बड चैरी सिंड्रोम - Budd-Chiari syndrome in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

November 05, 2018

March 06, 2020

बड चैरी सिंड्रोम
बड चैरी सिंड्रोम

बड चैरी सिंड्रोम क्या है?

“बड चैरी सिंड्रोम” (Budd-Chiari syndrome) या “हेप्टिक वेन थ्रोम्बोसिस” (Hepatic vein thrombosis) एक ऐसी समस्या है, जिसमें लिवर के अंदर मौजूद नसें रक्त के थक्के के कारण अवरुद्ध होती हैं। इस समस्या की वजह से लिवर से खून की निकासी सही तरीके से नहीं हो पाती और खून दिल तक नहीं पहुंच पाता। रक्त का उचित प्रवाह न होने के कारण लिवर को ताजा ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जिससे उसके लिए सही तरह से कार्य कर पाना मुश्किल हो जाता है। इसके कारण लिवर को गंभीर नुकसान हो सकता है और लिवर फेलियर की स्थिति भी आ सकती है।

(और पढ़ें - लिवर रोग का इलाज​)

बड चैरी सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?

बड चैरी सिंड्रोम होने पर कई समस्याएं होती हैं, जैसे पेट की ऊपरी तरफ तेज दर्द होना और ये दर्द तेजी से बढ़ना, त्वचा व आंख के सफेद वाले हिस्से का पीलापन, लिवर बढ़ना, तिल्ली का बढ़ना, पेट में तरल पदार्थ भरना, लिवर के एंजाइमों में वृद्धि और मस्तिष्क का कोई रोग।

(और पढ़ें - पीलिया के घरेलू उपाय)

बड चैरी सिंड्रोम क्यों होता है?

हेप्टिक वेन सिंड्रोम के सबसे सामान्य कारण हैं रक्त के अनुवांशिक विकार, सूजन से सम्बंधित विकार, लिवर कैंसर, स्वप्रतिरक्षित समस्याएं, लिवर की चोट, गर्भावस्था, इन्फेक्शन, गर्भ नियंत्रण दवाएं और नसों की सूजन

(और पढ़ें - सूजन कम करने का तरीका)

बड चैरी सिंड्रोम का इलाज कैसे होता है?

बड चैरी सिंड्रोम का इलाज सबसे ज्यादा सफल तभी होता है जब इसका निदान जल्दी हो जाता है। इसके इलाज के लिए कई तरीके उपलब्ध हैं। इस स्थिति के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएं या ऐसी दवाएं जो रक्त के थक्के को बनने नहीं देतीं, फायदेमंद हो सकती हैं। बड चैरी सिंड्रोम के हल्के मामलों के लिए अवरुद्ध जगह में शंट (shunt) डाले जाते हैं, ताकि खून का प्रवाह बदला जा सके। नसों में खून के ज्यादा प्रेशर को कम करने के लिए सर्जरी द्वारा उन नसों को खोला जाता है, जिसे "एंजियोप्लास्टी" (angioplasty) कहते हैं। इसके अलावा बड चैरी सिंड्रोम के लिए लिवर का ट्रांसप्लांटेशन बहुत कारगर है।

(और पढ़ें - नसों की कमजोरी का इलाज​)