बच्चों की आंखों का चिपकना और आंखों से पानी आना एक आम समस्या है। सामान्यतः 20 प्रतिशत बच्चों को इस तरह की समस्या होती है। आमतौर पर यह समस्या हानिकारक नहीं होती है और यह समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है। इस समस्या को चिकित्सीय भाषा में एपिफॉरा (Epiphora) कहा जाता है। इस दौरान आपको अपने बच्चे की आंखों को साफ रखना चाहिए। हालांकि बच्चों की आंखों से पानी आने के कुछ लक्षण अन्य गंभीर समस्या की ओर भी संकेत करते हैं, जिसमें आपको बच्चे को जल्द ही किसी डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। 

(और पढ़ें - बच्चों की देखभाल कैसे करें)

इस लेख में आपको बच्चों की आंख से पानी आने के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही बच्चों की आंख से पानी आने के लक्षण, बच्चों की आंख से पानी आने के कारण, बच्चों की आंख से पानी आने से बचाव और बच्चों की आंख से पानी आने का इलाज आदि विषयों को भी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है। 

(और पढ़ें - शिशु टीकाकरण चार्ट)

  1. बच्चों की आंख से पानी आने के लक्षण - Baccho ki ankh se pani aane ke lakshan
  2. बच्चों की आंख से पानी आने के कारण - Baccho ki ankh se pani aane ke karan
  3. बच्चों को आंख से पानी आने का इलाज - Baccho ki ankh se pani aane ka ilaj

बच्चों की आंख से पानी के आने के लक्षणों को निम्नलिखित बताया गया है।

(और पढ़ें - आंखों में खुजली का इलाज)

बच्चों की आंख से पानी आने पर डॉक्टर के पास कब जाएं?

  • जब बच्चे की आंखों से निकलने वाला पीला और हरे रंग का द्रव आंखों के चारों ओर सूख कर सख्त होने लगे।
  • आपका बच्चा परेशानी के कारण लगातार आंखों को मलने लगे, तो आप उसको डॉक्टर के पास ले जाएं।
  • बच्चे को रोशनी से परेशानी होने लगे और वह आंखों को बंद रखना पसंद करे।
  • आपके बच्चे की पलकों का आकार सामान्य ना रहें।   

(और पढ़ें - बच्चों को सिखाएं अच्छी सेहत के लिए अच्छी आदतें

Baby Massage Oil
₹252  ₹280  10% छूट
खरीदें

बच्चों की आंख से पानी आने की समस्या कई बार आंखों के ही अन्य रोगों से संबंधित होती है। आगे बच्चों की आंख से पानी आने के कारण को बताया गया है।   

  • आंसुओं का ज्यादा बनना:
    आंखों में कुछ चीज चले जानें से जलन होने लगती है। आंखों में जाने वाले कण को बाहर निकालने के लिए ही ज्यादा आंसु बनने लगते हैं, ताकि वो कण आसानी से बाहर निकल जाए। आंखों में जलन का कारण बनने वालों में धूल, पराग, गंदगी, रेत और धुआं आदि को शामिल किया जाता है। इसके अलावा आंख आना (कंजंक्टिवाइटिस), ट्राइकियासिस (Trichiasis: पलकों के बालों का अंदर की तरफ उगना या कोई बाहरी वस्तु आंख के अंदर घुस जाना) व इक्ट्रोपियन (ectropion: नीचे की पलक का लटक जाना) की समस्या में भी आंखों से पानी आने लगता है। (और पढ़ें - बच्चे की उम्र के अनुसार लंबाई चार्ट)
     
  • संक्रमण:
    संक्रमण, जैसे आंख आने (pink eyes) से शिशुओं की आंख से पानी आने की संभावना बढ़ जाती है। यह संक्रमण वायरस, फंगी, बैक्टीरिया और एलर्जी के कारण हो सकता है। वायरस की वजह से आंखे आने की समस्या संक्रामक होती है, ऐसे में यदि सावधानी ना बरती जाए तो घर के अन्य सदस्यों को भी आंख आने की समस्या हो सकती है। अन्य संक्रमण जैसे ब्लेफेराइटिस (blepharitis: पलकों की सूजन) में भी बच्चों की आंखों से पानी से आने लगता है, ये संक्रमण आंखों के अंदर की सीबम ग्रंथि (sebum glands) में रुकावट के वजह से होता है। इन संक्रमणों के दौरान बच्चे की आंखों पर कई तरह के गंभीर प्रभाव जैसे सूजन, जलन, दर्द और पलकों का टूटना आदि होने की संभावना बढ़ जाती है। (और पढ़ें - शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं)
     
