वैरिकोज वेन्स एक आम समस्या है, जिसमें नसों का आकार बढ़ जाता है और वे दिखने लगती हैं। इसमें नसों का गुच्छा बन जाता है, जिसे स्पाइडर वेन्स भी कहते हैं। यह आमतौर पर पिंडली या जांघ की नसों में होती हैं। जब इन भागों की नसें कमजोर पड़ जाती हैं या खून के बहाव को नियमित रखने वाले वाल्व ठीक से काम करना बंद कर देते हैं तो यह समस्या शुरू होती है। इस स्थिति में आपके पैरों में दर्द, थकान और जलन महसूस होती है, साथ ही झुनझुनी या पैरों में भारीपन भी लगने लगता है।

इस बीमारी का चिकित्सीय और सर्जिकल इलाज महंगा हो सकता है। वैरिकोज वेन्स की गंभीरता को कम करने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों की मदद भी ले सकते हैं। यह उपाय वैरिकोज वेन्स के लक्षणों को कम करने में मदद करेंगे।

(और पढ़ें - वैरिकोज वेन्स का उपचार)

तो चलिए फिर इस लेख में हम आपको वैरिकोज वेन्स के घरेलू उपायों के बारें में बताते हैं –

  1. वैरिकोज वेन्स का घरेलू नुस्खा है व्यायाम - Varicose veins ka gharelu nuskha hai vyayam
  2. वैरिकोज वेन्स की समस्या ठीक करने के लिए वजन नियंत्रित रखें - Varicose veins ki samasya theek karne ke liye vajan niyantrit rakhe
  3. वैरिकोज वेन्स से छुटकारा पाने के लिए फाइबर से समृद्ध आहार खाएं - Varicose veins se chutkara pane ke liye fiber se samridh aahar khaye
  4. वैरिकोज वेन्स का घरेलू उपाय है मसाज - Varicose veins ka gharelu upay hai massage
  5. वैरिकोज वेन्स की परेशानी को दूर करने के लिए खाने में बदलाव करें - Varicose veins ki pareshani ko dur karne ke liye khane me badlav kare
  6. वैरिकोज वेन्स के लिए रोजाना की गतिविधियों को बढायें - Varicose veins ke liye rojana ki gatividhiyon ko badhaye
  7. वैरिकोज वेन्स को ठीक करने के लिए लाल मिर्च का इस्तेमाल करें - Varicose veins ko theek karne ke liye lal mirch ka istemal kare
  8. वैरिकोज वेन्स का घरेलू उपाय है लहसुन - Varicose veins ka gharelu upay hai lehsun
  9. वैरिकोज वेन्स को दूर करने के लिए मड पैक का प्रयोग करें - Varicose veins ko door karne ke liye mud pack ka prayog kare
  10. वैरिकोज वेन्स कम करने के लिए अजमोद का प्रयोग करें - Varicose veins kam karne ke liye ajmod ka prayog kare

रोजाना व्यायाम करने से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। व्यायाम करने से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर भी संतुलित रहता है। ब्लड प्रेशर असंतुलित रहने से भी वैरिकोज वेन्स की समस्या शुरू होती है। कम गति वाले व्यायाम करने से पिंडली की मांसपेशियां सही तरीके से काम करती हैं। आप रोजाना कम गति वाले व्यायाम जैसे स्विमिंग, चलना, साइक्लिंग, योग आदि कर सकते हैं। ऐसे कोई भी व्यायाम जिसमें आपके पैरों का इस्तेमाल हो रहा है जैसे दौड़ना, सीढ़ियां चढ़ना आदि इनसे आपके पैरों की मांसपेशियों में सुधार होगा जो कि ह्रदय तक रक्त को पहुंचाएगा और पिंडली में खून को इक्खट्ठा होने से रोकेगा।

(और पढ़ें - पैरों में सूजन के लक्षण)

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अधिक वजन होने से शरीर के ज्यादातर सभी हिस्सों में तनाव बढ़ता है और इससे आपकी जीवनशैली सुस्त हो जाती है। सुस्त जीवनशैली की वजह से आपका चलना-फिरना भी कम हो जाता है। जिन लोगों का वजन सामान्य से ज्यादा होता है आमतौर पर खून को टांगों से वापस हृदय तक पंप करने की प्रक्रिया ठीक से काम नहीं कर पाती। साथ ही, आपका वजन सामान्य से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि आपकी रक्त वाहिकाओं में खून की मात्रा भी अधिक है। रक्त वाहिकाओं में अधिक खून होने के कारण उनमें दबाव और तनाव बढ़ जाता है। अगर आपको वैरिकोज वेन्स की समस्या है तो रोजाना वजन मापे और अधिक वजन को कम करने की कोशिश करें।

