लोगों में कपिंग थेरेपी के लिए इन दिनों बहुत उत्साह है, पश्चिमी देशों की कई बड़ी-बड़ी हस्तियां और ओलंपिक एथलीट इस विशेष चिकित्सा के लिए कतार में हैं। आमतौर पर कपिंग का उपयोग दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। यह मांसपेशियों के भीतर घाव के ऊतकों तथा इनसे जुड़े ऊतकों को आराम देती है और सूजन तथा मांसपेशियों की गांठों को कम करती है।

(और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द का इलाज)

यदि आपने कपिंग के बारे में नहीं सुना है, तो हम आपको बता दें कि यह एक बहुत ही सरल चिकित्सा है, इसके अंतर्गत कप के नीचे एक वैक्यूम बनाकर इन छोटे कप को त्वचा से जुड़ा रखा जाता है। ये कप त्वचा को ऊपर अपने अंदर की तरफ खींचता है।

कपिंग थेरेपी एक प्राचीन पारंपरिक और सहायक चिकित्सा अभ्यास है। हाल ही में, दर्द से संबंधित बीमारियों के इलाज में इसके संभावित लाभों के बढ़ते सबूत देखे गए हैं।

हमारा यह लेख कपिंग थेरेपी का एक सिंहावलोकन प्रस्तुत करता है। इस लेख में हमने विस्तार से बताया है कि कपिंग थेरेपी क्या है, कैसे करते हैं और इसके क्या फायदे तथा नुकसान हो सकते हैं।

  1. हिजामा क्या है - Cupping therapy kya hai in hindi
  2. हिजामा करने का तरीका - Hijama kaise karte hain in hindi
  3. हिजामा के फायदे - Cupping therapy benefits hindi
  4. हिजामा के नुकसान - Cupping therapy side effects in hindi

कपिंग थेरेपी, जिसे कुछ अरबी संस्कृतियों में हिजामा थेरेपी भी कहा जाता है, यह दवा का एक आकर्षक वैकल्पिक रूप है जिसका उल्लेख संभवतः 5000 साल पहले के ऐतिहासिक स्रोतों में भी किया गया है।

कपिंग थेरेपी या हिजामा वैकल्पिक चिकित्सा का एक प्राचीन रूप है जिसमें एक चिकित्सक खिंचाव (सक्शन) बनाने के लिए कुछ मिनट के लिए आपकी त्वचा पर विशेष कप रखता है। यह खिंचाव रक्त प्रवाह के साथ-साथ शरीर में “की" (Qi) के प्रवाह के उपचार की सुविधा प्रदान करता है। Qi एक चीनी शब्द है जिसका अर्थ जीवन शक्ति है।

हिजामा का उपयोग लोग दर्द, सूजन, रक्त प्रवाह, आराम और गहरे ऊतकों की मालिश में मदद करने जैसे कई उद्देश्यों के लिए करते हैं। आधुनिक कपिंग थेरेपी अक्सर ग्लास के कप का उपयोग करके की जाती है जो गेंदों की तरह गोल होते हैं और एक छोर पर खुले हुए होते हैं। हालांकि, कप ग्लास के अलावा निम्नलिखित पदार्थों का भी बना हो सकता है -

वर्तमान में हिजामा या कपिंग थेरेपी की दो मुख्य श्रेणियां होती हैं -

  • ड्राई (सुखी) कपिंग थेरेपी
  • वेट (गीली) कपिंग थेरेपी

आपके चिकित्सक और आपकी चिकित्सा जरूरत यह निर्धारित करने में सहायता करेंगी कि ऊपर लिखी दोनों विधियों में से किस विधि का उपयोग किया जाता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

एक प्रकार की पारंपरिक चीनी चिकित्सा, कपिंग थेरेपी जिसे हिजामा भी कहा जाता है, में त्वचा पर कुछ एक्यूपंक्चर बिंदुओं पर गिलास के कप के भीतर वैक्यूम बना कर रखे जाते हैं। इसे त्वचा पर रखने से पहले कप के अंदर की हवा को गर्म करके रखा जा सकता है।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए एक्यूपंक्चर)

कप अक्सर शराब, जड़ी बूटियों या कागज का उपयोग करके आग से गरम किया जाता है जो सीधे कप में रखा जाता है। आग के स्रोत को हटा कर गर्म कप खुले मुँह की तरफ से सीधे आपकी त्वचा पर रखा जाता है। कुछ आधुनिक कपिंग थेरेपी विशेषज्ञों ने पारंपरिक कप गर्म करने वाली विधि की जगह रबर पंप का उपयोग करना शुरू कर दिया है।

जब आपकी त्वचा पर गर्म कप रखा जाता है, तो कप के अंदर की हवा ठंडा हो जाती है और एक वैक्यूम बनाती है जो कप में त्वचा और मांसपेशियों को ऊपर खींचती है। आपकी त्वचा लाल पड़ सकती है, क्योंकि रक्त वाहिकाएं उनपर पड़ने वाले दबाव में बदलाव का जवाब देती हैं।

सूखी कपिंग थेरेपी में, कप एक निश्चित समय के लिए सेट किया जाता है, जो आमतौर पर 5 से 10 मिनट के बीच होता है। गीली कपिंग थेरेपी में, चिकित्सक कप को हटा देता है और मामूली खून निकालने के लिए एक छोटा सा चीरा लगाता है, इसमें कप आमतौर पर केवल कुछ ही मिनटों के लिए रहता है।

