हिचकी - Chronic Hiccups in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

January 31, 2024

हिचकी
हिचकी

हिचकी डायाफ्राम के अनैच्छिक संकुचन (दबाव) के कारण होती हैं। डायाफ्राम वह मांसपेशियां हैं, जो आपके पेट से आपके छाती को अलग करती हैं और श्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसमें संकुचन या दबाव के बाद स्वरतंत्र (Vocal cords) अचानक बंद हो जाता है,  जिससे "हिक्" ध्वनि उत्पन्न होती है।

ज्यादा भोजन करने, शराब पीने, कार्बोनेटेड युक्त पेय पदार्थ पीने या अचानक उत्तेजित होने से हिचकी आना शुरू हो सकती है। कुछ मामलों में, हिचकी अन्य रोग या चिकित्सीय स्थिति की ओर संकेत करती है। सामान्यतः लोगों को हिचकी की समस्या कुछ मिनटों के लिए ही होती है। बेहद ही कम मामलों में हिचकी लंबे समय तक जारी रह सकती है। इससे आपको थकान हो सकती है और वजन भी कम हो सकता है।

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हिचकी के लक्षण - Chronic Hiccups Symptoms in Hindi

हिचकी आना एक लक्षण ही होता है। इसमें कई बार आपकी छाती, पेट और गले में कसाव या दबाव महसूस होता है। बात करते समय आपको हिचकी आती है। 

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डॉक्टर के पास कब जाएं

यदि हिचकी पिछले कई घंटों से लगातार हो रही हो और इसके होने से आपको खाने, सोने या सांस लेने में परेशानी हो रही हो, तो इस स्थिति में आपको डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज कराना चाहिए।

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हिचकी के कारण और जोखिम कारक - Chronic Hiccups Causes and risk factors in Hindi

हिचकी आने के कारणों को दो भागों में विभाजित किया जाता है। पहला, 48 घंटे से कम समय में हिचकी आने के कारण और दूसरा, 48 घंटे से अधिक समय तक हिचकी आने के कारण।  

48 घंटों से कम या कुछ घंटों के लिए हिचकी आने के कारण

हिचकी आने के कई कारण होते हैं। 48 घंटों से कम समय के लिए हिचकी आने के सामान्य कारणों में निम्न शामिल हैं -

  • कार्बोनेटेड युक्त पेय पदार्थ पीना।
  • बहुत ज्यादा शराब पीना। (और पढ़ें - शराब की लत कैसे छुड़ाएं)
  • अत्यधिक खाना।
  • उत्तेजित होना या भावनात्मक रूप से तनाव होना। (और पढ़े - तनाव दूर करने के उपाय)
  • अचानक तापमान में परिवर्तन होना।
  • च्युइंगम (Chewing gum) या कैंडी (टॉफी) को चूसने के साथ हवा निगलना।

48 घंटों से ज्यादा समय तक हिचकी आने के कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है।

तंत्रिका में जलन या क्षति होना

लंबे समय तक हिचकी के कारण वैगस नसों (Vagus nerves) या फ्रेनिक नसों (Phrenic nerves) में जलन या किसी अन्य प्रकार की क्षति हो सकती है, यह नसें डायाफ्राम मांसपेशियों के कार्य में सहायता करती हैं। इन नसों की क्षति या जलन होने के कारकों में निम्न शामिल हैं।

  • आपकी गर्दन में ट्यूमर, घेंघा या गांठ (Cyst) होना।
  • गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (Gastroesophageal reflux / पाचन संबंधी रोग)।
  • गले में खराश या गले में सूजन होना।

केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार

आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में ट्यूमर, संक्रमण या किसी चोट के कारण प्रभावित क्षेत्र को होने वाला नुकसान से हिचकी को नियंत्रण करने में बाधा उत्पन्न होती है। इसके उदाहरणों में निम्न शामिल है-

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मेटाबॉलिक विकार और दवाओं के कारण

लंबी अवधि तक हिचकी होने के कारणों में निम्न भी शामिल हो सकती है -

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हिचकी आने के जोखिम कारक

पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा अधिक समय तक हिचकी आने की समस्या देखी जाती है। कुछ जोखिम कारक जो आपकी हिचकी की समस्या को बढ़ा सकते हैं।

  • मानसिक और भावनात्मक समस्याएं – चिंता, तनाव और किसी बात पर उत्तेजित हो जाना, कई बार कम समय व अधिक समय के लिए हिचकी आने का कारण बन सकता है। (और पढ़ें - चिंता दूर करने के उपाय)
  • सर्जरी – कई मामलों में एनेस्थीसिया (सर्जरी के दौरान प्रयोग होने वाली दवा) के कारण हिचकी आने की संभावनाएं बढ़ जाती है। 

(और पढ़ें - सर्जरी से पहले तैयारी)

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हिचकी का निदान - Diagnosis of Chronic Hiccups in Hindi