(और पढ़ें - वजन कम करने के उपाय और मोटापा कम करने के उपाय)

फाइबर की मदद से आंतों के कार्य को स्वस्थ बनाने में मदद मिलती है। अगर आपको कब्ज की समस्या है तो ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त आहार खाने की कोशिश करें। मल त्याग करने में अधिक जोर लगाने से पेट के अंदरूनी भाग पर अधिक दबाव पड़ सकता है, इससे नसें और वाल्व खराब हो सकती हैं। अपने आहार में फाइबर से समृद्ध आहार मिलाएं जैसे साबुत अनाज से बने खाद्य पदार्थ, गेहूं, ओट्स, नट्स, अलसी के बीज, मटर, बीन्स, अंजीर, एवोकाडो, टमाटर, ब्रोकली, गाजर, पत्ता गोभी, प्याज, शकरकंद आदि। 

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नसों में खून इखट्टा होने से वैरिकोज वेन्स की समस्या और बढ़ जाती है। इससे पिंडली में रक्त प्रवाह भी रुक जाता है। रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए आप मसाज की मदद ले सकते हैं। आराम-आराम से पैरों की मसाज करने से नसों में रक्त प्रवाह बढ़ता है। मसाज करने के लिए आप नारियल तेल, जैतून के तेल या मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। मसाज करते समय नसों पर दबाव न डालें, इससे कमजोर उत्तकों को नुकसान पहुंच सकता है।

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नमक और सोडियम से समृद्ध आहार शरीर में पानी जमा होने का कारण बन सकते हैं, तो शरीर में वाटर रिटेंशन को कम करने के लिए अपने आहार से नमक वाले खाद्य पदार्थों को निकाल दें। जो खाद्य पदार्थ पोटैशियम से समृद्ध होते हैं वो वाटर रिटेंशन को कम करने में मदद करते हैं। पोटेशियम से समृद्ध आहार जैसे बादाम और पिस्ता, दाल और सफेद बीन्स, आलू, हरी सब्जियां, अंडे, कुछ मछली जैसे सल्मोन और टूना। इसके अलावा, जिन लोगों को वैरिकोज वेन्स की समस्या है उन्हें सभी प्रकार के विटामिन लेने चाहिए जैसे, विटामिन बी6, विटामिन बी9 और विटामिन बी12 आदि। अपने आहार में सूजनरोधी आहार भी मिलाएं जो दर्द व सूजन से राहत दिलाने में मदद करेंगे।

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ऑफिस हो या घर कहीं भी लम्बे समय तक न बैठें। अगर आप लम्बे वक़्त तक बैठे रहते हैं तो आपको कुछ-कुछ देरी पर उठकर टहलना चाहिए। इससे आपके शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है, खासकर पैरों में। कभी भी पैरों को एक-दूसरे के ऊपर चढ़ाकर न बैठें इससे पैरों व पंजों में ब्लड सर्कुलेशन रुक सकता है। अगर आपकी बैठे रहने की जॉब है या घर में भी अधिक बैठे रहते हैं तो पैरों को बैठे हुए भी स्ट्रेच कर सकते हैं और 15 मिनट के लिए चल भी सकते हैं।

 

वैरिकोज वेन्स के लिए लाल मिर्च बहुत ही बेहतरीन उपाय है। लाल मिर्च विटामिन सी और बायोफ्लेवोनॉयड्स से समृद्ध होती है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाती है और नसों में आयी सूजन से आराम दिलाती है। इससे खून का थक्का नहीं जमता और अल्सर की समस्या से बचाव होता है।

वैरिकोज वेन्स ​के लिए लाल मिर्च का इस्तेमाल कैसे करें -

सामग्री -

  1. आधा छोटी चम्मच लाल मिर्च पाउडर।
  2. दो कप गुनगुना पानी।

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले दो कप पानी को गर्म करें।
  2. अब उसमें लाल मिर्च पाउडर डालें।
  3. अच्छे से पूरे मिश्रण को चलाकर पी जाएँ।
  4. इस मिश्रण को पूरे दिन में दो से तीन बार एक महीने तक पियें।