आपको अपने पहले सत्र में 3-5 कप लग सकते हैं या आपका चिकित्सक यह देखने के लिए कि यह कैसे काम कर रहा है, केवल एक कप लगा कर ट्राई कर सकता है। ब्रिटिश कपिंग सोसाइटी के अनुसार, 5-7 से अधिक कप का उपयोग बहुत कम किया जाता है।

कप हटा दिए जाने के बाद, चिकित्सक पहले कप लगाए गए क्षेत्रों को मलम और पट्टियों से कवर कर सकता है। यह संक्रमण को रोकने में मदद करता है। कोई भी चोट या अन्य निशान आमतौर पर सत्र के 10 दिनों के भीतर चले जाते हैं।

कपिंग थेरेपी कभी-कभी एक्यूपंक्चर उपचार के साथ की जाती है, जिसमें चिकित्सक पहले एक्यूपंक्चर सुइयों को बिंदु में चुभाता है और फिर उन पर कप रखता है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए, आप अपने कपिंग सत्र से 2 से 3 घंटे पहले केवल हल्का भोजन खा सकते हैं।

(और पढ़ें - सिरदर्द के लिए एक्यूपंक्चर)

हालांकि कई अंतर्राष्ट्रीय एथलीटों का कहना है कि उन्होंने थेरेपी से लाभ अनुभव किए हैं, पर इस विषय पर ठोस वैज्ञानिक अध्ययन बहुत थोड़े हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि इलाज के लाभ प्लेसिबो इफेक्ट  (प्लेसिबो प्रभाव वह है जो किसी भी शारीरिक प्रभाव के बजाय लोगों की इस भावना से होता है कि यह उपचार कार्य करता है) के कारण है या वाकई हिजामा के कोई शारीरिक लाभ हैं।

कपिंग थेरेपी या हिजामा उस क्षेत्र में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है जहां कप लगाए जाते हैं। इससे मांसपेशी को तनाव से छुटकारा मिल सकता है, जो समग्र रक्त प्रवाह में सुधार करता है और कोशिका के मरम्मत की गति को बढ़ावा देता है। यह नए आस-पास जुड़े हुए ऊतकों की भी मदद कर सकता है और ऊतक में नई रक्त वाहिकाओं को बनाता है।

(और पढ़ें - ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के उपाय)

"त्सू ची विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, ताइवान" में एक नर्सिंग शोध प्रयोगशाला में एक रेंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल आयोजित किया गया ताकि पुराने गर्दन दर्द और कंधे के दर्द से मुक्त होने में कपिंग थेरेपी की प्रभावशीलता पता चल सके। इस अध्ययन में, कपिंग थेरेपी का एक उपचार त्वचा की सतह के तापमान को बढ़ाने वाला और सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करने वाला पाया गया है। हालांकि, कपिंग थेरेपी की हमारी समझ और संभावित दीर्घकालिक प्रभावों को बेहतर बनाने के लिए आगे अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।

(और पढ़ें - कंधे के दर्द का देसी इलाज)

कुछ छोटे अध्ययनों से ऐसा लगता है कि कपिंग थेरेपी घुटने के दर्द और गर्दन के दर्द को कम कर सकती है। उदाहरण के लिए, पुराने गर्दन के दर्द वाले 50 लोगों पर 2011 के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने दो सप्ताह तक कपिंग थेरेपी से पांच उपचार प्राप्त किए हैं, उनके इलाज में उन लोगों की तुलना में दर्द में बड़ी कमी आई है, जिन्होंने यह उपचार नहीं लिया।

(और पढ़े - गर्दन में दर्द का घरेलू इलाज)

भले ही कपिंग थेरेपी के ये कथित लाभ शारीरिक हो या प्लेसबो प्रभाव हो, हिजामा थेरेपी कुछ लोगों के लिए अभी भी बहुत उपयोगी हो सकती है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹599  ₹850  29% छूट
खरीदें

हिजामा की प्रक्रिया आम तौर पर जब प्रशिक्षित पेशेवरों द्वारा की जाती है तब सुरक्षित होती है। लेकिन जहां कप आपकी त्वचा को छूते हैं उस जगह पर हिजामा के कुछ नुकसान हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं -

कपिंग या कोई अन्य प्रकार की वैकल्पिक या सहायक उपचार शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें और इसे आजमाने से पहले, अपने कपिंग थेरेपी करने वाले चिकित्सक से इस चिकित्सा के बारे में बात करके अपनी हर शंका दूर कर लें।

संदर्भ

  1. Aboushanab TS, AlSanad S. An Overview from a Modern Medicine Perspective J Acupunct Meridian Stud. 2018 Jun;11(3):83-87. PMID: 29436369.
  2. Al-Bedah AMN, et al. The medical perspective of cupping therapy: Effects and mechanisms of action J Tradit Complement Med. 2018 Apr 30;9(2):90-97. PMID: 30963043.
  3. Lowe DT. Cupping therapy: An analysis of the effects of suction on skin and the possible influence on human health. Complement Ther Clin Pract. 2017 Nov; 29:162-168. PMID: 29122256.
  4. Al Bedah AM, et al. Evaluation of Wet Cupping Therapy: Systematic Review of Randomized Clinical Trials. J Altern Complement Med. 2016 Oct;22(10):768-777. PMID: 27557333.
  5. Zhou X, Ruan JW, Xing BF. Analysis on the adverse events of cupping therapy in the application. Zhongguo Zhen Jiu. 2014 Oct;34(10):1023-5. Chinese PMID: 25543441.
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