चक्कर आना - Dizziness in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

August 17, 2018

December 19, 2023

चक्कर आना
चक्कर आना

चक्कर आना क्या है?

चक्कर आने को साधारण भाषा में सिर का घुमना कहते हैं, आपके एक जगह स्थिर खड़े या बैठे होने पर भी यह समस्या होती हैं। चक्कर आना एक ऐसी स्थिति है जिसमें हम एक अलग तरह की उत्तेजना, जैसे- बेहोश होना, कमजोरी व अस्थिरता को महसूस करते हैं।

डॉक्टर से मिलने के कुछ सामान्य कारणों में चक्कर आने को भी शामिल किया जाता है। चक्कर आने की स्थिति को कई लोग सही तरह से समझ नहीं पाते हैं, क्योंकि लोग इसको कई अलग तरह के स्थिति के रूप में भी देखते हैं। यह समस्या या तो हल्के सिर दर्दकमजोरी को दर्शाती है या फिर इसमें व्यक्ति को सब कुछ घुमता हुआ लगता है। ऐसे में आप जब भी डॉक्टर से मिलें, तो इस दौरान महसूस करने वाली सभी बातों को उन्हें खुलकर बताएं। इस स्थिति का पहला व यह सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है, ताकि इसके निदान का पता लगाने व इसके इलाज को सही दिशा दी जा सकें। लगातार चक्कर आना आपके जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।

चक्कर आने के लक्षण अस्पष्ट हो सकते हैं, क्योंकि यह समस्या कई वजह से हो सकती है। चक्कर आने के अंतर्निहित कारणों की पहचान करना हमेशा आसान नहीं होता।

 

चक्कर आने के प्रकार - Types of Dizziness in Hindi

चक्कर आने के क्या प्रकार होते हैं?

  • सिर में हल्के दर्द के साथ चक्कर आना (लाइटहेडडनेस: lighheadedness): इस अवस्था में आपको लगता है कि आप बेहोश हो रहें हैं। आम तौर पर तेजी से उठने व गहरी सांसों को लंबे समय तक लेने से इसका अनुभव हो सकता है। 
  • वर्टिगो: इसमें आसपास की सभी चीजें घूमती हुई लगती है, जबकि वास्तव में ऐसा होता नहीं है। कुछ समय के लिए हुए वर्टिगो में आप खुद को गोल-गोल घूमता हुआ महसूस करते हैं और फिर अचानक यह ठीक हो जाता है। 

 

चक्कर आने के लक्षण - Dizziness Symptoms in Hindi

चक्कर आने के क्या लक्षण होते हैं?

चक्कर की समस्या को महसूस करने वाले लोग इसे कई संवेदनाओं के रूप में बता सकते हैं, जैसे-

  • खड़े होने या बैठने पर नियंत्रण खोना।
  • सिर का एक तरफ झुक जाना।
  • हल्का सिर दर्द व बेहोशी महसूस करना।
  • किसी एक स्थिति में बैठने या रहने में मुश्किल होना।
  • खुद को आगे और पीछे की ओर गिरता हुआ महसूस करना।
  • नीचे जमीन को देखकर अपनी स्थिति का पता करने की प्रवृत्ति।
  • बैठे या खड़े होने पर किसी चीज को छुकर या पकड़कर रखने की आदत।
  • आपके स्थिर होने पर भी आस-पास की सभी चीजें घूमती हुई लगना व चक्कर आना।

आपके चलते समय, खड़े होने या अपने सिर को हिलाने की स्थिति में इसके लक्षण धीरे-धीरे गंभीर भी हो सकते हैं। चक्कर आने पर आपको उल्टी भी हो सकती है। इसके अचानक होने पर आप बैठ या लेट जाएं। चक्कर आने की स्थिति से निकलने के अंतिम पड़ाव में आप धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं।यह परिस्थिति कभी कभी कुछ ही सैकंड में सामान्य हो जाती है तो कभी इसे सामान्य होने में घंटों लग जाते है। साथ ही कुछ ही समय में इसकी पुनरावृत्ति हो सकती है।

डॉक्टर के पास कब जाएं?

यदि आपको लगातार चक्कर आ रहें हैं, तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें। इसके अलावा यदि आप नीचे बताएं गए कारणों के साथ अचानक चक्कर आने को अनुभव कर रहें हो, तो भी आपको डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है-

  • बेहोश होना
  • छाती में दर्द होना
  • उल्टी आना
  • तेज बुखार 
  • दिखाई देने में मुश्किल होना
  • सुनने में परेशानी होना
  • सिर पर चोट लगना
  • सिरदर्द होना
  • बोलने में कठिनाई

ये सभी लक्षण आपके स्वास्थ्य की किसी गंभीर समस्या की ओर संकेत करते हैं, इसलिए जितनी जल्दी हो सके इस समस्या के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।

चक्कर आने के कारण और जोखिम कारक - Dizziness Causes $Risk Factors in Hindi

चक्कर क्यों आते हैं?