आप हिचकी आने को खुद महसूस करते हैं। लेकिन, लंबी अवधि तक हिचकी आने व इसके पीछे कोई अन्य रोग होने की जाँच के लिए आपके डॉक्टर कई तरह के परीक्षण करते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।

शारीरिक परीक्षण

शारीरिक परीक्षण में आपके डॉक्टर तंत्रिका तंत्र को जांचने के लिए निम्न चीजों को परीक्षण में शामिल करते हैं।

  • संतुलन और समन्वय। 
  • मांसपेशियों की क्षमता। 
  • सजगता।
  • देखने और किसी चीज को छूकर महसूस करने की क्षमता। 

(और पढ़ें - पैथोलॉजी लैब टेस्ट)

इन सभी टेस्ट में यदि आपके डॉक्टर को हिचकी आने का कोई अन्य कारण लगता है तो वह आपको निम्न तरह के अन्य टेस्ट करने के लिए सुझाव दे सकते हैं।

प्रयोगशाला परीक्षण (Laboratory tests)

आपके खून के नमूनों से निम्न लक्षणों की जांच की जा सकती है।

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इमेजिंग टेस्ट (Imaging tests)

इस प्रकार के परीक्षणों से वैगस नसों (Vagus nerves) , फ्रेनिक नसों (Phrenic nerves) और डायाफ्राम में होने वाली असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है। इमेजिंग टेस्ट में निम्न शामिल हो सकते हैं -

  • छाती का एक्स-रे (और पढ़ें - एक्स-रे के बारे में) 
  • कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (Computerized tomography/ सीटी)  (और पढ़ें - सीटी स्कैन के बारे में)
  • मैग्नेटिक रिसोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging/ MRI/ एमआरआई)

 (और पढ़ें - एमआरआई स्कैन क्या है)

एंडोस्कोपिक परीक्षण (Endoscopic tests)

इस प्रक्रिया में एक पतली, लचीली ट्यूब का उपयोग किया जाता है। इस ट्यूब में छोटा सा कैमरा लगाकर आपकी ग्रासनलिका और सांस नली में आने वाली समस्या को जांचा जाता है।

(और पढ़ें - एंडोस्कोपी क्या होती है)

हिचकी का इलाज - Chronic Hiccups Treatment in Hindi

अक्सर हिचकी को रोकने के लिए किसी तरह के चिकित्सीय इलाज की जरूरत नहीं होती हैं। आमतौर पर हिचकी अपने आप ही ठीक हो जाती है। यदि हिचकी आने के चिकित्सीय कारण हो तो आपको इसको दूर करने के लिए इलाज कराने की आवश्यकता होती है। लगातार दो दिनों से ज्यादा हिचकी आने पर आपको निम्न तरह के इलाज करने/ कराने चाहिए।

चिकित्सीय इलाज

  • डॉक्टर आपको हिचकी दूर करने के लिए इसके कारणों के आधार पर कुछ दवाएं दे सकते हैं।
  • यदि दवाओं की हल्की खुराक के बाद भी हिचकी आना बंद न हो तो आपकी फ्रनिक नस को बंद करने के लिए एनेस्थेटिक का इंजेक्शन दिया जा सकता है।
  • इसके अलावा मशीन के द्वारा आपकी वैगस नस में हल्की सी विद्युतीय उत्तेजना की जाती है। यह तरीका आमतौर पर मिर्गी के इलाज में काम आता है।

हिचकी को दूर करने के अन्य तरीके

वैसे तो हिचकी को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, फिर भी आपको कुछ समय से हिचकी हो रही हो, तो आप कई तरह के उपायों को आजमा सकते हैं, जिनके बारे में हमने यहाँ लिखा है - हिचकी आने पर क्या करें

हिचकी में जटिलताएं - Chronic Hiccups Complications in Hindi

लंबे समय तक हिचकी आने पर आपको नीचे दिये गए कार्यों में परेशानी उत्पन्न हो सकती है। 

  • भोजन के दौरान,
  • सोते समय,  (और पढ़ें - अनिद्रा के उपचार)
  • बोलते हुए,
  • सर्जरी के बाद घाव भरने में, इत्यादि।

(और पढ़ें - सर्जरी की जानकारी)



संदर्भ

  1. National Organization for Rare Disorders. Hiccups, Chronic. USA. [internet].
  2. Fodstad H, Nilsson S. Intractable singultus: a diagnostic and therapeutic challenge. Br J Neurosurg. 1993;7(3):255-60. PMID: 8338646
  3. Full-Young Chang, Ching-Liang Lu. Hiccup: Mystery, Nature and Treatment. J Neurogastroenterol Motil. 2012 Apr; 18(2): 123–130. PMID: 22523721
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Hiccups
  5. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Hiccups

हिचकी की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Chronic Hiccups in Hindi

हिचकी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।