आजकल बाजार में छोटे शिशुओं के लिए नए-नए पाउडर उपलब्ध हैं जिन्हें प्रचार में देखकर माताएं आकर्षित होती हैं और वे बिना कुछ पड़ताल किए अपने शिशुओं को पाउडर लगाती हैं। अधिकतर माताओं की आदत छोटे शिशुओं को पाउडर लगाने की होती है बिना ये जाने छोटे शिशुओं को पाउडर लगाना चाहिए या नहीं?

कई बार लोगों को लगता है कि शिशुओं को पाउडर लगाने से होने वाले डायपर रैश को ठीक किया जा सकता है। आज हम इस लेख में बताएंगे कि शिशुओं को पाउडर लगाना चाहिए या नहीं? शिशुओं को सुरक्षित तरीके से पाउडर कैसे लगाना चाहिए?

(और पढ़ें - डायपर के रैशेस हटाने के घरेलू नुस्खे)

  1. कितना सुरक्षित है शिशुओं के शरीर में पाउडर लगाना? - Kitna safe hai chote baccho ko powder lagana?
  2. पाउडर को सुरक्षित तौर पर कैसे करें इस्तेमाल? - Baby powder ko istemal karne ke tips

चिकित्सकों की मानें तो शिशुओं के शरीर में पाउडर लगाना सुरक्षित है लेकिन इसका इस्तेमाल बहुत सावधानी से करना चाहिए। शिशु को पाउडर लगाते समय यह ध्यान रखना चाहिए शिशु सांस के जरिए पाउडर को अंदर न ले। शिशु को लगाए जाने वाले पाउडर को मुलायम खनिज को पीसकर बनाया जाता है।

(और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत के लक्षण)

Baby Massage Oil
₹252  ₹280  10% छूट
खरीदें

शिशु को पाउडर लगाते समय हुई जरा सी भी गलती से अगर पाउडर शिशु की सांस के माध्यम से फेफड़ों में चला जाता है तो इससे बच्चे को सांस से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। चिकित्सकीय तौर पर इसे लगाने पर जोर नहीं दिया गया है।

(और पढ़ें - फेफड़ों में इन्फेक्शन के लक्षण)

निम्नलिखित तरीकों से आप बेबी पाउडर का इस्तेमाल सुरक्षित रूप से कर सकती हैं:  

  • बच्चों के नाजुक अंगों में सीधा पाउडर लगाने से बेहतर होगा कि उसके आसपास और पैरों में पाउडर की हल्की परत लगायी जाए। 
  • शिशु के शरीर पर छिड़कते हुए पाउडर नहीं लगाना चाहिए।
  • बेबी पाउडर को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए।
  • शिशुओं को पाउडर लगाने के लिए पाउडर लगाने वाले पफ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए की पाउडर की बोतल से बच्चा खेले नहीं और वह बोतल को मुंह में न ले।
  • पाउडर को बच्चे की आंखों में नहीं जाने देना चाहिए इससे उसे आंखों में दिक्कत हो सकती है। (और पढ़ें - बच्चों की आंख से पानी आने के कारण)
  • हवा में उपस्थित पाउडर के थोड़े-बहुत कण शिशु के लिए हानिकारक नहीं होते लेकिन अगर ज्यादा मात्रा में पाउडर बच्चों के फेफड़ों में जाता है तो इससे उसे जलन, असहजता या सांस लेने में अवरोध उतपन्न हो सकता है।
  • शिशुओं की त्वचा बहुत नाजुक होती है इसलिए उन्हें पाउडर कम ही लगाना चाहिए। (और पढ़ें - शिशु की त्वचा की देखभाल कैसे करें)
  • अपने हाथ में पाउडर लगाने के बाद ही बच्चों के शरीर में पाउडर लगाना चाहिए।
  • डॉक्टर की सलाह के बाद ही घमौरी वाले पाउडर का इस्तेमाल बच्चों के लिए करना चाहिए।
  • शिशु की त्वचा पर पाउडर का इस्तेमाल यह सोचकर कभी नहीं करना चाहिए कि इससे शिशु की त्वचा गोरी हो जाएगी।
  • बच्चों के लिए पाउडर खरीदते उसमें इस्तेमाल होने वाले तत्वों को जरूर देख लेना चाहिए। पाउडर में कोई ऐसा तत्व न हो जो बच्चे के लिए हानिकारक हो।

अपने शिशु को लेकर हर माता - पिता हमेशा उत्साहित रहते हैं। बच्चे के लिए नए - नए उत्पाद खरीदते हैं नए साबुन - तेल से लेकर पाउडर तक सब कुछ नया ही होता है। एक-एक चीज बहुत चुन - चुन के लाते हैं लेकिन फिर भी ऐसा कई बार होता है कि उन चीजों को इस्तेमाल करने के पहले डॉक्टर की सलाह लेना भूल जाते हैं। छोटे बच्चों को पाउडर लगाना बहुत सामान्य बात है लेकिन फिर भी शिशुओं के मामले में चिकित्सक की सलाह लेना बहुत जरूरी होता है।

ऐप पर पढ़ें