चक्कर के सामान्य कारण नीचे बताए गए हैं-

  • माइग्रेन: सिरदर्द से पहले या बाद में चक्कर का आना।
  • तनाव या चिंता: जब आप असामान्य रूप से जल्दी-जल्दी सांस लेते हैं।
  • रक्त शर्करा का कम स्तर(लो ब्लड शुगर): यह स्थिति आमतौर पर डायबिटीज के रोगियों में देखी जाती है। 
  • कान का संक्रमण: यह आपके सुनने और संतुलन को बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित करता है और ऐसा होने पर लगातार चक्कर आ सकते हैं।
  • निम्न रक्तचाप(लो ब्लड प्रेशर): रक्तचाप के कम होने पर आपका रक्त मस्तिष्क में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं भेज पाता है। इससे भी चक्कर आते हैं। 
  • स्थिति में अचानक हुए परिवर्तन से कम रक्तचाप होना: आपके अचानक बैठने, खड़े होने या लेटने पर रक्तचाप का कम हो जाना, यह स्थिति मुख्यतः बुजुर्गों में देखी जाती है। 
  • निर्जलीकरण या गर्मी से थकान होना: व्यायाम के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीने के कारण निर्जलीकरण हो सकता है। इसके अलावा किसी बीमारी में उल्टी व दस्त होना भी शरीर में पानी की कमी का कारण हो सकता है।

    डायबिटीज का इलाज:निरंतर जाँच करे,myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट का उपयोग करे,स्वस्थ आहार ले, नियमित व्यायाम करे और  स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और सही दिशा में बढ़ें।

    

कुछ दुर्लभ, लेकिन संभावित कारण -

  • कान या सिर पर चोट लगना
  • आंतरिक कान में ट्यूमर होना
  • एनीमिया- शरीर में आयरन या विटामिन बी की कमी होना
  • मस्तिष्क के पीछे के भाग में (वह क्षेत्र जो शरीर के संतुलन को नियंत्रित करता है) रक्त प्रवाह का कम होना। यह हृदय से मस्तिष्क तक आने वाली रक्त वाहिकाओं के अवरूद्ध होने से हो सकता है।  
  • दवाओं के विपरीत प्रभाव के चलते- रक्तचाप और हृदय गति को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण चक्कर आने की समस्या हो सकती है।

चक्कर आने से बचाव - Prevention of Dizziness in Hindi

चक्कर आने को कैसे रोकें?

  • हर काम को धीरे-धीरे ही पूरा करें।
  • सिर को तेजी से धुमाने से बचें (विशेषकर मुड़ने या घुमाने में)।
  • शरीर के परिसंचरण पर बुरा असर डालने वाले उत्पाद, जैसे तंबाकू, शराब, कैफीन और नमक का प्रयोग न करें।
  • तनाव को कम करें और एलर्जी करने वाले पदार्थों से दूर रहें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
  • शरीर की किसी भी मुद्रा(उठने, बैठने, चलने व लेटने) में अचानक परिवर्तन करने से बचें।
  • लेटने की स्थिति से धीरे-धीरे उठें और खड़े होने से पहले कुछ क्षणों के लिए बैठें।
  • जब खड़े हो, तो सुनिश्चित करें कि किसी चीज का सहारा लेकर ही खड़े हो।
  • इसके लक्षण महसूस होने पर आप स्थिर रहें व कुछ देर आराम करें।
  • बार-बार चक्कर आते हों तो आप किसी छड़ी की सहायता लेकर ही चलें।
  • तेज रोशनी, टीवी से दूरी बनाएं और वर्टिगो की समस्या होने पर पढ़ने से बचें, क्योंकि यह असावधानियां इसके लक्षणों को और भी गंभीर बना सकती हैं।
  • अचानक हिलने से बचें।
  • यात्रा करते समय किताबें पढ़ने से बचें।
  • पिछली सीट में बैठकर यात्रा न करें।
  • अपनी यात्रा के पहले और यात्रा के दौरान तेज गंध व मसालेदार खाना न खाएं।
  • कान का संक्रमण, सर्दी होना, साइनस और अन्य सांस संबंधी संक्रमणों का समय रहते इलाज करें।
  • इस समस्या के लक्षण ठीक होने के 1 सप्ताह के बाद ही आप ड्राइविंग, भारी मशीनरी का संचालन व किसी ऊंची जगह की चढ़ाई कर सकते हैं, इससे पहले इन कामों को करने से बचें। इन गतिविधियों के दौरान अचानक चक्कर आना आपके लिए खतरनाक हो सकता है।

चक्कर आने का निदान - Diagnosis of Dizziness in Hindi

चक्कर आने का निदान कैसे करें?

