आप में से ज़्यादातर लोग सोचते होंगे कि गुदगुदा बिस्तर या एक पतला गद्दा, इनमें से कौन शरीर के लिए सबसे ज्यादा लाभदायक है? अगर ये नहीं, तो किसी ऐसे स्पेशल बिस्तर को खरीदना चाहिए, जो कमर को आराम दे सके, लेकिन एक विकल्प ऐसा भी है, जिसमें बिस्तरे की जरूरत ही नहीं है। अगर आप चाहते हैं कि नींद के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य पर भी अच्छा असर पड़े, तो बेड पर सोने की बजाए आज से आप ज़मीन पर सोना शुरू कर दीजिये। ज़मीन पर सोने से शरीर को खूब से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

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तो बोरिया बिस्तर लेकर ज़मीन पर सोने के लिए तैयार हो जाइये क्योंकि आज हम आपको ज़मीन पर सोने के बेहतरीन लाभ बताने जा रहे हैं -

  1. जमीन पर सोने के लाभ - Benefits of sleeping on the floor in Hindi
  2. जमीन पर सोने के नुकसान - Side effects of sleeping on the floor in Hindi
  3. जमीन पर सोने के लिए टिप्स - Tips for sleeping on the floor in hindi
  4. सारांश

जमीन पर सोने वाले व्यक्ति को निम्न प्रकार के लाभ मिल सकते हैं -

मानसिकता और तनाव के लिए फायदेमंद

एक अध्ययन से पता चला है कि अच्छी कुदरती नींद यानी ज़मीन पर सोने से मस्तिष्क स्वस्थ रहता है। इस तरह सोने से तनाव आपसे दूर रहेगा साथ ही जीवन में आपको किसी भी प्रकार की बिमारी नहीं छुएगी।

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कूल्हों और कंधे दोनों को संरेखित करें

दर्द से संबंधित कई समस्याएं कूल्हों और कंधो की मांसपेशियों के बिगड़ने से होती हैं। दर्द के क्षेत्र जैसे कंधा, ऊपरी पीठ, निचली पीठ, बांह की कलाई, छाती, कोलरबोन, गर्दन, सिर आदि। अगर अपने ज़मीन पर सोने की आदत डाल ली तो कूल्हों और कंधो से जुड़े दर्द को आप आसानी से दूर कर पाएंगे।

(और पढ़ें - मजबूत हिप्स और कूल्हे के दर्द से राहत के लिए हिप्स एक्सरसाइज)

पीठ के निचले हिस्से में दर्द कम करता है

जमीन पर सोने से पीठ का दर्द कम होता है। अच्छे आसन में सोने का यह एक और तरीका है जिसे आपको ज़रूर अपनाना चाहिए। कमर के दर्द से आमतौर पर हर कोई रोज़ इससे गुज़रता है कारण है रीढ़ की हड्डी में गड़बड़ी आना या तंत्रिकाओं का सिकुड़ जाना। इसलिए ज़मीन पर सोने से आपको ये परेशानियां कम होती नज़र आएंगी।

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रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखें

हमारे शरीर की रीढ़ की हड्डी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र( central nervous system) से जुडी होती है जिसका संपर्क सीधा मस्तिष्क से होता है। तो यह शरीर का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक अच्छा आसन भी आपकी रीढ़ की हड्डी के लिए एक अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है। ज़मीन पर सोने से आपके रीढ़ की हड्डी के अकड़ने की संभावना कम होती है।

शरीर या हड्डी के संरेखण (alignment) में सुधार

जैसा कि पहले लाभ से हमने आपको बताया कि ज़मीन पर सोने से आपकी हड्डियों की समस्याओं का कुदरती हल निकलता है। इस उपचार की प्रक्रिया बीमारी को सुधारने और ठीक करने में बहुत धीमी है लेकिन आपको इसके लिए धेर्ये रखना पड़ेगा क्योंकि ये साबित हो चूका है कि ज़मीन पर सोने से हड्डियों से जुडी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

एक अच्छा पोश्चर बनाए रखना

अगर आप अपनी पीठ के बल बिना किसी परेशानी के सोते है तो ये बहुत ही अच्छी बात है। ज़मीन पर सोने से आपके शरीर को एक कुदरती लाभ मिलेगा साथ ही आपको किसी भी प्रकार की हड्डी से सम्बंधित परेशानी नहीं होगी।

(और पढ़ें - जानिए आपके सोने की पोजीशन किस तरह करती है आपके स्वास्थ्य को प्रभावित)

शुरुआत में ज़मीन पर सोना आसान नहीं होगा और इस स्थिति में आपका कई तकियों के साथ सोने का मन करेगा। हालांकि, केवल एक तकिये का इस्तेमाल आप कर सकते हैं लेकिन ऐसे आपकी पीठ को आराम नहीं मिलेगा। कुछ लोगो का मानना है कि ज़मीन पर सोना नुकसानदायक है लकिन ये अवधारणा बिल्कुल गलत है। हालांकि जो लोग अधिक वजन वाले हैं वो नरम गद्दे के अलावा कही और सोने के आदी नहीं होते इसलिए उन्हें ज़मीन पर सोने से सुबह में थोड़ी पीड़ा हो सकती है लेकिन यह होना स्वाभाविक है। (और पढ़ें - कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज)

