आपकी गर्भावस्था का 20वां हफ्ता, आपकी दूसरी तिमाही के मध्य का समय होता है। इस समय तक आप थकान, मॉर्निंग सिकनेस, मतली और अन्य गर्भावस्था के लक्षणों का अनुभव कर चुकी होती हैं लेकिन फिर भी थोड़ी थकान और दर्द का अनुभव अभी भी हो सकता है। इस हफ्ते के दौरान आपके बच्चे में कई रोमांचक परिवर्तन होते हैं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में थकान)

  1. 20वें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव - Body changes in 20th week of pregnancy in Hindi
  2. बीसवें हफ्ते की गर्भावस्था में शिशु का विकास - Baby development in 20th week of pregnancy in Hindi
  3. बीसवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड - Ultrasound in 20th week of pregnancy in Hindi
  4. 20वें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स - Tips for 20th week of pregnancy in Hindi
  5. प्रेगनेंसी के बीसवें हफ्ते की डाइट - Diet for 20th week pregnancy in Hindi

ज्यादातर महिलाएं जिनका शरीर छोटा होता है उन्हें इस चरण में आने पर सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसा बच्चे द्वारा आपके आंतरिक अंगों पर दबाव डालने से होता है।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में होने वाली समस्याएं और प्रेगनेंसी टेस्ट कब करे)

इस समय तक आपका वज़न लगभग 6-7 किलो बढ़ जाता है। अब से आपका लगभग आधा ग्राम वज़न हर हफ्ते बढ़ सकता है। आपकी कमर में वृद्धि होगी और बदहजमी, छाती में जलन, खुजली, मूत्र त्यागने और कब्ज की शिकायत जल्दी जल्दी हो सकती है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में वज़न बढ़ना)

अब आपको आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक से अधिक करना होगा, क्योंकि आपका बच्चा भी अधिक आयरन का प्रयोग करने लगता है। फल,  अंडे, चिकन, सूखे मेवे, अंकुरित गेहूं, दलिया, पालक और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां आदि आयरन के अच्छे स्रोत हैं।

आयरन की कमी से गर्भावस्था में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो सकती है। जिनमें प्रेगनेंसी में खून की कमी और समय से पहले प्रसव होने की समस्या प्रमुख है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में खून की कमी)

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इस हफ्ते में शिशु का वज़न लगभग 318 ग्राम और लम्बाई साढ़े सात इंच से ज्यादा होती है। बच्चे की वृद्धि अब कुछ हफ्ते धीमी गति से होगी। आप शायद बच्चे की गतिविधियों को अधिक महसूस करेंगी क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह गर्भ की दीवारों की सीमाओं की जांच कर रहा हो।

(और पढ़ें - गर्भ में बच्चे का विकास, वीडियो के साथ)

बच्चे के फेफड़े अभी तक परिपक्व नहीं होते हैं, लेकिन बच्चा साँस ले रहा होता है। नवजात शिशु का प्रथम मल (मिकोनीयम- Meconium) गहरे हरे रंग के चिपचिपे पदार्थ के रूप में निकलता है। मिकोनीयम में मृत कोशिकाएं और एम्नियोटिक द्रव (Amniotic fluid) आदि पदार्थ होते हैं जिन्हें मां की पाचन क्रिया के समय बच्चे द्वारा निगल लिया जाता है।

लैन्यूगो (Lanugo) अर्थात गर्भ में बच्चे के शरीर पर आने वाले बाल अभी भी उसके शरीर पर होते हैं और सिर के बाल तेज़ी से बढ़ रहे होते हैं। कान पूरी तरह से कार्य करने लगते हैं, इसलिए शांत वातावरण में समय बिताना आपके लिए अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि आपका बच्चा प्रतिदिन 20 घंटे सोता है।

(और पढ़ें - गर्भ में लड़का या लड़की होने के लक्षण से जुड़े मिथक)

इस हफ्ते के अल्ट्रासाउंड में बच्चे के पैर आपस में क्रॉस की स्थिति में होते हैं और उसका चेहरा उसके हाथों से ढका होता है। वह अभी कमजोर लग सकता है, लेकिन विकास की दृष्टि से वो सही है। 3-डी अल्ट्रासाउंड में उसकी हड्डियां भी दिखाई देती हैं जिनका दिन पर दिन विकास हो रहा होता है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर से चेकअप)

यदि यह आपकी दूसरी या तीसरी प्रेगनेंसी है या अगर पहली भी है और आप और बच्चों की चाह नहीं रखती हैं तो अब से परिवार नियोजन या प्रेगनेंसी को रोकने के तरीकों की जानकारी प्राप्त करना शुरु कर दें।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में योग और प्राणायाम)

अपने प्रसूति विशेषज्ञ से चुनी हुई परिवार नियोजन की योजना निःसंकोच साझा करें जिससे यदि कोई बेहतर तरीका या कोई सम्बंधित महत्वपूर्ण बात वो आपको बता सकें।

यदि आप चाहें तो स्वयं को महसूस होने वाली बातें, बच्चे की गतिविधियां आदि एक डायरी में लिखना शुरू कर सकती हैं जिसमें आप अपने 9 महीने के उन बेहतरीन पलों को लिख सकती हैं जो और कोई महसूस नहीं कर सकता। और यकीन मानिये भविष्य में कभी ये डायरी पढ़ने में आपको बहुत अच्छी अनुभूति होगी।

(और पढ़ें - गर्भधारण कैसे होता है)

अपने और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार खाएं और नियमित रूप से व्यायाम करें।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में व्यायाम)

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गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के दौरान आयरन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, आयोडीन और विटामिन डी समृद्ध निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं)​

  1. आयरन का सेवन करने के लिए आप अपने भोजन में सूखे मेवे, अंडे, चिकनदलियास्प्राउट्सपालक आदि चीज़ें शामिल कर सकती हैं।
  2. ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिए आप अखरोटहरी पत्तेदार सब्जियां, टोफू, सोयाबीनअंडे आदि का सेवन कर सकती हैं।
  3. सैल्मन, झींगा और सार्डिन मछली, मांस और अण्डों में आयोडीन होता है। इनका सेवन करें। 

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)

संदर्भ

  1. Start4Life. National Health Service [Internet]. Hertfordshire. UK; Week 20 – your second trimester
  2. National Health Service [Internet]. UK; You and your baby at 20 weeks pregnant
  3. American Pregnancy Association [Internet]. Irving, Texas, USA; Pregnancy Week 20
  4. Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; The Second Trimester
  5. Cleveland Clinic. [Internet]. Cleveland. Ohio; Fetal Development: Stages of Growth
  6. Nemours Children’s Health System [Internet]. Jacksonville (FL): The Nemours Foundation; c2017. Week 20
  7. Everett, CB and Preece, E. Women with bleeding in the first 20 weeks of pregnancy: value of general practice ultrasound in detecting fetal heart movement.. Br J Gen Pract. 1996 Jan; 46(402): 7–9. PMID: 8745844
  8. Zhang, Zhonghe. et al. Development of Fetal Brain of 20 Weeks Gestational Age: Assessment With Post-Mortem Magnetic Resonance Imaging. Eur J Radiol . 2011 Dec;80(3):e432-9. PMID: 21146341
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