वैरिकोज वेन्स से होने वाली सूजन और अन्य लक्षणों को दूर करने के लिए लहसुन बहुत ही बेहतरीन जड़ी बूटी है। यह रक्त वाहिकाओं के हानिकारक विषाक्त पदार्थों को खत्म करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।

लहसुन का इस्तेमाल कैसे करें -

सामग्री -

  1. पांच लहसुन की फांकें।
  2. दो संतरे का जूस। (और पढ़ें - संतरे के जूस के फायदे)
  3. एक चम्मच जैतून का तेल।

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले लहुसन की फांकें लें और फिर उसे किसी साफ बर्तन में रख दें।
  2. अब संतरों को मिक्सर में डालें और उसका जूस किसी बर्तन में निकाल लें।
  3. अब जूस में जैतून का तेल मिलाएं।
  4. इस मिश्रण में लहसुन की फांकों को भी मिला लें।
  5. पूरे मिश्रण को अच्छे से मिलाने के बाद 12 घंटे के लिए ऐसे ही रख रहने दें।
  6. उंगलियों पर मिश्रण लेने के बाद प्रभावित क्षेत्र पर आराम-आराम से 15 मिनट तक मसाज करें।
  7. अब उस क्षेत्र को कॉटन के कपड़े से बांधे और रातभर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  8. कुछ महीने तक इस उपाय को इसी तरह दोहराएं।
  9. इसके अलावा आप अपनी डाइट में भी लहसुन को मिला सकते हैं।

(और पढ़ें - खाली पेट लहसुन खाने के फायदे)

मडपैक को वैरिकोज वेन्स पर लगाने से बढ़ती नस को कम करने में मदद मिलती है। मडपैक इलाज से अक्सर दर्द से बहुत जल्द छुटकारा मिलता है। मडपैक के लिए आप मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल कैसे करें -

सामग्री -

  1. दो बड़ी चम्मच मुल्तानी मिट्टी।
  2. कुछ मात्रा में पानी।

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले एक कटोरी लें और फिर उसमें मुल्तानी मिट्टी डालें।
  2. अब उसमें पानी को भी मिला दें।
  3. पूरे मिश्रण को अच्छे से मिलाने के बाद इसे रात को सोने से पहले पैरों पर लगाएं।
  4. सुबह में, पेस्ट को गुनगुने पानी से धो लें और फिर तौलिये से पोछ लें।
  5. जब पेस्ट सूखता है तो इससे आपकी त्वचा टाइट हो जाती है। यह कम्प्रेशन स्टॉकिंग (compression stockings) की तरह काम करता है, जिसमें फैली हुई रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती है रक्त का प्रवाह बेहतर हो जाता है।

अजमोद विटामिन सी से समृद्ध होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कोलेजन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और यह कोशिकाओं को पहुंचे हुए नुकसान को भी ठीक करता है। इसमें रुटिन (rutin) होता है, जो नसों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है और इस तरह यह वैरिकोज वेन्स के लिए बहुत ही प्रभावी है।

अजमोद का इस्तेमाल कैसे करें -

सामग्री -

  1. मुट्ठीभर अजमोद की पत्तियां। (और पढ़ें - अजमोद के फायदे)
  2. दो कप पानी।
  3. दो बूँद गुलाब का तेल। (और पढ़ें - गुलाब का तेल बनाने की विधि)
  4. दो बूँद गेंदे के फूल का तेल। (और पढ़ें - गेंदे के फूल के फायदे)

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले एक बर्तन में दो कप पानी लें।
  2. अब उसमें मुट्ठीभर अजमोद की पत्तियों को पांच मिनट तक गर्म करें।
  3. फिर गैस को बंद कर दें और बर्तन को ढक दें।
  4. मिश्रण को ठंडा होने के लिए छोड़ दें। ठंडा होने के बाद मिश्रण को किसी बर्तन में छान लें।
  5. अब इसमें गुलाब का तेल और गेंदे के फूल का तेल मिलाएं।
  6. पूरे मिश्रण को अच्छे से मिलाने के बाद इसे कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रख दें।
  7. अब रुई को मिश्रण में डुबोये और गीली रूई को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
  8. अच्छा परिणाम पाने के लिए इस उपाय को कुछ महीने तक रोजाना दोहराएं।
  9. साथ ही कच्ची अजमोद भी जितना हो सके उतनी खाएं।

संदर्भ

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