हालांकि गर्मी का मौसम अस्थमा के मरीज के लिए सर्दी के मौसम की तुलना में बेहतर है। सर्दी के मौसम में जहां सर्दी-जुकाम, खांसी जैसी समस्याएं बनी रहती हैं, वहीं गर्मी में ऐसी कोई परेशानी नहीं होती। वे आसानी से इस मौसम में एक्सरसाइज कर सकते हैं, घर से बाहर जाकर दोस्तों के साथ मस्ती कर सकते हैं। शायद यही वजह है कि गर्मी के मौसम में अस्थमा के मरीज अपने स्वास्थ्य के लिए लापरवाह हो जाते हैं। जबकि उन्हें अपने स्वास्थ्य को कभी भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए। यहां हम ऐसी ही गलतियों की बात कर रहे हैं, जिन्हें नजरंदाज न करें।

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ज्यादा से ज्यादा समय बाहर रहना 
गर्मी के मौसम में सबको हिदायत दी जाती है कि वे अपना ज्यादा से ज्यादा समय घर के अंदर गुजारें। ऐसा करके वे गर्मी में होने वाली समस्या से बचे रह सकते हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए भी यह फायदेमंद है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी होता है कि घर के अंदर नमी न हो। घर में मौजूद नमी अस्थमा के मरीजों के लिए सही नहीं है। नमी की वजह से वातावरण में धूल के कण भर जाते हैं जिससे उनकी स्थिति खराब हो सकती है।

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शरीर का गर्म होना 
अस्थमा के मरीज को चाहिए कि गर्मी के मौसम में अपने शरीर के तापमान का भी ध्यान रखें। शरीर का गर्म होना इन दिनों आपके लिए सही नहीं है। इसलिए शरीर को ठंडा रखने वाली गतिविधियों पर ज्यादा ध्यान दें। आप चाहें तो स्विमिंग कर सकते हैं। इस तरह अस्थमा के मरीज अस्थमा अटैक से बच सकते हैं।

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प्रदूषण का ध्यान न रखना 
प्रदूषण हर मौसम में बुरा है। लेकिन गर्मी के मौसम में अस्थमा के मरीज इस ओर ध्यान ही नहीं देते। वे तनावमुक्त रहते हैं। जहां मन आए, वहां घूम आते हैं। जबकि प्रदूषण के स्तर पर ध्यान रखना हर मौसम में जरूरी है। जैसे ही पता चले कि प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है तो घर से बाहर न निकलें। इसके साथ ही बाहरी गतिविधियां कम करें, खासकर शाम के समय। अगर अस्थमा के लक्षण बिगड़ने लगे तो अटैक आने से पहले अपने लक्षणों को सुधार लें।

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गर्मी में अस्थमा अटैक से कैसे बचें

  • मौसम चाहे जो भी हो अपने पास इनहेलर हमेशा रखें। अचानक मौसम बदलने या वातावरण में नमी बढ़ने की वजह से एकाएक तबियत खराब हो सकती है। इनहेलर पास होने पर इन समस्याओं से आसानी से निपटा जा सकता है।
  • अस्थमा अटैक आने की वजह पर हमेशा गौर करें। आपको पोलेन, घास या प्रदूषण की वजह से पहले कभी अस्थमा अटैक आ चूका है तो इन दिनों घर से बाहर कम निकलें।
  • इन दिनों साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। अपनी बेडशीट, कार्पेट की नियमित सफाई करें।
  • धूल-मिट्टी की वजह से भी अस्थमा अटैक आ सकता है इसलिए घर की सफाई पर ध्यान दें।

कुल मिलाकर कहने की बात यह है कि जिस तरह लोग हेल्दी रहने के लिए संतुलित डाइट चार्ट बनाते हैं। उन्हें कब, क्या खाना है, इसका पूरा विवरण होता है। इसी तरह अस्थमा के मरीजों को भी चाहिए गर्मी के मौसम में क्या करना है और क्या नहीं, इसका पूरा ध्यान रखे। अगर संभव हो तो इसके लिए एक डायरी बना सकते हैं। हालांकि ज्यादातर अस्थमा के मरीज ऐसा नहीं करते और इसे जरूरी भी नहीं समझते। जबकि डायरी बनाने से तबियत खराब होने पर स्थिति को आसानी से समझा और सुलझाया जा सकता है। इसी तरह यहां बताए गए उपायों को आजमाकर गर्मी के मौसम में अस्थमा से बचे रह सकते हैं।

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