ज़मीन पर सोना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। हालांकि, अगर आप किसी स्वास्थ्य स्थिति से पीड़ित हैं जिसके लिए आपको विशेष बिस्तर पर सोना पड़ता है तो ज़मीन पर सोना आपके लिए अव्यावहारिक हो सकता है। इस प्रक्रिया को कम से कम कुछ रातों के लिए ज़रूर करें। इससे आपको पता चल जाएगा कि आप ज़मीन पर सो पाएंगे या नहीं।

यहां कुछ ऐसे टिप्स हैं जिनके बारें में आपको पता होना चाहिए। खासकर तब जब आप इस आदत के लिए नए हों -

इस नए अनुभव का आनंद लें

इस बारें में ज़्यादा सोचने की कोशिश न करें कि मैं अपने गुदगुदे गद्दे को छोड़कर यहाँ सो रही हूँ या सो रहा हूँ। एक बार आदत पड़ने के बाद और इसका असर देखने के बाद आप अपने गुदगुदे गद्दे की तरफ जाने के बारे में सोचेंगे भी नहीं। 

सोने से दो घंटे पहले खाना खाएं

खाली पेट सोने से आप कभी भी एक अच्छी नींद नहीं ले पाएंगे। सोने से पहले आपका पेट भरा हुआ होना चाहिए। कोशिश करें कि आपके सोने और खाने के बीच दो घंटे का फासला तो ज़रूर होना चाहिए। इसके साथ ही एक पौष्टिक आहार भी लेने की कोशिश करें। पौष्टिक आहार जैसे कम वसा वाला दहीफलअखरोट (लेकिन बहुत ज्यादा नहीं), सब्ज़ियों का जूस और अन्य प्राकृतिक आहार। लेकिन कोशिश करें की उच्च चीनी या उच्च कैलोरी वाले फल जैसे डुरियन और आम से खुद को दूर रखें। एक और बेहतर तरीका होगा अगर आप अपना भोजन अपने हिसाब से खुद तैयार करें।

शुरुआत में केवल एक तकिये का प्रयोग

बिना तकिये के सोने की आदत डालने के लिए आप शुरुआत में एक तकिये का प्रयोग कर सकते हैं। जैसे जैसे आप बिन तकिये के सोने के आदी हो जाएंगे वैसे वैसे आप इस एक तकिये को हटा भी सकते हैं।

सोने की जगह पर पानी रखें

यह बहुत ही ज़रूरी है कि आप हमेशा हाइड्रेट रहें तब भी जब आप सोने जा रहें हों। अगर आप सोने की जगह के पास पानी रखते हैं तो बीच रात में प्यास लगने पर भी आप पानी पी सकते हैं।

(और पढ़ें - शरीर के वजन के हिसाब से कितना पानी पीना चाहिए)

खुद के लिए जितना हो सके उतना आरामदायक बनाएं

ज़मीन पर सोते समय जितना हो सके उतना आरामदायक बिस्तर अपना बना लें। टेडी और अपने पसंदीदा कुशन से तो हर कोई प्यार करता है। ऐसी ही कोई पसंदीदा और आरामदायक चीज़ अपने पास लेकर सोयें जिससे कि आपको सुकून भरी नींद आये। लेकिन कुशन लेकर सोने का मतलब ये नहीं है की आप अपने सिर के नीचे उसे लगा लें। अगर ज़मीन पर सोना चाहते हैं तो बिना किसी सहारे के सोएं वरना ऐसा करने से आपकी पूरी मेहनत पानी में मिल जाएगी।

आरामदायक कपड़ें पहनें

अगर आप सोच रहें हैं कि रात में ठंड बढ़ेगी तो कोशिश करें कंबल के साथ साथ आरामदायक कपड़ें पहनें। और हो सके तो पैरों में मोजे भी पहनें।

कृपया कंबल को अभी भी ओढ़ें

ज़मीन पर सोते वक़्त कंबल को मजबूत लकड़ी के फर्श पर भी ओढ़ें (खासकर तब जब आपका फर्श आमतौर पर ठंडा रहता हो)। इससे आपको ठंड नहीं लगेगी साथ ही कंबल ओढ़ने से आपके शरीर की हड्डियों को गरमाहट भी मिलती रहेगी।

पतले गद्दे या चटाई के साथ शुरुआत करें

अगर आप सीधे ज़मीन पर नहीं सो सकते तो आप एक पतली चटाई के साथ सो सकते हैं। चटाई जैसे योग मैट या पतला गद्दा जो आपको आम तौर पर एक स्पोर्ट्स स्टोर में उपलब्ध हो जाएगा।

पीठ के बल सोएं

अगर आप ज़मीन पर सोने के लायक हो गए हैं तो ध्यान रहें हमेशा अपनी पीठ के बल ही सोएं।

जमीन पर सोने को सेहत के लिए अच्छा माना गया है। जमीन पर सोने से न सिर्फ नींद अच्छी आती है, बल्कि पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। साथ ही तनाव जैसी समस्या को कम करने में भी मदद मिल सकती है।

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