दिल्ली में मेडिकल स्टोर के मालिक द्वारा गलत दवा देने के कारण 2 साल की बच्ची की मृत्यु हो गई। यह मेडिकल स्टोर शाहदरा, जीटीबी एन्क्लेव इलाके का है, जिसकी जानकारी 13 दिसम्बर, 2019 को पुलिस द्वारा दी गई। बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर उसे सरकारी जीटीबी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण मां हड़बड़ी में पास के मेडिकल स्टोर पर गई और वहां से दवा लेकर आई। डॉक्टरों के अनुसार मेडिकल स्टोर ने गलत दवा दी थी। बच्ची को आराम न मिलने के बाद मां उसे फिर से मेडिकल स्टोर लेकर गई, जहां बच्ची को इंजेक्शन लगाया गया। जब मां बच्ची को घर लेकर आई तो उसने खून की उल्टी करना शुरू कर दिया। इसके बाद बच्ची को जीटीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की अस्पताल लाने से पहले की मौत हो चुकी थी। इस बात की पुष्टि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने की है।

ऐसी स्थिति में क्या करें?
साधारण सर्दी-जुकाम या बुखार में बिल्कुल न घबराएं, बच्चे का बुखार चेक करें अगर आपको लगता है कि कोई सामान्य बुखार की स्थिति है तो आप शिशु को पैरासिटामोल सिरप का सेवन कराएं। पैरासिटामोल सिरप के सेवन की सही मात्रा जानने के लिए दवाई की बोतल पर लिखे लेबल को ध्यान से पढ़ें। इसके अलावा बच्चे को बुखार से राहत पहुंचाने के लिए उसके बदन पर गीली पट्टी करें।

हालांकि, इसके बाद भी अगर बच्चे का बुखार 2 दिन तक न उतरे व इस बीच और अधिक या अन्य बीमारियों जैसे खांसी, बलगम और उल्टी आदि के लक्षण दिखाई दें, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। myUpchar की डॉक्टर अर्चना निरूला सलाह देते हैं कि बच्चे को किसी पीडियाट्रिशियन (बच्चों का डॉक्टर) के पास लेकर जाएं। महंगे खर्च के कारण अगर किसी प्राइवेट पीडियाट्रिशियन से इलाज नहीं करवा सकते हैं, तो ऐसे में शिशु को किसी सरकारी अस्पताल में पिडियाट्रिशियन को दिखाएं।

कभी भी शिशु को डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न दें, खासतौर से किसी भी केमिस्ट से सुई (इंजेक्शन) न लगवाएं, क्योंकि केमिस्ट को इस बात की कोई जानकारी नहीं होती है। बच्चों को यदि इंजेक्शन की मात्रा थोड़ी सी भी अधिक लगा दी जाए तो उनकी मृत्यु हो सकती है। इंजेक्शन सीधा मरीज के खून में जाकर मिलता है, इसलिए इसका दुष्प्रभाव काफी हानिकारक होता है।

कई बार हो चुकी हैं ऐसी लापरवाहियां
इंग्लैंड के एक शहर में भी मेडिकल स्टोर द्वारा गलत दवा के कारण बच्ची की मृत्यु होते-होते बची थी। इस विषय में मां ने बताया कि उसकी बेटी की तबीयत खराब होने की वजह से वह मेडिकल स्टोर से दवा लेकर आई। घर आ कर पता चला कि इस दवा को निगलने से बच्ची की मृत्यु भी हो सकती थी।

2019 के शुरुआत में महाराष्ट्र के नागपुर में भी कई केमिस्ट की दुकानों को गलत दवा देने के आरोप में 1.5 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ा था।

ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें माता-पिता बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने की बजाए, मेडिकल स्टोर से ही कोई भी दवा लेकर खिला देते हैं। इसी कारण बच्चे की स्थिति में सुधार आने की बजाए हालात और गंभीर हो जाते हैं और अंत में उसकी मृत्यु भी हो सकती है।

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