  • अश्रु नलिका (Tear duct) में समस्या:
    अश्रु नलिकाएं आंखों से द्रव या तरल को बाहर निकालने का काम करती है, इससे द्रव आंखों में इकट्ठा नहीं हो पाता है। अश्रु नलिकाएं में रुकावट आने से द्रव के बाहर आने की प्रक्रिया में खराबी आ जाती है। इसकी वजह से आंसु बच्चे की आंखों में इकट्ठा होने लगते हैं। इस स्थिति में आपको बच्चे की आंखों के अंदरुनी किनारों पर सफेद द्रव, लालिमा, और सूजन दिखने लगती है। 

(और पढ़ें - बच्चों की खांसी का इलाज)

नवजात शिशु की आंखों से पानी आने की समस्या कुछ सप्ताह में अपने आप ही ठीक हो जाती है। कुछ मामलों में बच्चे की आंखों के आसपास के हिस्से में पानी चिपचिपा पदार्थ बन जाता है। ऐसे में आप रूई के टुकड़े को स्टेराइल वाटर (sterile water) में डुबोकर बच्चे की आंखों को साफ करें। स्टेराइल वाटर को भी उबालने की आवश्यकता होती है, लेकिन इस पानी को इस्तेमाल करने से पहले उसको ठंडा कर लें।

(और पढ़ें - मिट्टी खाने का इलाज)

कुछ मामलों में अश्रु नलिकाओं पर मसाज करने से आंसु आसानी से बाहर आ जाते हैं। इसके लिए आपको उंगलियों और अंगूठे की मदद से नाक के ऊपर के बाहरी हिस्से पर हल्की मसाज करनी चाहिए।

बच्चों की आंख से पानी आने के इलाज को नीचे विस्तार से जानें-  

  • शिशु की अश्रु नलिकाओं में रुकावट ही उसकी आंखों में पानी आने का एक मात्र कारण नहीं होता है। डॉक्टर शिशु की आंखों की जांच करके इसके सटिक कारणों का पता लगाते हैं।
  • आंखों में संक्रमण के कारण पानी आने की समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर बच्चे को एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं। 
  • एलर्जिक प्रतिक्रिया की वजह से आंख से पानी आने पर बच्चे को एंटीथिस्टेमाइंस (antihistamines) युक्त आईड्रोप (Eye drop: आंख में डालने वाली दवा) दी जाती है।
  • बच्चे की आंख में कुछ बाहरी वस्तु चले जाने पर नेत्र विशेषज्ञ की मदद ली जाती है।
  • अश्रु नलिकाओं के बंद होने के गंभीर मामलों में ऑपरेशन की भी आवश्यकता पड़ सकती है। इस दौरान जरूरी होने पर डॉक्टर नाक के पास से आंसू निकलने का एक वैकल्पिक मार्ग बना देते हैं।

(और पढ़ें - बेबी को सुलाने के कुछ टिप्स)

बच्चों की आंख से पानी आने के घरेलु उपाय

बच्चों की आंख से पानी आने की समस्या में आप निम्न घरेलू उपायों को अपना सकती हैं।

  • यदि आपका बच्चा बड़ा है तो उसको रुक-रुककर पढ़ाई कराएं। साथ ही उसको लगातार टीवी और कम्प्यूटर के सामने ना बैठने दें।
  • डॉक्टर की सलाह से आंखों में नमीं बनाएं रखने के लिए आईड्रोप का उपयोग करें। (और पढ़ें - बच्चों मे अस्थमा का इलाज)
  • आंखों को ढककर रखें और किसी भी तरह की रुकावट को रोकने के लिए पलकों पर मसाज करें।  

(और पढ़ें - बच्चों के टॉन्सिल का इलाज)

ऐप पर पढ़ें