

 क्रिएटिनिन/कैल्शियम रेश्यो का असामान्य स्तर निम्न स्थितियों में होता है:

  • हाइपरपैराथायरॉइडिस्म 
  • किडनी में पथरी 
  • मल्टीपल मायलोमा 
  • पेजेट रोग 
  • विटामिन डी की अतिरिक्त खुराक

संदर्भ

  1. Leslie SW, Gossman WG. Hypercalciuria. [Updated 2019 May 15]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2019 Jan
  2. Kevin F. Foley. Urine Calcium: Laboratory Measurement and Clinical Utility. Laboratory Medicine, Volume 41, Issue 11, November 2010, Pages 683–686.
  3. Christensen SE. Familial hypocalciuric hypercalcaemia: a review. Curr Opin Endocrinol Diabetes Obes. 2011 Dec;18(6):359-70
  4. Srivastava T, Schwaderer A. Diagnosis and management of hypercalciuria in children. Curr Opin Pediatr. 2009;21(2):214-219
  5. OrthoInfo [internet]. American Academy of Orthopaedic Surgeons. Paget's disease
  6. Taniegra ED. Hyperparathyroidism. Am Fam Physician. 2004;69(2):333-339
  7. Jones AN, Shafer MM, Keuler NS, Crone EM, Hansen KE. Fasting and postprandial spot urine calcium-to-creatinine ratios do not detect hypercalciuria. Osteoporos Int. 2012;23(2):553-562.
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