चक्कर आने की समस्या का निदान आपके स्वास्थ्य की पिछली स्थितियों, शारीरिक परीक्षण और समस्या की प्रकृति के आधार पर किया जाता है। इसमें निम्न बिंदुओं पर विचार किया जाता है-

  • यह कब होता है?
  • किस परिस्थितियों में होता?
  • लक्षणों की गंभीरता
  • चक्कर आने के साथ होने वाले अन्य लक्षण
  • क्या यह आपकी तेजी से बदलती स्थिति यानी जल्दी -जल्दी पोजीशन (गतिविधि) बदलने से संबंधित है?
  • क्या यह खुद ही ठीक हो जाता है या आपको इसके लिए कुछ करने की जरूरत होती है, जैसे- लेट जाना?
  • क्या इसके लक्षण होने में सिर को हिलाना पड़ता है? क्या आपके स्थिर होने पर इसके लक्षण ठीक हो जाते हैं?

इस समस्या में आपके डॉक्टर आपकी आंखों और कानों की जांच के अलावा, न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका संबंधी) परीक्षण, आपके बैठने या खड़े होने के तरीके और इसके दौरान आपके नियंत्रण की स्थिति का भी परीक्षण कर सकते हैं। वहीं इसके कुछ संदिग्ध कारणों के आधार पर इमेजिंग टेस्ट, जैसे- सीटी स्कैन (CT scan) या एमआरआई (MRI) भी किया जा सकता है।

कुछ मामलों में अन्य कारणों की वजह से चक्कर आने के किसी भी सामान्य कारण का पता नहीं चल पाता है।

चक्कर आने का उपचार - Dizziness Treatment in Hindi

चक्कर आने का इलाज क्या है?

इसके उपचार का तरीके रोगी के चक्कर आने के कारणों पर निर्भर करते हैं। चक्कर आना अक्सर कई अन्य बीमारियों की ओर भी संकेत करता है। इससे होने वाली बीमारियों या स्थितियों के इलाज से चक्कर आने के लक्षणों में सुधार हो सकता है। ज्यादातर मामलों में, घरेलू उपचार व चिकित्सा उपचार से आप चक्कर आने के कारणों को नियंत्रित कर सकते हैं।

इसके उपचार में दवाएं और कुछ व्यायाम शामिल किए जाते हैं। यहां तक कि अगर इस समस्या का कोई कारण नहीं पाया जाता है, तो भी डॉक्टर की दवाएं व अन्य उपचार आपके लक्षणों को ठीक कर सकते हैं-

  • बैलेंस थेरेपी: चक्कर आने पर संतुलन प्रणाली को कम संवेदनशील बनाने में मदद करने के लिए आप विशेष योगासन सीख सकते हैं। आंतरिक कान की दिक्क्त के चलते चक्कर आने वाले लोगों में इसका उपयोग किया जाता है।
  • मनोचिकित्सा (मनोवैज्ञानिक द्वारा परामर्श लेना): इस तरह की थैरेपी उन लोगों की सहायता कर सकती है जिनको चिंता के कारण चक्कर आते हों।
  • दवाओं की सहायता से चक्कर आने की समस्या को कम किया जा सकता है। एंटीहिस्टामाइन दवाएं जैसे मैकलिजाइन को वर्टिगो में कुछ समय के लिए आराम पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता हैं। 
  • मतली के लिए दवा लेना। आपके डॉक्टर मतली से तत्काल राहत प्रदान करने के लिए आपको दवा दे सकते हैं।
  • चिंता के लिए दवाओं में डॉक्टर डायजेपाम (Diazepam) और अल्पराजोलम (alprazolam) जैसी दवाएं देते हैं।
  • माइग्रेन के लिए भी दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है। कुछ दवाएं माइग्रेन की समस्या को रोकने में मदद करती हैं।

जीवनशैली व खुद की देखभाल

चक्कर आने की समस्या आमतौर पर अपने आप ही सही हो जाती है, लेकिन यदि आपको बार-बार चक्कर आ रहें हों, तो इन टिप्स की मदद ले सकते हैं-

  • पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें। पौष्टिक आहार का सेवन करें, इसके साथ ही पूरी नींद लें और तनाव से दूर रहें।
  • यदि आपको किसी दवा के सेवन के कारण चक्कर आ रहें हों, तो डॉक्टर से मिलकर इन दवाओं को बदलने या इनकी मात्रा को कम करने पर विचार करें।  
  • अगर आपको निर्जलीकरण व ज्यादा गर्मी के कारण चक्कर आते हों, तो आप किसी ठंडे स्थान या जगह पर आराम करें व जरूरत के अनुसार पानी पीएं।
  • चक्कर आने पर नियंत्रण खोने की संभावनाओं के बारे में आप सचेत रहें, क्योंकि अचानक नियंत्रण खोने से आपको गिरने व गंभीर चोट लगने की संभावना होती है।
  • अचानक खड़े होकर चलने से बचें, वहीं चलने में स्थिरता बनाएं रखने के लिए किसी छड़ी का सहारा लें। 
  • चक्कर आना महसूस हो तो आप तुरंत बैठ या लेट जाएं व तेज चक्कर आने की स्थिति में आप किसी अंधेरे कमरे में लेटने पर अपनी आंखों को बंद करके ही रखें।
  • यदि आपको बार-बार चक्कर आने की समस्या हो, तो आप गाड़ी व किसी भारी मशीनरी को न चलाएं। 


संदर्भ

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चक्कर आना की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Dizziness in Hindi

चक्कर आना के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

चक्कर आना की जांच का लैब टेस्ट करवाएं

चक्कर आना के लिए बहुत लैब टेस्ट उपलब्ध हैं। नीचे यहाँ सारे लैब टेस्ट दिए गए हैं:

चक्कर आना पर आम सवालों के जवाब

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मेरी बहन की उम्र 33 साल है उन्हें चक्कर आते हैं। उनको यह प्रॉब्लम 7 या 8 महीने से हो रही है। वह अक्सर इसकी शिकायत करती हैं, हमने उन्हें डॉक्टर को दिखाया था। डॉक्टर से हमने सारे ब्लड टेस्ट करवा लिए थे जिसमें विटामिन-डी की रिपोर्ट को छोड़कर सारी रिपोर्ट नॉर्मल थी। विटामिन-डी नॉर्मल रेंज से कम है, मैं जानना चाहता हूं कि क्या चक्कर आने के अलावा विटामिन-डी की कमी के और भी लक्षण हो सकते हैं?

Dr Anjum Mujawar MBBS, MBBS , आकस्मिक चिकित्सा

विटामिन-डी की कमी की वजह से चक्कर आ सकते हैं और इसके अन्य लक्षण जैसे थकान, हड्डियों का कमजोर होना, इम्युनिटी घटना, तनाव आदि हैं।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मुझे 2 दिनों से सिर में हल्का दर्द और शाम के समय चक्कर आने लगते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि जैसे मेरा सिर किसी चीज से ढका हुआ है जैसे मैंने कोई कैप या हेलमेंट पहना हो। मुझे इसके लिए कोई इलाज बताएं?

Dr. B. K. Agrawal MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, सामान्य चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा

अगर आपको जुकाम है तो उसकी वजह से आपको ऐसा हो सकता है। गर्म पानी की भाप (स्टीम) लें और ध्यान रखें कि आप खाना समय पर खाएं (जब भी भूख लगती हो) वरना आपको सिर में दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा कभी-कभी डिहाइड्रेशन या साइनसाइटिस के कारण भी यह प्रॉब्लम हो सकती है।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मुझे लगातार चक्कर से आते हैं और मेरा सिर भारी-सा रहता है। यह किसका लक्षण है?

Dr. Kuldeep Meena MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक, डर्माटोलॉजी, श्वास रोग विज्ञान, गुर्दे की कार्यवाही और रोगों का विज्ञान, सामान्य चिकित्सा, अन्य, संक्रामक रोग, आकस्मिक चिकित्सा, प्रतिरक्षा विज्ञान, आंतरिक चिकित्सा, मल्टीस्पेशलिटी

सबसे पहले आप डॉक्टर से मिलें और उनको अपनी समस्या बताएं। वह आपकी जांच करेंगे और इसकी रिपोर्ट के अनुसार ही वह आपको इसके सही कारण के बारे में बता पाएंगे। मेडिकल जांच के बिना कुछ भी कह पाना मुश्किल है।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

2 दिन पहले मेरा ओवुलेशन का दिन था, तभी से मुझे चक्कर आ रहे हैं और मुझे चक्कर सिर्फ सुबह के समय आते हैं। क्या आप मुझे बता सकते हैं कि चक्कर आने का कारण क्या है?

Dr. Manju Shekhawat MBBS , सामान्य चिकित्सा

अगर आप संभोग करती हैं तो आप अपना यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट करवा लें, हो सकता है कि इस वजह से आपको यह समस्या हो रही हो।